Page 87 - Sanidhya 2024
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भुारा� के र्वीरा: “प्र�ीके ति�न्ही औरा टगलााइन”
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�द्रोीया गीहै मु�ी द्वाा�ा 09 अप्रल, 2017 �ं “भाा�त � वाी�” पंटील �ं लॉन्च कि�याा गीयाा थाा, किजास�ा उद्देश्य उन प्रती�
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किचन्हे �ं सकिवाधैा प्रदान ��ना थाा जां �द्रोीया सशस्त् पकिलस बलंं, असमु �ाइफल्स औ� �ा� ी ीया स�क्षेा गीाडो (NSG) � शहैीदंं �
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परि�जानंं (NOKs) �ं दान दना चाहैत है। दान�ता, पंटील/वाबसाइटी � मुाध्यमु स सीधै परि�जानंं � खात मु याा भाा�त �
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वाी� नामु� �ं� मु यांगीदान �� स�त है। भाा�त � वाी� � मुाध्यमु स े कि�ए गीए सभाी यांगीदान आया�� अकिधैकिनयामु,
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1961 �ी उपधैा�ा 80 (जाी) � तहैत आया�� स मु� है। दान�ता ि डोकिबटी/क्रकिडोटी �ाडो, याकिनफाइडो पमुटी
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इटी�फस (यापीआई) � मुाध्यमु स औ� भाा�त � वाी� � नामु स (In favour of) च� /
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डोाफ्ट � मुाध्यमु स भाी यांगीदान �� स�त है। ‘भाा�त � वाी� टी�’ �ॉपो�टी संशल
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रि�स्पंंनेल्कि�किलटीी (CSR) � तहैत पजाी�त है किजास� फलस्वारूप �ॉपो�टी �र्व�ोत कौ�
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पत्नीी �ी किवाजाया �मुा� बस, 2IC
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सक्टू� भाी शहैीदंं � परि�वाा�ंं � �ल्यााण � किलए ‘भाा�त � वाी� �ं�‘ मु ं स्पशल सल (�ल्यााण)मुहैाकिनदशालया
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अपना यांगीदान द स�त है। �न्द्ीया पकिलस बलं � किवावााकिहैत शहैीदंं �
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मुाता-किपता �ं भाा�त � वाी� �ं� स किदना� 01.05.2020 स 10 लाख रुपया �ी किवात्तीया सहैायाता
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प्रदान �ी जााती है। इस� अकितरि�� भाा�त � वाी� �ं� स 10 लाख रुपया उन �न्द्ीया पकिलस बलंं �
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जावाानं �ं प्रदान कि�या जाात है जां सकिक्रया ड्यूटीी � दौ�ान अश�ता याा घाायाल हैंन � उप�ात सवााकिनवात्त
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हुए है। याहै प्रावाधैान किदना� 01/01/2021 �ं याा उस� बाद अश�ता/घाायाल हैंन � उप�ात सवााकिनवात्त हुए
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जावाानंं प� लागी है। अकिधै� दृश्यता औ� जान समुहै त� पहुच � किलए भाा�त �
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वाी� टी� � किनम्नकिलल्किखत “प्रती� किचन्हे औ� टीगीलाइन” �ा किनणया किलयाा गीयाा है, किजान्हे स��ा�ी �शन�ी/पस्तं�ंं औ� समुया-समुया
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प� मुहैत्वपण अवास�ंं प� प्रमुख स्थाानंं प� प्रदकिशत कि�ए जाान वााल किवाकिभान्न स��ा�ी हैंकिडोग्स प� किवाज्ञााकिपत/मुकिद्रोत कि�याा जााना आवाश्य� है।
भा�त क र्वी� “प्रतीक निचन्ह” का निर्वर्व�णी:
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“शुौयो, सााहसा औ� बानिलदाा� का निचत्रापुटे(टेपुस् टेी)”।
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“भाा�त � वाी�” � प्रती� � रूप मु हैमु भाा�त � �द्रोीया सशस्त् पकिलस बलंं � अदम्य साहैस � प्रकित अत् यात �द्धाा �ा भाावा �खत है। याहै ए�
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उत्कृ� �कित है जां कि� शौया, साहैस औ� बकिलदान �ा सा� समुटी हुए है। इस प्रती� � प्रत्यं� तत्व �ं हैमुा� �ा� ी �ी अन�ता मु ए�ता � तान-बान स े
