Page 55 - Sanidhya_2024
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एके संस्माराण: उप-केमाांर्डटी (केल्यााण-शाखाा) केी केलामा से....
आप�े औ� हैमु�े � जाा�े कि�त�ी �हैाकि�यााँ पढ़ाी हैंंगी औ� औ� शीमुि �ी किमुकि�त प्रसंन्नता �खु�े
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सं�ी हैंंगी। कि�संी �ी �ास्तंाँ-ए-किजान्दगी �भीी हैमुं रुलाती है तं �भीी लाया� र्थी, आजा उ� बढ़ाी आखुंं मुं �याी
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�छु खुुशी�मुा एहैसंासं � जााती है । ए� ऐसंी हैी अ�ंखुी �ास्तंाँ है याा �वाली �ल्ह� �ी त�है शीमुि औ� चमु�
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याूँ �है कि� किजान्दगी � च� पन्ने है जां या�ी�� हैमुा� कि�ल �ं इसं त�है र्थी ।
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छु जााएगे जासंे �ंई प�छुाई हैमुा�ी प�छुाई � संार्थ किमुल�� ए� हैं किहैमुालया �ी गं� मुं बठ ए�
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जााए औ� किफ� �भीी � जा�ा हैं�े वााला एहैसंासं कि�लंं मुं छुंड़े जााए। गाँवा �ी मुासंमु अल्हड़े, शीमुीली, उमुगंं
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�ाम सो�ीवान सिंसोह,
किपछुले 60 वा�ं संे किवामुला �वाी अप�े जाीवा� �ं किब�ा संे भी�ी, संुन्द� संप�ंं �ं संजााए, बचप� उप-कामाडोटे काल्यााण-शुाखा
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शीं�-है�ि � संमुभीावा संे जाी �ं अलकिवा�ा �हैती हुई ए� पहैाड़े� स� सयक्त सहि�वा काावाा
�हैी र्थी, प�न्तुु आजा C.R.P.F. लड़े�ी जाीवा� � इन्द्र्ध��ी �ग किलए, भीकिवाष्य � संप�े संंजांए संहैाग�
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�ी ए� किवाशी� मुुकिहैमु �े ब�ी । पकित C.R.P.F. मुं र्थे । उसंी C.R.P.F. मुं किजासं�े वा�ि 1962 �
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किवामुला �वाी �ं वां प्रसंन्नता भीा�त-ची� याुद्ध मुं भीा�तीया सं�ा � �र्धे संे �र्धा किमुला�� �श्म�ंं �ा
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प्र�ा� �ी किजासं�ी �ल्प�ा मुु�ाबला कि�याा र्था औ� अप�े शीौयाि �ा लंहैा मु�वाायाा र्था ।
उन्होंंने�े �भीी �हैीं �ी र्थी । उसं �ौ�ा� मुं �शी मुं याातायाात वा ��संंचा� � संार्ध� लगभीग
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जाब किवामुला �वाी जाी संे � � ब�ाब� र्थे । फौजा मुं छुकि�यााँ लंग संाल मुं ए�-�ं बा� हैी आते र्थे
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उ��ी प्रसंन्नता �ा । उ� छुकि�यांं मुं जाब किवामुला �वाी � पकित वाी� कि�लं� किसंहै घं� आए
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�ा�ण पछुा गयाा तं भीी, तं पारि�वाारि�� मुयााि�ाओंं औ� बड़े-बढ़ांं � संामु�े �वा किवावााकिहैता
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उ��ा जाबावा र्था “आजा जांड़े बात �हैी �� सं�ते र्थे इसंकिलए किवामुला �वाी �े �भीी अप�े पकित
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C.R.P.F. �े उ��ं �ं अच्छे संे �खुा भीी �हैीं। पकित �ा, मुाता-किपता, भीाई-बहै�ंं संे किमुल�े
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अप�े पकित � �शीि� � उप�ान्तु संाया�ाल हैी अप�ी जाीवा�संंकिग�ी किवामुला �वाी संे किमुल�ा
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��ा कि�ए।” हुआ । इसं �ा�ण �ं�ंं �ा �भीी उजााले मुं ए� �सं� संे अच्छे संे
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किमुल�ा भीी �हैी हैं सं�ा ।
अचा�� ए� कि�� C.R.P.F.
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संे खुब� आयाी कि� किवामुला �वाी � पकित
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कि�लं� किसंहै पवाोत्त� मुं उग्रवााकि�यांं संे
याे �हैा�ी है, �वाभीकिमु लड़ेते हुए वाी�गकित �ं प्राप्त हुए है।
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उत्त�ाखुंड � पौढ़ाी गढ़ावााल किवामुला �वाी � ऊंप� तं मुा�ं वाज्रपात हैं
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किजाले �ी, जाहैाँ ए� छुं� संे गयाा हैं । उसं �याी �वाली �ल्ह� संे तं
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गाँवा मुं �हैती है किवामुला �वाी कि�याकित �े संा� संप�े हैी छुी� किलए । � जाा�े
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जाी । आजा किवामुला �वाी इत�ी कि�त�े �ग �खु�े र्थे, कि�त�ा संखु अ�भीवा
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प्रसंन्न है, जासंे �याी �वाली ���ा र्था । उसं ए� पल मुं संब �छु खुत्म
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�ल्ह� पहैली बा� अप�े किप्रया हैं गयाा । किवाकिर्ध �े उसंे ऐसंे मुंड़े प� ला��
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संसं�ाल मुं आ��, लाड़े खुड़ेा �� कि�याा जाहैाँ संे �ंई �ास्तंा उसं�ी
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���े वााले संासं-संसं� औ� खुुकिशीयांं त� �हैीं पहुचता र्था ।
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अ�ंत प्रमु ���े वााले किवाकिर्ध � किवार्धा� � आगे �तमुस्तं� हैंते
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किप्रयातमु � किमुल� प� हुए, किवामुला �वाी �े इसंे अप�ी कि�याकित मुा���
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प्रसंन्न हैंती है । किवामुला स्वाी�ा� �� किलयाा औ� ए�ा�ी �हैते हुए
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�वाी � चहै� �ी खुुशीी
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अप�ी परि�क्तिस्थाकितयांं संे तालमुेल बठा�� किब�ा
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