Page 43 - Sanidhya_2024
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ग्वााशिलायारा दोंगड
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भारातवार्ष प्रकाहित का सौन्दय तथा ऐहित�ाहिसका औरा मानावा काला म�ल सना 1512 म तोमरा शुासका
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काा भण्डारा �। भारात का इहित�ास म ग्वााहिलयरा काा इहित�ास मानाहिस� द्वााराा अपनाी प्रयसी गजीराी
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गौरावाशुाली औरा ऐहित�ाहिसका रूप स अत्यत म�त्वपण रा�ा �। राानाी मगनायनाी का हिलए हिनामाण
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ग्वााहिलयरा म.प्र. म न्धिस्थात हिजीला जीो हिका रााज्य काी रााजी�ानाी भोपाल कारााया था।
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स उत्तरा हिदेशुा म 430 हिकामी. काी देराी परा न्धिस्थात �। सरा सम्रााटे
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तानासना काी नागराी म सराों का साथ �ी मनाोराम दृश्य देखना काो (3) �न गोफा सोमह- 12 फेीटे
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हिमलत �। काछू मानावा हिनाहिमत तो काछू प्राकाहितका, ग्वााहिलयरा अपनाी उ�ी जीना तीथकारा नामीनााथ काी
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समद्वा सास्कुहितका हिवाराासत का हिलए जीानाा जीाता �। �म मो�नाा खड़गासना प्रहितमा 10 उ�ली
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सल्ताानागढ़ एवा प�ाडोगढ़ पवााया (पवा म पद्माावाती) ) का शुलहि��ों गफेाऐं जीना तीथकारा काी पदेमासना श्रीीमतीी सोनीतीा सिंनगोम,
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स ज्ञाात �ोती � भारात का आहिदे ग्रुथ म�ाभारात म इस क्षा� काो एवा खड़गासना मद्रीा म प्रहितमाए पत्नीी श्रीी रााजी कामारा हिनागम, DIG
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सम� काद्री ग्वााहिलयरा
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कान्तुलपरा पद्माावाती, �राी नारावारा नागराों काा उल्लीख प्राप्त �ोता �।
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ग्वााहिलयरा इहित�ास का एका बहुत बडो कााल खण्ड स गजीराा �,
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इसकाा भारात का लगभग सभी प्रमख रााजीवाशुो स यना काना सब�
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रा�ा �। शुराीवाशु का शुासनाकााल म तो इस भारात काी रााजी�ानाी
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रा�ना काा गौरावा प्राप्त हुआ था।
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ग्वााहिलयरा �मशुा स �ी अपना गौरावाशुाली इहित�ास काो का�ता
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हुआ अपना शुानादेारा हिकालों औरा जीहिटेल म�लों काो देशुाता हुआ
पयटेकाों काो अपनाी ओंरा आकाहिर्षत काराता रा�ा �।
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दशानीया स्थल ः
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(1) ग्वाासिंलया� काा सिंकाला हिवाशुाल �ट्टाना परा न्धिस्थात बलआ पत्थरा
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स हिनाहिमत �। य� देग लगभग 100 मीटेरा काी उ�ाई परा न्धिस्थात �।
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प�ाड़ी �ट्टानाों काो कााटेकारा बनााई गयी �। इनाकाी सख्याा 100 स े
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भी अहि�का �।
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(4) चतीभा� मसिंद� -स्थाापत्य भारात का प्राराहिभका महिदेरा शुली काा
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बो� कारााता �।
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उत्तरा भारात का
प्रा�ीनातम शुल
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महिदेरा काा सन्दरा
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उदेा�राण �।
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(5) मानमसिंद�
-सी�ी प�ाडोी
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देग पहु�ना का तीना माग �। परा ग्वााहिलयरा
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प्रथम द्वाारा – बादेलगढ़ द्वाारा देग का पवाोत्तरा
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हिद्वातीय द्वाारा - �हिथया पौरा द्वाारा भाग म न्धिस्थात
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ततीय द्वाारा- ढोोडोापौरा द्वाारा (प्रवाशु वाहिजीत) �ारा महिजीला
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अन्य द्वाारा – ल�ोड़ी द्वाारा (पहु� माग अत्यत काहिठाना तग गहिलयों भवाना हिजीसकाी देो महिजील भहिमगत �। मानामहिदेरा
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का कााराण) काी देीवााराो परा नाक्कााशुी ,प�ाकाहित हिजीनाम राग हिबरागा मीनाा भराा
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गया था। देीवााराों परा तोराण,स्तम्भ ,काल का वाक्षा,�ाथी हिस� मयरा
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(2) गो��ी महल -बादेलगढ़ द्वाारा स प्रवाशु काराना का बादे देायी वाानारा �स आहिदे आकाहितयों काो उकारा कारा उनाम ं
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ओंरा एका हिवाशुालद्वाारा स प्रवाशु काराना का प�ात तीना महिजीला लाल,�रा,नाील,सफेदे एवा कााल मीना का रागों स भराा मानाों हिवाशुाल
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