Page 18 - Sanidhya_2024
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श्रीीमतीी मीनाक्षाी गोोयाल,
                                                                                          पत्नीी श्रीी हिवातल कामारा, एस.डोी.जीी.
                                                                                                   ु
                                                                                                ु
                                                          संंदेश
                                                             े
                                                                          े
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                                                                  े
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                                                                    ु
              मुर किलए गवाि �ी बात है कि� मुुझेे �ीमुती रिरमुकिझेमु किसीहै, अध्यक्षा, �ावाा � �शील �तृत्व मुं सीी.आर.पीी.एफ पीरिरवाार �ल्यााण सींस्थाा
              �ावाा � मुा�� सीकिचवा � रूपी मुं सीेवाा �र�े �ा सीवासीर प्राप्त हुआ।
                    े
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              �ावाा अपी�े ध्यया “सीार्थि� सीहैयांग सीवाि�ा” मुं किवाश्वासी �रते हुए कि�रतर अपी�े अप्रकितमु एवां अकिद्वातीया लक्ष् �ी ओंर सीतत अग्रसीर है।
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                                                                                                          ै
                                                                                       े
                                                                                                  ु
                                                                                ै
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              इसीी �ं ध्या� मुं रखुते हुए हैमुारा उद्देश्य ए� ऐसीे सीुदृढ़ा एवां सींगकिठत मुंच �ी स्थाापी�ा �र�ा है किजासीसीे �न्द्ीया रिरजावाि पीकिलसी बल �ी
                                                     े
                                                                                  ृ
                    ं
              मुकिहैलाए किवाकिभीन्न गकितकिवाकिर्धयांं मुं सीकिक्रया रूपी सीे भीाग ल�र  अपी�े �ौशील एवां आत्मकिवाश्वासी मुं वाक्तिद्ध �र अपी�े पीरिरवाारंं � उच्चोतमु
                                                                                                    े
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                         ँ
              किशीखुर त� पीहुच�े  मुं भीरपीूर यांग�ा� � सी�।  �ावाा �े पीर वा�ि �ायािशीालाओंं और किवाकिभीन्न सीकिमु�ारंं �ा आयांजा� �रवाा�र
                                             ै
              मुकिहैलाओंं �ं �क्ष एवां आत्मकि�भीिर ब�ायाा है।
                                                        ि
                                                            ृ
                                                                                                       ु
                                                                                          ं
              मुं  �ीमुती रिरमुकिझेमु किसीहै, अध्यक्षा �ावाा �ं अपी�ी  हैाकि�� �तज्ञाता एवां आभीार व्य� �र�ा चाहैती हूँ किजान्होंंने�े अपी�े �शील
                               ं
                                                                 ू
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              मुागि�शीि� सीे हैमुार सींगठ� � ध्यया �ं किशीखुर पीर ले जाा�े  मुं अहैमु भीकिमु�ा कि�भीाई है।  मुं �ावाा � सीभीी सी�स्योंं द्वाारा कि�ए गए
                                   े
                                                                            ै
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              अमुल्या मुागि�शीि�, प्रेरणा एवां प्रंत्सााहै� � किलए भीी तहै कि�ल सीे आभीारी हूँ। ं
                                                     े
                                           े
              हैमु�े, सीाकिन्नध्य पीकि��ा �ं मुति रुपी ��े � किलए लगातार बैठ�ंं �ा आयांजा� �रवाायाा ताकि� सीभीी RCWA �ी गकितकिवाकिर्धयांं �ं
                                         े
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              शीाकिमुल कि�याा जाा सी� । मुुझेे पीणि किवाश्वासी है कि�  पीकि��ा � आ��ि� एवां ज्ञाा�वार्धि� किवा�या वास्तंु अपी�ी सीगर्ध �र-�र त� फलाएगी
                                                                                            ू
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              तर्था �ावाा अपी�े सी�स्योंं एवां पीरिरवाारंं � जाीवा� पीर मुहैत्वपीणि प्रभीावा डालते हुए भीकिवाष्य मुं �ई ऊंचाइयांं �ं छु�े मुं �ंई �सीर �हैीं
                                                                                           ू
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                  े
              छुंड़ेगी।
                               े
                                                                ं
              आइए, हैमु सीभीी �ीमु � रूपी मुं अपी�े अ�वारत प्रयाासींं सीे कि�त �ई सीभीावा�ाओंं �ं तलाशी�े �ा �ामु जाारी रखुं ताकि� �ावाा और
                                                                                                 े
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              अकिर्ध� सीशी�, शीक्ति�शीाली, सीमुृद्ध वा प्रभीावाी �ल्यााण�ारी सींस्थाा � रूपी मुं स्थााकिपीत हैं सी�। इसीी मुंगल �ामु�ा � सीार्थ मुं इसी
                                                                                े
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                                                                                                   ं
              पीकि��ा � सीफल प्र�ाशी� सीे जाड़े सीपीा�� मुंडल एवां रच�ा�ारंं �ं  उ�� सीहैयांग एवां सीमुपीिण � किलए बर्धाई �ती हूँ।
                                                                    े
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