Page 58 - Sanidhya_2024
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ग्वााशिलायारा दोंगड
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भारातवार्ष प्रकाहित का सौन्दय तथा ऐहित�ाहिसका औरा मानावा काला काा शुासका मानाहिस� द्वााराा अपनाी प्रयसी गजीराी
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भण्डारा �। भारात का इहित�ास म ग्वााहिलयरा काा इहित�ास गौरावाशुाली राानाी मगनायनाी का हिलए हिनामाण कारााया था।
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औरा ऐहित�ाहिसका रूप स अत्यत म�त्वपण रा�ा �। ग्वााहिलयरा म.प्र. म ं
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न्धिस्थात हिजीला जीो हिका रााज्य काी रााजी�ानाी भोपाल स उत्तरा हिदेशुा म 430 (3) �न गोफा सोमह- 12 फेीटे उ�ी जीना
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हिकामी. काी देराी परा न्धिस्थात �। सरा सम्रााटे तानासना काी नागराी म सराों का तीथकारा नामीनााथ काी खड़गासना प्रहितमा 10
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साथ �ी मनाोराम दृश्य देखना काो हिमलत �। काछू मानावा हिनाहिमत तो उ�ली गफेाऐं जीना तीथकारा काी पदेमासना एवा ं
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काछू प्राकाहितका, ग्वााहिलयरा अपनाी समद्वा सास्कुहितका हिवाराासत का हिलए खड़गासना मद्रीा म प्रहितमाए प�ाड़ी �ट्टानाों श्रीीमतीी सोनीतीा सिंनगोम,
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जीानाा जीाता �। �म मो�नाा सल्ताानागढ़ एवा प�ाडोगढ़ पवााया (पवा म काो कााटेकारा बनााई गयी �। इनाकाी सख्याा 100 पत्नीी श्रीी रााजी कामारा हिनागम, DIG
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सम� काद्री ग्वााहिलयरा
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पद्माावाती) ) का शुलहि��ों स ज्ञाात �ोती � भारात का आहिदे ग्रुथ स भी अहि�का �।
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म�ाभारात म इस क्षा� काो कान्तुलपरा पद्माावाती, �राी नारावारा नागराों काा
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उल्लीख प्राप्त �ोता �। ग्वााहिलयरा इहित�ास का एका बहुत बडो कााल
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खण्ड स गजीराा �, इसकाा भारात का लगभग सभी प्रमख रााजीवाशुो स े
यना काना सब� रा�ा �। शुराीवाशु का शुासनाकााल म तो इस भारात काी
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रााजी�ानाी रा�ना काा गौरावा प्राप्त हुआ था।
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ग्वााहिलयरा �मशुा स �ी अपना गौरावाशुाली
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इहित�ास काो का�ता हुआ अपना शुानादेारा हिकालों औरा जीहिटेल म�लों
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काो देशुाता हुआ पयटेकाों काो अपनाी ओंरा आकाहिर्षत काराता रा�ा �।
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दशानीया स्थाल ः
(1) ग्वाासिंलया� काा सिंकाला- हिवाशुाल �ट्टाना परा न्धिस्थात बलआ पत्थारा स े
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हिनाहिमत �। य� देग लगभग 100 मीटेरा काी उ�ाई परा न्धिस्थात �। देग व
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पहु�ना का तीना माग �।
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प्रथम द्वाा� – बादेलगढ़ द्वाारा (4) चतीभा� मसिंद� - शुन्य का
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हिद्वातीय द्वाारा - �हिथया पौरा द्वाारा प्रयोग का बारा म प�ली पख्ताा जीानाकााराी �तभजी म लग एका
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तीतीीया द्वाा�- ढोोडोापौरा द्वाारा (प्रवाशु वाहिजीत) हिशुलालख 900AD पवा काा �, जीो हिका शुन्य स सबहि�त सबस पराानाा
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अन्य द्वाा� – ल�ोड़ी द्वाारा (पहु� माग अत्यत काहिठाना तग गहिलयों का हिशुलालख � । देशु- हिवादेशु का काई शुो�ाथी औरा हिवाशुर्षज्ञा य�ा शुो�
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कााराण) का हिलए य�ा आत � ।
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(2) गो��ी महल-
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बादेलगढ़ द्वाारा स प्रवाशु काराना का बादे देायी ओंरा एका हिवाशुालद्वाारा स (5) मानमसिंद�- सी�ी प�ाडोी परा ग्वााहिलयरा देग का पवाोत्तरा भाग
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प्रवाशु काराना का प�ात तीना महिजीला म�ल सना 1512 म तोमरा म न्धिस्थात �ारा महिजीला भवाना हिजीसकाी देो महिजील भहिमगत �। मानामहिदेरा
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