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प्र�णा लत हुए सावाधैानीपवा� तयाा� कि�याा गीयाा है। भाा�त � वाी� “प्रती� किचन्हे” � किलए चन गीए �गी हैमुा� कित�गी � प्रकित ए� मुौन �द्धााजाकिल है, जां हैमुा� े
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�ा� ी ीया ध्वजा �ं सशंकिभात ��न वााल �सरि�याा, सफद औ� है� �गी �ी प्रकितध्वकिन �ं प्रकितकिबकिबत ��त है। या �गी न �वाल हैमुा� मुहैान �ा� ी �ी अन�ता मु ं
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ए�ता � प्रती� है, अकिपत हैमुा�ी पहैचान, शल्कि�, शाकित औ� जाीवातता �ं भाी दशात है। सामुजास्योपण प�� � तौ� प�, गीरि�मुापण नवाी ब्लू �गी ए� किद्वातीया�
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�गी � रूप मु �ाया ��ता है, जां प्रती� � मुहैत्व �ं दशाता है।
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प्रती� � �द्रो मु �ाल �गी �ी उल्टी बद� � ऊँप� �खा गीयाा जातनी है� �गी �ा �खा गीयाा हैलमुटी ए� शल्कि�शाली दृश्य है जां हैमुा� सकिन�ंं
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� अदम्य साहैस औ� बहैाद�ी �ं �द्धााजाकिल दता है। इस मुाकिमु� छुकिवा � चा�ंं ओं� गीहूँ � दान है, जां हैमुा� किदवागीत प्रधैानमु�ी �ी लाल बहैाद� शास्त्ी �
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शाश्वात शब्दींं- “जाया जावाान, जाया कि�सान” � किलए ए� मुाकिमु� �द्धााजाकिल है-ए� शाश्वात स् मुकित कि� हैमुा�ी सीमुाओंं � �क्षे� हैमुा�ी भाकिमु � ���ंं �ी त�है
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हैी मुहैत्वपण है। ं
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अक्षे�ंं �ी ए� सध् वााकिन�ा मु, “शौया”, “साहैस” औ� “बकिलदान” शब्दी अकि�त है, जां प्रती� � अत मु समुपण भाावा � किलए प्रकितकिबकिबत है। या शब्दी
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ए� प�मु मुहैत्व � साथा प्रकितकिबकिबत हैंत है, जां हैमुा� सशस्त् बलंं �ी आत्मा �ी ए� झेल� प्रस्तंत ��त है। “शौया” वाी�ता �ी बात ��ता है, ए� अटीटी
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दृढ़ा स�ल्प जां हैमुा� बहैाद� सकिन�ंं �ी �गींं मु बहैता है। “साहैस” उन� अदम्य साहैस, ए� किनडो� भाावाना �ं दशाता है जां प्रकित�ल परि�ल्किस्थाकितयांं �ा
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डोटी�� सामुना ��ता है। अत मु, “बकिलदान” �ा� ी �ी सवाा मु कि�ए गीए सवाोच्चो बकिलदान �ं प्रदकिशत ��ता है।
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इन� अक्षे� अपन आप मु ए� दृश्यात् मु� छुकिवा बनात है, किजासमु “भाा�त � वाी�” �ं चमु�ील �सरि�याा �गी मु साहैसपवा� किलखा गीयाा है। ए�
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ऐसा �गी जां शल्कि� औ� बहैाद�ी �ं दशाता है। इस� बाद “शौया”, “साहैस” औ� “बकिलदान” अक्षे� है, किजानमु स प्रत्यं� हैमुा� �ा� ी ीया ध्वजा � हृदया स किलए
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गीए शाकित � प्रती� है� �गी स सशंकिभात है। इस व्यवास्थाा मु, याहै प्रती� �ा� ी �ी ए�ता औ� अखडोता �ा ए� जाीवात प्रमुाण बन जााता है, जां भाा�त � वाी�
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� मुल किसद्धाातंं �ं समुाकिहैत ��ता है। ै
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इस प्र�ा�, भाा�त � वाी� “प्रती� किचन्हे” �वाल ए� प्रती� � रूप मु नहैीं अकिपत �गींं, आ�कितयांं औ� अक्षे�ंं मु उ��ी गीई ए� गीाथाा � रूप
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मु अवालकिबत है - हैमुा�ी सीमुाओंं �ी �क्षेा ��न वााल औ� �ा� ी �ी ए�ता एवा अखडोता � �क्षे�ंं �ी बहैाद�ी, बकिलदान औ� अटीटी प्रकितबद्धाता � किलए ए�
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मुाकिमु� �द्धााजाकिल। याहै ए� ऐसा प्रती� है जां समुया स प� है, ए� ऐस �ा� ी �ी भाावाना �ं दशाता है जां ए�जाटी है, लचीला है औ� अपन वाी� �क्षे�ंं �
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प्रकित सदवा ऋणी है।
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