Page 28 - Prayas Magazine
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9. स्पशष व्यजन
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'क' से 'म' तक 28 वणष स्पशष तर्ा 5 व्यजन स्पशष सघषी व्यजन कहलाते हैं। इनका उच्िारण करते समय चजह्वा
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का तालु, दाूँत आचद से उच्िारण स्र्ानों से पूरा स्पशष होता है। इड़हें पाूँि विों में रखा िया है और हर विष में पाूँि-
पाूँि व्यजन हैं। हर विष का नाम पहले विष क े अनुसार रखा िया है जैसे:-
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क - विष क ख ि घ ङ कोमल तालव्य व्यजन स्पशष
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ि - विष ि छ ज झ ञ तालव्य व्यजन स्पशष-सघषी व्यजन
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ट - विष ट ठ ि ढ ण (मूधषड़य व्यजन) स्पशष
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त - विष त र् द ध न (दत्य व्यजन) स्पशष
प - विष प फ ब भ म (ओसॎठ ् य व्यजन) स्पशष
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i. स्पशष:-
विष उच्िारण स्र्ान अघोष अल्पप्राण अघोष महाप्राण सघोष अल्पप्राण सघोष महाप्राण
नाचसक्य
कोमल तालव्य
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( कठ ् य ) कोमल तालु क ख ि घ ङ स्पशष
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तालव्य तालु ि छ ज झ ञ स्पशष-सघषी व्यजन
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मूधषड़य तालु का मूधाष भाि ट ठ ि ढ ण स्पशष
दत्य दाूँत त र् द ध न
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(वत्स्यष) स्पशष
ओसॎठ ् य दोनों होठ प फ ब भ म स्पशष
2. उचत्क्षि व्यजन (Flap Consonants)
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ये चनम्नचलचखत दो हैं-
ड़, ढ़
ड़ (सघोष, अल्पप्राण, मूधषड़य, उच्िारण स्र्ान, तालु का मूधाष भाि)
ढ़ (सघोष, महाप्राण, मूधषड़य, उच्िारण स्र्ान, तालु का मूधाष भाि)
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