Page 23 - Prayas Magazine
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                            स्वस्थ्य रहने क े  चलए क ै से करें इटरनेट का प्रयोि








          क ु छ साल पहले हमारे पास समय की कोई कमी नहीं र्ी. हमारे पास पररवार, खेल क ू द व ररश्तेदारो क े  चलए बहुत समय
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                                                                                  ं
          होता र्ा. हमें अपने सेहत क े  चलए भी ज़्यादा चिचतत नहीं होना पड़ता र्ा. आज की इटरनेट की दुचनया ने हमें पुराने और
          दूर दराज क े  दोस्तों और ररश्तेदारों से जोड़ तो चदया है पर असल चजदिी मैं हमारे पास उनसे व्यचिित तौर पर चमलने
                                                                     ं
          का समय नहीं है. रोज़ क े  काम काज क े  चलए बहुत सी मशीनों का अस्तेमाल शुऱू हो िया है पर चफर भी हमारे पास
          समय की कमी है और हम अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे. रोजाना हम अपने कीमती समय को सोश्ल

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          मीचिया में बरबाद कर देते है. आज क े  समय में हम इटरनेट को छोड़ तो नहीं सकते पर उसका इस्तेमाल अपने स्वास्थ्य
          को चफट रखने क े  चलए कर सकते है.



          एक बैंक काचमषक होते हुये हमें अपने आप को चफट रखना बहुत जऱूरी है. क्योंचक साय: 98:88 बजे से शाम 86:88 बजे
          तक हमारा ज़्यादातर समय कायाषलय/शाखा में बैठने में चनकल जाता है. हम लोि जािऱूक तो है चक हमें चफट रहना

          िाचहए पर रोज़ रोज़ क े  काम काज में व्यस्त होने क े  कारण कही न कही हम अपने स्वास्थ्य को अनदेखा कर देते है.
                                                                                                       ं
          आज कल मधु मेह व चदल क े  दोरा की मरीज काफी बढ़ िए है. चजसका सीधा करना व्याम की कमी व जक फ ू ि है .
          क ु छ लोि चजम जॉइन तो कर लेते है पर चजम का उड़माद चसफ ष  पैसे भरने तक ही होता है और क ु छ चदन बाद चजम जाना

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          भी बद हो जाता है.  चफर कभी िमी, कभी बाररश ओर कभी सदी का बहाना हमें व्याम करने से रोकने क े  चलए काफी
          होता है.

                                                                                                      ं
                 सचदषयों क े  आते ही आप ने टीवी, समािार पत्र में देखा होिा की बहुत सी मैरर्ॉन व साईचक्लि की इवैंट
          आयोचजत  की जाती है. अिर आप इसमे भाि लेंिे तो आप को पता िलेिा की लोि अपने आप को चफट रखने क े  चलए
          रेिुलर वक ष आउट करते है. उम्र की कोई सीमा नहीं है. आपने फ़ौजा चसह का नाम तो सुना ही होिा चजनकी उम्र 986
                                                                        ं
          साल है और वह सबसे बाजुिष Marathoner कहलाते है. उनको “ Turbaned Tornado” क े  नाम से भी जाना जा रहा है।



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                 आज क े  इस इटरनेट क े  युि में हम सब क े  पास मोबाइल फोन व घर मैं इटरनेट आसानी से उपलधध है. हम
          इटरनेट की मदद से अपने आप को चफट रख  सकते है. Google Play Store व App Store में बहुत सी फ्री एप्प्स मौजूद
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          है जो हमारे एचक्टव चमनट नोट करती है और सािाचहक व माचसक एचक्टव घटो का अकलन भी करती है सार् ही
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          आपकी क्षमता क े  चहसाब से ट्रेचनि प्रोग्राम का िुनाब भी कर सकते है. क ु छ प्रचसर्द् मोबाइल एप्प्स नीिे चलखे अनुसार
          है :-












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