Page 41 - Sanidhya_2024
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        सकात थ इसहिलए हिवामला देवाी ना काभी अपना पहित काो अच्छी स  शु�ीदे, हिदेवागत, सवााहिनावात्त एवा सवाारात जीवाानाों का परिरावााराों काो
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                                                                                                      ै
        देखा भी ना�ी | पहित काा, माता-हिपता, भाई-ब�नाों स हिमलना का  �रा  समय  अपनाा  स�योग  देना  �त  कातव्यबद्ध  �|  �हिका  सबस  े
                                                                                                         ू
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                 ं
        उपराान्तु सायकााल �ी अपनाी जीीवानासहिगनाी हिवामला देवाी स हिमलनाा  अहि�का स�योग एवा साथ काी आवाश्यकाता शु�ीदे कााहिमकाो का
                                                 े
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        हुआ | इस कााराण देोनाों काा काभी उजीाल म एका देसरा स अच्छी स  परिराजीनाों काो �ोती  �| शु�ीदेों का प्रहित अपनाी सवादेनाा व्यक्त कारात  े
                                                                                                   े
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                                                                              ं
        हिमलनाा भी ना�ी �ो सकाा |                             हुए म�ाहिनादेशुका एवा वातमाना अध्यक्षाा काावाा ना बल का शु�ीदेों का
                                                                                                                े
                                                                       े
                                                                      े
                                                              परिराजीनाों स व्यन्धिक्तगत रूप स हिमलनाा, उनास फेोना परा बात-�ीत
                                                                                                 े
                                                                                     े
                                                                           ु
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               अ�ानाका एका हिदेना C.R.P.F. स खबरा आयी हिका हिवामला  कारानाा, उनाका दे ख देदे सनाना काी एका अहिद्वातीय महि�म �लायी|
                                                                                   ु
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        देवाी का पहित हि�लोका हिस� पवाोत्तरा म उग्रुवााहिदेयों स लड़त हुए  इसी    महि�म  म  C.R.P.F.  अपना  वार्ष  1964  म  शु�ीदे  हुए  वाीरा
                                                        े
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        वाीरागहित काो प्राप्त हुए �| हिवामला देवाी का ऊपरा तो मानाो वाज्रपात  हि�लोका हिस� का द्वाारा परा पहु�ी| उनाका दे ख देदे सना, काशुलक्षाम
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                                                                                                          ु
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        �ो गया �ो | उस नायी नावाली देल्हना स  तो हिनायहित ना सारा सपना �ी  पछूी| सारा गावा -समाजी का साथ हिमलकारा शु�ीदे हि�लोका हिस� काी
                                                                                  े
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        छूीना हिलए | ना जीाना हिकातना राग देखना थ, हिकातनाा सख अनाभवा  फेोटेो परा मालाए डोाली गयी| जीय-जीयकाारा का नााराों का उदेघोर्ष स  े
                                                                                                       े
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                                                                    �
        कारानाा था | उस एका पल  म सब काछू खत्म �ो गया | हिवाहि� ना उस  साराा गावा �ूम उठाा| अपना पहित औरा स्वीय काा ऐसा सम्मााना पाकारा
                                                                                   े
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        ऐस मोड़ परा लाकारा खड़ा कारा हिदेया जी�ा स काोई राास्ता उसकाी  हिवामला  देवाी  काी  तो  मानाो  खशुी  काा  हिठाकाानाा  �ी  ना�ीं  रा�ा|  वाो
                                           े
                                                                     े
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                                                                                     ु
        खहिशुयों तका ना�ीं पहु�ता था |                        अपनाी खशुी काो शुब्दोों म बया ना�ीं कारा पा रा�ी थी| हिवामला देवाी
                         ं
                                                                                                               े
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                                                                     ु
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                                                              जीसी  बजीग ना अपना जीीवाना काी सबस बड़ी खशुी  पा ली| उनाका
                                                                    ु
                                                                      ु
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                                                                                                                े
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                                                                                                               े
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               हिवाहि� का हिवा�ाना का आग नातमस्तका �ोत हुए, हिवामला  शुब्दो इस महि�म काी सफेलता औरा साथकाता काो बया कारा देत �  ै
                              े
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        देवाी  ना  इस    अपनाी  हिनायहित  मानाकारा  स्वीीकाारा  कारा  हिलया  औरा  जीब वाो का�ती � हिका “C.R.P.F. ना म�, 60 साल बादे मरा पहित का
                                                                                                                े
                                                                                                         े
        एकााकाी रा�त हुए अपनाी परिरान्धिस्थाहितयों स तालमल बठााकारा हिबनाा  देशुना काराा हिदेए”| हिजीना हिवामला देवाी काो अपना पहित काा ��राा तका
                                                                 व
                                                                                       े
                                                                                                          े
                                                                                                 े
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                     व
        शुोका  औरा  �र्ष  का  अपनाी  जीीवानाया�ा  प्राराम्भ  कारा  देी।  समय  यादे ना�ीं था, आजी वा� अपना पहित काी तस्वीीरा लकारा आनान्धिन्दत
                                                                                                     े
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                                                                                      े
                                                                                           ै
                                                                                                               े
        बीतता गया अब हिवामला देवाी अपनाी प्रौढ़ावास्थाा काी कागारा परा �  औरा प्रफेन्धिल्लीत � | उनाकाो लग रा�ा � तस्वीीरा ना�ीं साक्षाात पहितदेवा
                             े
                                                                           ं
                                                                    ु
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                                           ै
        | उन्हेोंकिना अपना पहित काी छूहिवा तो ठाीका स वास भी ना�ी देखी थी,  स्वीय 60 साल बादे छूहिट्टयों म घरा आय � |
                                                                                              ं
                                             े
        अब तो आवााजी भी �हिमल �ो गयी थी | रा� गया था हिसफे नााम,            हिनाहि�त रूप स य� महि�म हिजीस पहिवा� भावा स  े
                                                      व
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                                                          ं
        हिजीसका साथ जीड़कारा उनाकाी प��ाना रा�ी “शु�ीदे हि�लोका हिस�  शुरू काी गयी वा� भावा पहिवा�तम �ो गया| C.R.P.F. अगरा अपना  े
             े
                                                                                      ु
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        काी बवाा” औरा इसी परिरा�य का साथ वा� जीीवाना काी अपनाी  इस  शु�ीदेों का परिराजीनाों काो काछू ख़ुशुी दे सकाती � तो वा� उना शु�ीदेों
             े
                                                                     े
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                                                                             ं
        प्रौढ़ावास्थाा का पड़ावा तका आयीं � |                 का प्रहित सच्चोी श्रीद्धाजीहिल �| ै
                                   ं
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                                                               े
               C.R.P.F. परिरावाारा काल्यााण सस्थाा (CWA) अपना आदेशु  व
                                      ं
                                                     े
                                                                       �या सिंहन्दा! �या सोी0आ�0पुी0एफ0!
                               व
        वााक्यो “साथका स�योग सवादेा” काो �रिराताथ कारात हुए बल का
                  व
                                                 े
                                            व
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