Page 137 - Sanidhya 2025
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पीस्थि�ग म उपीयंग दिकय जा� वंाल ज्याादिमदितक दिचन्हा वं हीरक किक किवावााह क सीमेंया मेंकिहलााए दल्हनों क घर पीर किचात्राों द्वाारा प्रमें, उवािरता,
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जगही क रगंं सी भार� की दि�या इसी पीस्थि�ग की अन्य शलीयंं सी े दांपीत्या, सीौभाग्य और दवाी-दवाताओंं का आशीवााद दशाियाे जीानोंे हतु
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अलग करती ही । दिमदिथला पीस्थि�ग क बहुत प्रकारंं म दि�म्नदिलस्थिखत बनोंायाी जीाती ह । पीहलाे याह घरों की दीवाारों, गोबर - पीानोंी सीे किलापीे कोनोंों
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प्रकार बहुत प्रचदिलत ही :- और कच्चोे घरों क अंदर बनोंायाा जीाता थाा। अब याह कागजी, कपीड़ और
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कनोंवाासी पीर भाी बनोंाई जीाती ह ।
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कच�ी शली – किमेंकिथालाा पीनेकिटीग मेंं कचानोंी एक प्रमेंुख पीारपीरिरक शलाी ह,
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किजीसीका रखांकनों याा लााइनों ड्ाइग होता ह । याह शलाी सी� रखाओंं, तास्थि�क शली – किमेंकिथालाा पीनेकिटीग मेंं “तास्तिन्त्क शलाो” एक किवाशेष और
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सीीकिमेंत रगों और जीाकिलायाों सीे किचात्रा बनोंानोंे की कलाा ह, किजीसीमेंं रगों का गढ़ा शलाी ह, किजीसीका सीब� किहन्दुद तत्रा पीरपीरा, दवाी-दवाताओंं क
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उपीयाोग बहुत कमें अथावाा किबल्कला नोंहीं क बराबर होता ह। ै रहस्योमेंया रूपी और सीा�नोंा सीे जीड़ी प्रतीकात्मक आककितयाों और मेंत्राों
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की शस्तिक्त को दशायाा जीाता ह। पीनेकिटीग्स मेंं तजी रग, गभाीर चाेहर और
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भार�ी शली - भारनोंी शलाी किमेंकिथालाा किचात्राकलाा की एक पीारपीरिरक रगीनों तजी नोंत्राों का उपीयाोग होता ह । इनों किचात्राकलाा मेंं ऐसीी आककितयाा� बनोंाई
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शलाी ह। इसी शलाी मेंं किचात्राों की आककितयाों को रगों सीे भारकर सीजीायाा जीाती ह किजीसीसीे ध्यानों, सीा�नोंा और शस्तिक्त का आभाासी होता ह। ै
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जीाता ह, इसीकिलाए इसीे भारनोंी शलाी कहा जीाता ह। याह शलाी खासीतौर पीर
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रगों सीे भारा हुआ �ाकिमेंिक किचात्राों क किलाए प्रयाोग होता ह । इसीमेंं लााला,
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पीीलाा, नोंीलाा, हरा, गुलााबी, नोंारगी आकिद प्राककितक याा पीाउड्र रगों का पीवाि मेंं बॉसी क छोटी-छोटी स्ति�क पीर कॉटीनों लापीटी कर ब्रेश बनोंायाा जीाता
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उपीयाोग किकयाा जीाता ह। इसीकी सीीमेंाए कालाे याा गहर रग सीे बनोंी होती थाा वा इसीका इ�मेंाला पीस्तिन्टग क किलाए किकयाा जीाता थाा, पीरन्तु आजीकला
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ह, किजीसीमेंं बारीक सीजीावाटीी पीटीनोंि होते ह । नोंामेंिला ब्रेश का इ�मेंाला कर पीस्तिन्टग की जीाती ह। पीवाि मेंं प्रत्याेक पीस्तिन्टग
एक Theme Based होता थाा। किजीसीमेंे �ाकिमेंिक कथााओंं का वाणिनों हुआ
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गंदों�ा शली - किमेंकिथालाा पीनेकिटीग की किवाकिवा� शकिलायाों मेंं सीे गोदनोंा किवाशेष करता थाा, पीरन्तु आजीकाला किवा�ार क तौर पीर �ाकिमेंिक कथााओंं क
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और पीारपीरिरक शलाी ह । याह शलाी पीवाि मेंं व्यास्तिक्तयाों द्वाारा अपीनोंे शरीर अकितरिरक्त, प्रककित, सीामेंाकिजीक करीकितयाों, राष्ट र ीया किदवासी (याथाा गणतत्रा
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पीर दवाी-दवाता, बला, फला, पीशु-पीक्षी इत्यााकिद का टीटी बनोंवाानोंे सीे शुरू किदवासी, स्वतत्राता किदवासी), राष्ट र ीया एकता, बेटीी बचााओंं-बेटीी पीढ़ााओंं
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हुआ किजीसीे बाद मेंं कागजी, कपीड़ याा दीवाारों पीर भाी किचाकित्रात किकयाा जीानोंे इत्यााकिद राष्ट र ीया मेंहत्व क किवाषया क सीाथा-सीाथा सीीकिड्याों, ज्वेेलारी,
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लागा इसीमेंं कालाे रग एवां हल्क लााला रग का प्रयाोग किकयाा जीाता ह। ै होमेंड्कर सीामेंानोंों पीर भाी पीर भाी पीस्तिन्टग का किवा�ार हुआ ह । किमेंकिथालाा
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पीस्तिन्टग नों कवाला एक कलाा ह बस्तिल्क �ाकिमेंिक भाावानोंा, सीामेंाकिजीक
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कंहीबर शली – कोहबर शलाी किमेंकिथालाा पीनेकिटीग की नोंारी सीजीनोंशस्तिक्त, व्यावास्थाा, भाारतीया सींस्कृकित वा पीरम्परा को व्याक्त करनोंे का एक जीरिरयाा
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सींस्कृकित और लाोक आस्थाा का सीुंदर प्रतीक ह। किजीसीमेंं याह पीरपीरा ह ै ह जीो किदनों प्रकितकिदनों नोंई ऊचााईयाों को छ रहा ह ।
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लस्थिखका दिमदिथला पीटिंदिटग की प्रदिशदिक्षात कलाकार ही। यदिदों आपी भाी इसी अदों � भात कला कं सीीख�ा चाहीत ही, तं उन्हा ं
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इस्टीाग्रुाम और यट्यूब पीर फ़ॉॉलं कर सीकत ही। ं
BRUSHES_OFMITHALA_ https://youtube.com/shorts/sVUvJTgkpn4

