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बस्तर






                                                        छत्तीीसगढ काा हृदय



                                                             �
                                                                                                    ै
                                                                               ु
                                                                                                  े
                                                                               �
                                                        बस्तर सभंगाँ , छेत्तीसगाँढ़ कांं एकां सदेर और आजिदेवेंसी बहुल क्षेत्र ही �ो
                                                                                               े
                                                        अपुनांी प्रंकांजितेकां सदेरतें और समा�  संस्कजितेकां जिवेरंसते कां जिलए �ंनांं
                                                                                  �
                                                                    �
                                                                    ु
                                                                              ृ
                                                                                    ृ
                                                               ृ
                                                        �ंतें ही। यहीं आ� भी कांई �गाँही अछेतें �ल ही। लजिकांनां जिपुछेल कांछे
                                                                �
                                                                                          े
                                                                                                  े
                                                                                ू
                                                                                        ै
                                                            ै
                                                                                                    ु
                                                              े
                                                                                        ै
                                                                   े
                                                        देशकांो  स  यही क्षेत्र नांक्सलवेंदे स प्रभंजिवेते रहीं ही। जि�र भी इस नांक्सलवेंदे
                                                                              े
                                                                                        े
                                                                                                        े
                                                                          ृ
                                                        कां बीची �ंनांीय लोगाँो नां प्रंकांजितेकां सौन्दयतें एजितेहींजिसकां स्मांरकांो कांो  सही�
                                                                                   व
                                                                       े
                                                        े
                                                                  ै
                                                        कांर रखंं हुआ ही। य स्मांरकां जिस� पुत्थर और इटेो�  स बनांी इमांरते नांहीी
                                                                                       �
                                                                     े
                                                                                                   ं
                                                                             व
                                                                                           े
                                                                   े
                                                                                          �
                                                                                            ृ
                                                        बस्थि� इस क्षेत्र कां गाँौरवेशंली इजितेहींस, कांलं तेथां सस्कजिते कांं पुरिरचींयकां
                                                                े
                                                                                            ु
                                                                े
                                                        ही। नांक्सल क्षेत्र मा सशस्त् बल खंंसकांर कांन्द्ीय रिर�वे पुजिलस बल नां शंजिते
                                                                                   े
                                                                                                    े
                                                                                          व
                                                         ै
                                                                                                      �
                                                                   ं
                                                                       ू
                                                                                    ै
                                                                         व
                                                                  ं
                                                                े
                                                                                                 �
                                                        �ंजिपुते कांरनां मा अभते पुवे योगाँदेंनां जिदेयं ही। आ� इसकांं ज्वालते उदेंहीरणी
                                                                        ू
                                                                  े
                                                                                े
                                                                                   ृ
                                                              व
                                                                                            व
                                                         ै
                                                        ही जिकां पुयटेकां बखंौ� हीोकांर   स्तर कां प्रंकांजितेकां सौन्दय और स्मांरकां कांो
                                                                                                    �
                                                             े
                                                        े
                                                                     े
                                                        देखं रही ही। बस्तर मा �लप्रपुंते, नांजिदेयं, पुहींड़, �गाँल अभयंरण्य, माजिदेर,
                                                                                        �
                                                              ै
                                                                                 �
                                                                                              े
                                                                                             े
                                                                                                       ू
                                                        ऐजितेहींजिसकां ईमांरते आजिदे हीर �गाँही जिमाल �ंयगाँ। इन्हेी मा स कांछे माहीत्वपुणी  व
                                                                                                ु
                                                                                      े
                                                                                       े
                                                                            �
                                                                            ै
                                                        �ंनांो� कांं जिवेवेरणी इस प्रकांंर ही -
                                                                                     े
                                                                                              े
                                                                                               ं
                                                                                                 �
                                                        कि�त्र�ोट जलाप्रपाात,बस्तर  छोत्तेंसगेढ़ा के ब�र सिजोल मा  इ�ावतां नदां
                                                                            ः
                                                                               �
                                                        पर दिचत्रकेोटा जोलप्रपाता हीं। इसकें उचाई 90 फंटा और चड़ााई 150 मांटार
                                                                        ै
                                                                                             ै
                                                                 ं
                                                               े
                                                                                  े
                                                        (बरसाता मा) हीं। यहीं छोत्तेंसगेढ़ा केा सबस  ज्याादाा जोल कें माात्रा वाला
                                                                                                  ु
                                                                   े
                                                                                                        ँ
                                                               ै
                                                                                                    ं
                                                                                           ै
                                                        जोलप्रपाता हीं सिजोस ‘भाारता केा दिनयाग्रा‘ भां केहींा जोाताा हीं। वर्षाा ऋता मा  यहींा
                                                                                               य
                                                                                           े
                                                                                 ै
                                                                        �
                                                        केा वाताावरणों बहुता रोमााचकेारं हींोताा हीं। जोलप्रपाता के पास नौकेा दिवहींार
                                                                                           े
                                                                                             े
                                                                                         े
                                                                    ु
                                                                              ं
