Page 138 - Sanidhya 2025
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क्रोोसिं�याा � लााभ
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(स्वाास्थ् � सिंलाए ए� माार्गदसिं��ा)
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क्रोोशे केवल एके केला नहींं� हीं, बल्कि� यहीं एके शेारंरिरके रूप स क्रोोसिशेया केरना सक्ष् माोटार
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अभ्याास हीं जोो व्यल्कि� के माानसिसके, भाावनात्मके केौशेल और हींाथ-आखो� के समान्वय केो बहींतार
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और शेारंरिरके स्वाास्थ् के सिलए व्यापके लाभा प्रदाान बनान के सिलए उत्कृष्ट हीं। हुके और धाागे केो चलान े
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केरताा हीं। हुके स धाागे केो लप केरन केा यहीं सरल के सिलए आवश्यके गेदितादिवदिधाया उगेसिलयो� और हींाथो�
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सा दिदाखन वाला केाय दिवश्राामा, रचनात्मकेताा और कें बनावटा केो बनाए रखन या बहींतार बनान मा ं
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व्यल्कि�गेता दिवकेास केा एके शेल्कि�शेालं साधान बन मादादा केर सकेतां हीं। क्रोोसिशेया सभां उम्र के लोगेो�
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जोाताा हीं। के सिलए एके बहींतारंन गेदितादिवदिधा हीं क्योो�दिके यहीं जोोड़ाो�
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केो लचंला और दिदामाागे केो ताज़ा रखन मा मादादा
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क्रोोशे कें दाोहींरावदाार गेदिता ध्याान जोसा शेाता केरतां हीं। क्रोोसिशेया जोसं माानसिसके रूप स उत्तेजोके
प्रभााव दातां हीं। यहीं लयबद्ध दिक्रोया मान केो शेाता गेदितादिवदिधाया उम्र बढ़ान के साथ सज्ञाानात्मके दिगेरावटा
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केरन, तानाव केमा केरन और दिचताा व अवसादा के के जोोल्किखमा केो केमा केर सकेतां हीं।
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लक्षणोंो� केो केमा केरन मा मादादा केरतां हीं। क्रोोशे के
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दाौरान हींमा शेादिता और ध्याान केा अनभाव हींोताा हीं, एके रचनात्मके मााध्यामा, एके शेाता दिदानचया और
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क्योो�दिके इस गेदितादिवदिधा के दाौरान वतामाान क्षणों पर सामादाादियके भाावना प्रदाान केरके, क्रोोसिशेया केल्यााणों
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ध्याान केकिदि�ता केरन कें आवश्यकेताा हींोतां हीं। यहीं के सिलए एके समाग्र दृदिष्टकेोणों प्रदाान केरताा हीं जोो मान
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गेदितादिवदिधा दिचतााओं� और नकेारात्मके दिवचारो� स ध्याान और शेरंर दाोनो� केो लाभा पहुचाताा हीं।
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हींटााकेर माानसिसके शेादिता प्रदाान केरतां हीं। जोब केोई CWA हींमा अपनं प्रदिताभाा दिदाखान केा अवसर दाताा हीं,
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व्यल्कि� क्रोोशे जोस आनदादाायके और रचनात्मके चाहीं वहीं क्रोोसिशेया सिसलाई हींो या केोई भां हींाथ केा
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केायं मा लगेा हींोताा हीं, ताो यहीं माल्कि�ष्क के सिलए एके केामा। हींमा अपनं केलाकेदिता के मााध्यामा स जोब भां
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स्वााभाादिवके मानोदाशेा केो बढ़ाावा दाताा हीं। इसस हींमा ं सभाव हींो, एके व्यवसाय बना सकेता हीं।
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खशें और केल्यााणों कें भाावनाए बढ़ातां हीं। यहीं अकेलपन और सामाासिजोके अलगेाव कें
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भाावनाओं� केो केमा केरन केा भां एके शेानदाार
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क्रोोशे केा केोई भां प्रोजोक्ट परा केरन स, चाहीं े तारंकेा हीं।
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वहीं एके छोोटाा केोस्टर हींो या एके बड़ाा केबल,
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हींमा वा�दिवके उपलल्कि� केा एहींसास हींोताा हीं।
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उत्पाादाकेताा और सफलताा कें भाावना आत्म-सम्माान आयशा खात�
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और आत्मदिवश्वाास केो बढ़ाा सकेतां हीं। यहीं हींमाार पीत्नीी श्रीी किसीपीाही किफ़रोज़ा
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प्रयासो� के प्रत्यक्ष परिरणोंामा केो माहींसस केरन केा
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एके शेानदाार तारंकेा हीं। क्रोोसिशेया एके रचनात्मके
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मााध्यामा के रूप मा भां केामा केरताा हीं जोो रगेो�,
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पटान और दि�ज़ााइनो� के चयन के मााध्यामा स आत्म-
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अदिभाव्यल्कि� केा अवसर प्रदाान केरताा हीं। केलात्मके
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स्वातात्रताा व्यल्कि�त्व केो अदिभाव्य� केरन केा एके
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लाभादाायके तारंकेा हींो सकेताा हीं।

