Page 61 - Sanidhya_2024
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हिदेना म देोप�रा का लगभग 2 बजी �ोग, उत्तरााखण्ड का बात काो अनासनाा कारा हिदेया। अघौराी ना े
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प�ाड़ों म �प का साथ �ल्की गलाबी ठाडो म मौसम स�ावानाा था। हिफेरा पछूा ‘अकाल �ो‘। उनाकाी य बात
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उत्तरााखण्ड काा इलाकाा वास भी अपना प्राकाहितका सौन्दय वा स्वीास्थ् रुद्री का हिदेल म का�ीं �भ गयी औरा वाो
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वा�का मौसम का हिलए जीानाा जीाता �। 32 वार्ष काा एका यवाका रुद्री रुआसा �ो गया। रुद्री ना अपनाा ��राा
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आ�त मना औरा बोहि�ल तना का साथ अपनाी सा�ाराण सी साईहिकाल नाी� हिकाया औरा देसराी तराफे देखना े
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परा सोनाप्रयाग स गौराीकाण्ड काी ओंरा अग्रुसरा था। उसकाी साईहिकाल लगा। तभी अघौराी ना का�ा ‘काोई ना�ींं,
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परा सामना काी तराफे एका हिदेल�स्प बोडो लगा था, हिजीस परा “भटेकाता �रा पत�ड़, बसत का आगमना काा सकात उपु.सिंन./मत्राा. पु�ा कामा�ी,
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ग्रुप कान्द् का.रिरा.प.बल, राामपरा
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मसाहिफेरा” हिलखा था। जीस-जीस ‘कादेारानााथ �ाम‘ काराीब आ रा�ा था, देता �। जीीवाना य�ी � भोल, �लता जीा। इस
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उसकाा मना बीत हुए समय का सलाब म ब� गयी उसकाी खहिशुयों का पारा ना�ींं तो उस पारा काल्यााण �ोगा, अच्छीा सो�, ब�तरा कारा।
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कााराण �ड़काता जीा रा�ा था।
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य �ी, �ल्क-फेल्क मा�ौल म थोड़ी देरा बादे सवााराी
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जीस �ी रुद्री गौराीकाण्ड का राास्त परा पहु�ा, वा�ा डोयटेी परा गौराीकाण्ड पहु� गयी। प�ाड़ों म शुाम जील्दी �ोती � औरा राात ं
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तनाात पहिलस वाालों काी नाजीरा उसकाी साईहिकाल परा गयी औरा उन्हेोंकिना ग�राी। गौराीकाण्ड परा �ी सा�-सतों काी टेोली ना एका टेीना शुडो का
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रुद्री काो राोकात-टेोकात का�ा “ओं भटेकात मसाहिफेरा, साईहिकाल स नाी� बसराा हिलया। उन्हेोना वा�ा आग जीलाई औरा �ादेरा हिबछूा कारा
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इ�रा-हिका�रा”? तम्हे मालम ना�ींं हिका आग राास्ता देगम �। थोड़ी सी भी पसरा गय। रुद्री ना भी उसी टेीना शुडो का नाी� �ादेरा हिबछूाई औरा
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इ�रा-उ�रा हुई, तो कााल का गाल म समाना म तहिनाका भी देरा ना लगगी। काम्बल ताना कारा लटे गया। अगली सब� हिनात्य-हि�या, स्नााना-ध्याना का
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साईहिकाल य�ीं का�ीं खड़ी काराो औरा टेक्सी म लदे जीाओं। रुद्री अपना प�ात रुद्री या�ा का हिलए हिनाकाल गया। थोड़ी देरा म रुद्री कादेारानााथ
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��रा परा फेीकाी सी मस्कुाना लाया औरा फेसफेसाया ‘मौत आ �ी द्वाारा परा खड़ा था। रुद्री ना जीाना काौना सी सो� म उस द्वाारा काो एकाटेका
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जीाती तो अच्छीा �ोता‘। तभी पीछू स सा�-सतों वा देशुालओंं काी टेोली देख जीा रा�ा था। तभी वा�ी अघौराी रुद्री का पास आय औरा बोल ‘�रा
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आ रा�ी थी। हिजीनाम स एका अघौराी ना रुद्री का का� परा स्ना� स �ाथ राखा �रा म�ादेवा‘। म�ादेवा सबकाा दे ख �रात �। तरा भी �राग। या�ा शुरू
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औरा का�ा ‘भोल इनाकाी बात माना लो, य स�ी का� रा� �। स�ी- तो कारा भोल‘। य बोलकारा वाो आग हिनाकाल गय। रुद्री ना �ीरा स कादेम
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सराहिक्षात रा�गा, तभी तो काछू देख पायगा। रुद्री ना पीछू मड़कारा देखा बढ़ाया औरा अपनाी या�ा शुरू काी। रुद्री हिबनाा रुका �लता जीा रा�ा
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एका अघौराी हिजीसना अपना बालों का ऊपरा जीड़ा बा�ा हुआ था। माथ था। 5 हिकालोमीटेरा �लना का बादे उस अघौराी काी आवााजी हिफेरा आई।
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परा लबा हितलका, कासरिराया कापड़, का� परा एका �ोला, गल वा �ाथ म ‘�रा �रा शुभ‘। रुद्री ना देखा वाो एका �ाय काी देकााना म रुका हुए थ।
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रुद्रीाक्षा काी माला औरा देसरा �ाथ म एका छूोटे स हि�शुल का साथ उन्हेोना रुद्री काो इशुारा स बलाया औरा एका �ाय मगवााई। देोनाों �ाय
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अलौहिकाका कादे-कााठाी एवा आकार्षका व्यन्धिक्तत्व पीत-पीत कादेारानााथ काी घाहिटेयों काो देख रा� थ। अघौराी बोला
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काा लग रा�ा था। रुद्री उन्हे देखकारा ‘घाहिटेयों काा सौन्दय अदेभत �‘। रुद्री बोला ‘�ा, इस सौन्दय ना अपना े
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अहिवाभत �ो गया औरा उसना अदेरा ना जीाना क्योा-क्योा छूपा राखा �‘। अघौराी बोला ‘य कादेारानााथ काी
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आदेरा स �ा म हिसरा घाहिटेया � भोल, काछू तो देकारा �ी जीायगी। तभी ऊपरा स एका
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हि�लाया। गड़गड़ाता हुआ �लीकाॉप्टरा हिनाकाला। गड़गड़ा�टे काी आवााजी स रुद्री
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कााप गया औरा एका अना�ा� भय स अपना काानाों परा �ाथ राख हिलया।
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रुद्री अन्य लोगों का जीस य आवााजी उस तकालीफे दे रा�ी �ो। रुद्री ना अपनाी आख बदे कारा
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साथ एका टेक्सी म लीं औरा मानाो काछू पराानाी यादेों म �ला गया �ो।
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सवाारा �ो गया।
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अपरिराहि�त अघौराी ना वार्ष 2013, जीना काा मा� था। रुद्री अपना परा परिरावाारा का
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का�ा ‘क्योा बात � साथ कादेारानााथ आया था। 16 जीना 2013 काो सब� 5 बजी रुद्री ना े
भोल, हिजीन्दगी स बड़ अपना मा-हिपताजीी, एका छूोटेी ब�ना, एका छूोटेा भाई औरा काछू देोस्त
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रुठा लगत �ो‘। रुद्री ना जीो अपना परिरावाारा का साथ आए थ, का साथ गौराीकाण्ड स �ढ़ाई शुरू
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