Page 56 - Sanidhya_2024
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शीं� औ� है�ि � अप�ी जाीवा�याा�ा प्रा�म्भ �� �ी। संमुया बीतता �शीलक्षमु पछुी। संा� गाँवा -संमुाजा � संार्थ किमुल�� शीहैी� कि�लं�
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गयाा। अब किवामुला �वाी अप�ी प्रौढ़ाावास्थाा �ी �गा� प� है । उन्होंंने�े किसंहै �ी फं�ं प� मुालाए डाली गयाीं। जाया-जाया�ा� � �ा�ंं �
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अप�े पकित �ी छुकिवा तं ठी� संे वासंे भीी �हैी �खुी र्थी, अब तं आवााजा उ�घंं� संे संा�ा गाँवा झेमु उठा। अप�े पकित औ� स्वायां �ा ऐसंा संम्माा�
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भीी र्धकिमुल हैं गयाी र्थी । �है गयाा र्था तं किसंफ �ामु, किजासं� संार्थ जाड़े�� पा�� किवामुला �वाी �ी तं मुा�ं खुुशीी �ा किठ�ा�ा हैी �हैीं �हैा। वां
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उ��ी पहैचा� �हैी “शीहैी� कि�लं� किसंहै �ी बेवाा” औ� इसंी परि�चया अप�ी खुुशीी �ं शीब्दोंं मुं बयााँ �हैीं �� पा �हैी र्थी। किवामुला �वाी जासंी
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� संार्थ वाहै जाीवा� �ी अप�ी इसं प्रौढ़ाावास्थाा � पड़ेावा त� आयाीं है बजागि �े अप�े जाीवा� �ी संबसंे बड़ेी खुुशीी पा ली। उ�� शीब्दो इसं
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। मुुकिहैमु �ी संफलता औ� संार्थि�ता �ं बयााँ �� �ते है जाब वां �हैती
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C.R.P.F. परि�वाा� �ल्यााण संंस्थाा (CWA) अप�े आ�शीि वााक्य है कि� “C.R.P.F. �े मुुझेे, 60 संाल बा� मु� पकित � �शीि� ��ा कि�ए”।
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“संार्थि� संहैयांग संवाि�ा” �ं चरि�तार्थ ��ते हुए बल � शीहैी�, कि�वांगत, किजासं किवामुला �वाी �ं अप�े पकित �ा चहै�ा त� याा� �हैीं र्था, आजा वाहै
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संेवााकि�वाृत्त एवां संेवाा�त जावाा�ंं � परि�वाा�ंं �ं है� संमुया अप�ा संहैयांग पकित �ी तस्वाी� ल�� आ�क्तिन्दत औ� प्रफक्तिल्लीत है । उ��ं लग �हैा
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��े हैतु �तिव्यबद्ध है। चूँकि� संबसंे अकिर्ध� संहैयांग एवां संमुर्थि� �ी है, कि� याे तस्वाी� �हैीं बक्तिल्क संाक्षात पकित�वा स्वायां 60 संाल बा� छुकि�यांं
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आवाश्य�ता शीहैी� �ाकिमु�ं � परि�जा�ंं �ं हैंती है। शीहैी�ंं � प्रकित मुं घं� आयाे है ।
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अप�ी संंवा��ा व्य� ��ते हुए मुहैाकि��शी� एवां वातिमुा� �ावाा कि�कि�त रूप संे याहै मुुकिहैमु किजासं पकिवा� भीावा संे शीुरू
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अध्यक्षा �े बल � शीहैी�ंं � परि�जा�ंं संे व्यक्ति�गत रूप संे किमुल�ा, �ी गयाी वाहै भीावा पकिवा�तमु हैं गयाा। अग� C.R.P.F. अप�े शीहैी�ंं �
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उ�संे फं� प� बात-चीत ���ा, उ�� � खु �� सं��े �ी ए� परि�जा�ंं �ं �छु ख़ुुशीी � सं�ती है तं याहै उ� शीहैी�ंं � प्रकित संच्चोी
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अकिद्वातीया मुुकिहैमु चलायाी। इसंी मुुकिहैमु � तहैत C.R.P.F. वा�ि 1964 मुं �द्धांजाकिल है।
शीहैी� हुए वाी� कि�लं� किसंहै � द्वाा� प� पहुची। परि�जा�ंं � खु �� सं�े,
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