Page 29 - Prayas Magazine
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        3. अतःस्र् (अतस्र्) व्यजन (Approximant Consonants)
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        ये चनम्नचलचखत िार हैं -

        य र ल व

        य - (तालव्य, उच्िारण स्र्ान- तालु)

        र - (वत्स्यष, उच्िारण स्र्ान- वत्सष)

        ल - (वत्स्यष, उच्िारण स्र्ान- वत्सष)

        व - (द्वयोसॎठ ् य, उच्िारण स्र्ान- दोनों होठ)

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        4. ऊष्ट्म (सघषी) व्यजन (Sibilants)
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        ये चनम्नचलचखत िार हैं -

        श ष स ह


        श - (अघोष, तालव्य, उच्िारण स्र्ान- तालु)

        ष - (अघोष, मूधषड़य, उच्िारण स्र्ान- तालु का मूधाष भाि। इसका उच्िारण चहदी में 'श' जैसा ही होता है।)
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        स - (अघोष, वत्स्यष, उच्िारण स्र्ान- वत्सष)

        ह - (सघोष, स्वरयत्रीय, उच्िारण स्र्ान- स्वरयंत्र)
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        अयोिवाह वणष (Ayogwah characters)

        स्वर व व्यजन से बने वणष अयोिवाह कहलाते हैं। इसमें पहले स्वर का उच्िारण होता है, जैसे- अ+म्=अ और
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        अ+ह्=अः

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        सयुि व्यजन (Conjunct characters or consonants)
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        दो व्यजनों क े  योि से बने हुए व्यजनों को सयुि व्यजन कहते हैं। चहदी में चनम्नचलचखत िार व्यजन (क्ष, त्र,
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        ज्ञ, श्र) ऐसे हैं, जो दो-दो व्यजनों क े  योि से बने हैं, चकतु एकल वणष क े  ऱूप में प्रयुि होते हैं।
        क ्  और ष क े  योि से बना हुआ- क्ष   ( क ् +ष ) = क्ष
        त् और र क े  योि से बना हुआ- त्र    ( त्+र ) = त्र
        ज् और ञ क े  योि से बना हुआ- ज्ञ    ( ज्+ञ ) = ज्ञ
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        इसका उच्िारण चहदी में 'ग्य' जैसा होता है

        श् और र क े  योि से बना हुआ- श्र    ( श्+र ) = श्र














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