                                                        केा एके अद्भुुता अनभाव हीं। राता मा जोलप्रपाता केो दाखन के सिलए प्रकेाशे कें
                                                                        ै
                                                        उत्तेमा व्यवस्थाा हीं।
                                                                  ै
                                                                                                      े
                                                                            े
                                                                           �
                                                        दतश्वरी माकिदर,दतवााडा़ःा  दाताश्वारं मााताा केा मादिदार छोत्तेंसगेढ़ा राज्या के
                                                                                       �
                                                         ं
                                                          े
                                                                         ः
                                                                    ं
                                                                         �
                                                               ं
                                                                     े
                                                                                      े
                                                                   े
                                                          े
                                                                              �
                                                        �
                                                                                        �
                                                                                                   ै
                                                        दातावाड़ाा सिजोला के शेदिकेनं और �दिकेनं नदां के सगेमा पर ल्किस्थाता हीं। यहीं एके
                                                                     �
                                                        प्राचंन परातााल्कित्वके और आध्यााल्कित्मके के�  हीं। तात्र च�ामासिणों के अनसार यहीं
                                                                                                    ु
                                                                                 ं
                                                                                                े
                                                                                     ै
                                                                                       �
                                                             ु
                                                                                            �
                                                                                          ू
                                                                          ै
                                                                                             �
                                                                                  ै
                                                                                                 ँ
                                                        भाारता के 52 व  शेल्कि�पंठ हीं। माान्यताा हीं दिके सतां केा दााता यहींा  दिगेरा था।
                                                             े
                                                                 ं
                                                                                                  े
                                                                                      �
                                                                             े
                                                        यहीं केाकेतांय शेासकेो� कें इष्ट दावं थं। यहीं मादिदार राजोा अन्नाामा दाव द्वाारा
                                                        14वं� शेतााब्दीं मा दादिक्षणों भाारतांय शेलं मा बनाया हुआ हीं। वतामाान मादिदार केा
                                                                               ै
                                                                  े
                                                                                  ं
                                                                                                    �
                                                                                                य
                                                                                            ै
                                                                        े
                                                        पनदिनमााणों 1880 ई0 मा � वारगेल के राजोा दिहींरला दिचतार न केरवाया। यहीं
                                                         ु
                                                                                              े
                                                                               े
                                                                          �
                                                           य
                                                                                           े
                                                                                          य
                                                                                        ु
                                                                                                      ै
                                                                          ै
                                                                       े
                                                        ब�र सभाागे कें केलदावं हीं। दाताश्वारं मााताा कें मादिता 6 भाजोाओं  वालं हीं जोो
                                                                                             ु
                                                             �
                                                                              े
                                                                            �
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                                                        दिके केाल पत्थर कें हीं। मादिदार प्रागेणों मा गेभा  गेहीं,माहींामा�पमा,माख्य मा�प
                                                                                                  े
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                                                                   ै
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                                                                               े
                                                                                              ै
                                                        और सभाा मा�प हीं। मादिदार सागेौन के 24 �भाो  पर खड़ाा हीं। प्रवशे द्वाार पर
                                                                               ं
                                                              �
                                                        गेरूड़ा �भा ताथा दिवष्णु दाशेावताार मा दिवराजोमाान हीं।
                                                                                        ै
                                                                      ु
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                                                                                              े
                                                        तीरथर्गढ़ जलाप्रपाात,बस्तर  छोत्तेंसगेढ के ब�र सिजोल के केाकेर घााटां
                                                                                     े
                                                                                                  �
                                                                                               े
                                                                            ः
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                                                                    �
                                                                     े
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                                                                                          ै
                                                        राष्ट ी ंय उदाय �ान मा� तांरथगेढ़ा जोलपप्र �ाता ल्किस्थाता हीं। यहीं जोगेदालपरु स 35
                                                        दिकेलोमांटार कें दारं पर हीं। झरन कें उचाई लगेभागे 300 फंटा हीं। यहींा केा
                                                                             े
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                                                                                                  ै
                                                                      ॅ
                                                        झरना केई झरना मा  बटा केर संढंऩ नमाा  रूप मा प्रकेटा हींोताा हीं सिजोसस  े
                                                                   �
                                                                    ं
                                                                                                  ै
                                                                                 ु
                                                                                        ं
                                                            �
                                                        एके सदार दृश्य प्रकेटा हींोताा हीं। मानगेा और बहींार नदां पर ल्किस्थाता यहीं
                                                            ु
                                                                             ू
                                                                           ै
                                                                                                       ै
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                                                        जोलप्रपाता च�ाकेार रूप मा हीं। यहींा  एके प्राचंन सिशेव-पावतां मादिदार भां हीं।
                                                                               ँ
                                                                                                 �
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                                                                                              य
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                                                                                   े
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                                                           ू
                                                        अक्टबर स फरवरं ताके यहीं जोगेहीं घामान के सिलए बहींतार हीं। ै
                                                                                  े
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