Page 142 - Sanidhya 2025
P. 142
े
ं
े
ै
ृ
े
ु
सीसीार मेंं मेंनोंुष्य की उत्पकित्त क सीाथा ही प्रककित नोंे स्वस्था जीीवानों उपीाजीिनों क किलायाे वाो सीब कछ वारदानों क रुपी मेंं हमेंं इसीी �रा पीर किदयाा ह, किजीसीको
ु
ृ
े
ू
ू
हमेंार पीवािजीों वा ऋृकिष मेंकिनोंयाों नोंे अपीनोंे बौस्तिद्धक कौशला वा अथाक प्रयाासीों सीे वानोंस्पीकितयाों मेंं सीे औष�ीया रूपीी जीड़ी बकिटीयाों को पीहचाानोंा और लाोगों क
े
स्वस्था जीीवानों उपीाजीिनों हतु उपीलाब्धता वा उपीयाोग को शलाभा बनोंायाा।
े
ु
ै
ू
ू
े
े
ू
प्राचाीनों काला सीे ही हमेंार पीवािजीों नोंे अपीनोंे सीम्पणि जीीवानों को रोग मेंुक्त व्यातीत करनोंे क किलायाे अपीनोंे दकिनोंक आहार मेंं रोग किनोंवाारण जीड़ी बकिटीयाों को
ै
ै
अहमें स्थाानों किदयाा और एक स्वस्था वा किनोंरोगी जीीवानों किजीयाा ह। आजीकला की अकिनोंयाकिमेंत जीीवानों शलाी वा अकिहतकारी आहार सीे उच्चो रक्त चाापी,
ै
ु
ै
ृ
ु
में�मेंेह, सींक्रकिमेंत लाीवार, दमेंा वा हृदयाघात आकिद जीसीे रोग आमें हो चालाे ह। किनोंयाकिमेंत वा अनोंषाकिसीत जीीवानों शलाी, प्राककितक वा सीन्तकिलात आहार/
ु
ै
खानोंपीानों द्वाारा इनों रोगों सीे बचाा जीा सीकता ह।
ै
े
े
वातिमेंानों मेंं भाारत सीरकार क आयाुष मेंंत्राालाया सीकिहत अन्य प्रकितकि�त किनोंजीी वा सीरकारी सींस्थाानोंों/सींगठनोंों का भाी आयावानेकिदक औषकि�याों की तरफ
ु
ु
े
े
ं
ै
ू
ु
े
काफी रूझीानों बढुंा ह। किजीसीसीे आयावाेद क द्वाारा नों कवाला हमें भाारतवाासीी अकिपीतु सीमेंचाे सीसीार क मेंनोंष्यों को रोग मेंुक्त किकयाा जीा सीक और एक
े
े
स्वस्था जीीवानों किदयाा जीा सीक।
े
ं
ं
इसीी क्रमें मेंं 1 �पीहदसी ठदण् ब्त्च्था् श्रीींतवाक ज्ञासींद द्वाारा एक छोटी सीे प्रयाासी क रूपी मेंं एक औष�ीया वााकिटीका ;भ्मेंतइसी चा्ंताद्ध किजीसीमेंं किवाकिभान्न
ं
े
ं
ै
ै
े
ै
े
प्रकार की जीड़ी बकिटीयाों, वानोंस्पीकितयाों का सीमेंावाेष ह किजीसीे बला क सीदस्योों क किलायाे बनोंायाा गयाा ह। किजीसीक फलास्वरूपी कम्प पीरिरसीर का वाातावारण
ै
ू
े
ू
ै
ै
तो हरा भारा रहता ही ह, सीाथा ही जीड़ी बकिटीयाों की सीग� सीे जीवाानोंों क स्वास्था पीर भाी सीकारात्मक प्रभाावा पीड़ रहा ह, इसी औष�ीया वााकिटीका सीे प्राप्त
े
ं
ु
होनोंं वाालाी जीड़ी बकिटीयाों की उपीलाब्धता वाटी कन्टीनों क मेंाध्यमें सीे कराई जीाती ह किजीसीका लााभा बला क काकिमेंकों को किमेंला रहा ह। सीाथा ही याह
ै
ू
ै
े
ि
ै
े
े
वााकिहनोंी इनों सीभाी प्रकार की जीड़ी बकिटीयाों को लागानोंे एवां उनोंक उपीयाोग/मेंहत्व सीम्बन्धीी जीानोंकारी सीे जीवाानोंों को भाी लााभा हो रहा ह। ै
े
ू
औषधाीय वााहिटाकोा
(1 Signal Bn. C.R.P.F)
ASI/RO Arsad Ali
1st Signal Battalion

