Page 17 - Sanidhya_2024
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अध् याक्षाा,
पहि�काा सहिमहित
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अध् यक्षाा, पनि�का संनिमनि� का संंदेश
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�द्रोीया रिरजावाि पीकिलसी बल पीरिरवाार �ल् यााण सींस् र्था (�ावाा) �ी वााकि�ि� पीकि��ा ‘सीाकि�ध्य’ � इसी �वाी�तमु अ� �ं आपी सीभीी �ं सीौंपीते
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हुए मुुझेे अत् यांत है�ि �ी अ�भीकित हैं रहैी है। �ावाा अपी�े ध् याया ‘सीार्थि� सीहैयांग सीवाि�ा’ मुं अ�� किवाश् वाासी �ायामु रखुते हुए कि�रतर
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अपी�े लक्ष् या �ी और अग्रसीर है। �ीमुती रिरमुकिझेमु किसीहै,अध् याक्षा, �ावाा � �शील मुागि�शीि� मुं याहै सींस् र्था सीीआरपीीएफ पीरिरवाारंं �
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�ल् यााण � किलए सीतत प्रयात् �शीील रहैी है । मुं स् वायां �ं सीौभीाग् याशीाली मुा�ती हूँ कि� इसी सींस् र्था � सीार्थ जाड़े�र सीीआरपीीएफ पीरिरवाारंं
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� �ल् यााण � किलए �ायाि �र�े �ा अवासीर किमुला ।
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पीकि��ा � इसी सींस् �रण � किलए हैमु�े बल � लगभीग सीभीी क्ष�ंं मुं सीचाकिलत क्ष�ीया �ावाा सींस् र्था�ंं द्वाारा सीमुया -सीमुया पीर कि�ए जाा
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रहै किक्रयाा-�लापींं �ं इसीमुं सीक्तिम्माकिलत �र�े �ा भीरसी� प्रयात् � कि�याा है। इसी पीकि��ा � प्र�ाशी� � किलए प्रत् याक्ष अर्थवाा पीरंक्ष रूपी
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सीे सीहैयांग �र�े वााले सीभीी सीहैयांकिगयांं एवां �ाकिमु�ंं �ं मुं र्धन् यावाा� ��ा चाहैती हूँ और आशीा �रती हूँ कि� भीकिवाष् या मुं भीी इसीी प्र�ार
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सीभीी �ा सीहैयांग प्राप् त हैंता रहैगा।
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मुं पीाठ�ंं सीे इसी पीकि��ा � सीबर्ध मुं अपी�ी राया एवां बहुमुूल् या सीझेावा प्रकि�त �र�े �ा आग्रहै �र�ा चाहूँगी ताकि� आगामुी अ� मुं
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उ��ं सीमुाकिहैत कि�याा जाा सी�।
अध् याक्षाा,
पहि�काा सहिमहित