Page 14 - Sanidhya_2024
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अनीशा दयााल सिंसोह, भाा.पु.सो. े
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म�ाहिनादेशुका, कान् द्रीीय रिराजीवा पहिलस बल
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महाानि�देशक का संन्देश
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याहै बड़े है�ि �ा किवा�या है कि� “सीी.आर.पीी.एफ. पीरिरवाार �ल् यााण सींस् र्था” (�ावाा) अपी�ी वााकि�ि� पीकि��ा “सीाकि�ध्य” � वा�ि 2024 � अ� �ा प्र�ाशी� �र रहैी है । याहै
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सींस्थाा वा�ि, 1995 सीे पीरी उमुंग वा उत्सााहै � सीार्थ लगातार �न्द्ीया रिरजावाि पीकिलसी बल � सी�स्योंं � पीरिरवाारंं, मुकिहैलाओंं, बच्चोंं तर्था शीहैी�ंं एवां कि�वांगत �ाकिमु�ंं �
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पीरिरजा�ंं � �ल्यााण हैतु सीतत प्रयाासीरत है। हैमुार बल � जावाा� वा अकिर्ध�ारी �शी � हैर �ं�े मुं ऐसीी किवा�मु पीरिरक्तिस्थाकितयांं मुं त�ात रहै �र रा� र �ी सीेवाा �र रहै है ं
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जाहैां वाे अपी�े पीरिरवाार �ं सीार्थ �हैीं रखु सी�ते है। ऐसीे मुं सींस् र्था द्वाारा बल � �ाकिमु�ंं � पीरिरवाारंं �ं आत्मकि�भीिर एवां आकिर्थ� रूपी सीे स्वााबलबी ब�ा�े � अ�वारत
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प्रयाासी जाारी है।
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“�ावाा” किवाकिभीन्न �ल्यााण�ारी यांजा�ाओंं सीे �न्द्ीया रिरजावाि पीकिलसी बल � सी�स् यांं � पीरिरवाारंं �ं सीशी� ब�ाती है सीार्थ हैी स्वाप्रयाासींं सीे वाीर�ारिरयांं एवां कि�व्यांगंं �
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पी�वाािसी � किलए भीी किवाकिभीन्न �ल्यााण�ारी �ायाि �र रहैी है। मुुझेे याहै जाा��र गवाि �ी अ�भीकित हुई है कि� भीारत सीर�ार द्वाारा चलाए जाा रहै किवाकिभीन्न अकिभीयाा�ंं जासीे
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स्वाछुता, वाक्षारंपीण, मुकिहैला सीशीक्ति��रण, ब�ी बचाओं ब�ी पीढ़ााओं इत्यंाकि� अकिभीयाा�ंं मुं भीी “�ावाा” �े बढ़ा-चढ़ा�र किहैस्साा किलयाा है तर्था बल � पीरिरवाारंं �ं इ�
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अकिभीयाा�ंं मुं प्रत्यंक्ष एवां अप्रत्यंक्ष रूपी सीे सीकिक्रया भीागी�ार ब�ायाा है।
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�ावाा � सीौजान्य सीे अप्रैल 2023 सीे ए� स्थााई आउ�ल� स् र्थाकिपीत कि�याा गयाा है किजासीमुं �शी � किवाकिभीन्न क्ष�ीया �ावाा �न्द्ंं पीर कि�वाासीरत मुकिहैलाओंं द्वाारा कि�किमुित सीामुा�ंं
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�ी किबक्री �ी जाा रहैी है। �ावाा बल � शीहैी�, कि�वांगत तर्था सीेवाारत �ाकिमु�ंं � बच्चोंं �ं उच्चोतर किशीक्षा प्राप्त �र�े मुं सीहैायाता प्र�ा� �र�े �ा पी�ीत �ायाि �र रहैी
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है। इसी� सीार्थ हैी बल � ऑकि�क्ति�� बच्चोंं �ं सीहैायाता �र�े � किलए ग्रपी �द्रो किपीजाौर मुं “आ�ाशी” हैब स्थााकिपीत �र इसी� मुाध्यमु सीे बच्चोंं �ी �ाउकिसीकिलंग �रवााई
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जाा रहैी है। कि�व्यांग बच्चोंं �ं �ावाा �ी “मुुस् �ा� � स्मााइल” यांजा�ा � तहैत व् हैील चयार �ा किवातरण कि�याा जाा रहैा है। बच्चोंं �ं बहैतर उच् च किशीक्षा प्र�ा� �र�े �
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किलए �शी � प्रकितकि�त 45 किशीक्षण सींस् र्था�ंं � सीार्थ 1069 सीी�ंं पीर कि�:शीुल् � तर्था रिरयाायाती �ाक्तिखुला ��े � किलए सीमुझेौता कि�याा गयाा है। कि�:सी�है ऐसीी अ�ंखुी पीहैल
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एवां �याे-�याे �ल्यााणंन्मखुी �ायािक्रमु इसी बल � सी�स्योंं एवां उ�� पीरिरवाार �ी मुकिहैलाओंं वा बच्चोंं �ं आकिर्थ� रूपी सीे स्वााबलबी ब�ा�े मुं सीहैाया� किसीद्ध हुए है।
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“�ावाा” �ी पीकि��ा “सीाकि�ध्य” �े इसी सींस् र्था �ी �ल्यााण�ारी गकितकिवाकिर्धयांं �ा सीजाीवा किच�ण तं कि�याा हैी है सीार्थ हैी बल � सी�स्योंं �ी मुकिहैलाओंं �ं अपी�े हु�र वा
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सी ृ ृजा�ात् मु� �ौशील �ं प्र�किशीित �र�े �ा ए� उकिचत मुंच भीी प्र�ा� कि�याा है। मुं, सीी.आर.पीी.एफ. पीरिरवाार �ल्यााण सींस्थाा ‘�ावाा’ �ं भीकिवाष्य मुं भीी इसीी प्र�ार सीेवाा
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पीर्थ पीर अग्रसीर रहै�े एवां मुकिहैलाओंं वा बच्चोंं � �ल्यााण हैतु सी�वा तत्पर एवां प्रयाारत रहै�े � किलए बर्धाई �ते हुए इसी पीकि��ा � सीफल प्र�ाशी� �ी हैाकि��
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शीभी�ामु�ाए �ता है ू ू।
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अनीशा दयााल सिंसोह, भाा.पु.सो. े
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म�ाहिनादेशुका,
कान् द्रीीय रिराजीवा पहिलस बल
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