Page 233 - Udaan Trial Book
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- अंजना वाही ( श का)
य र त फल क तरह हो गए ह,
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दखत खूबसूरत और रंग बरंग े
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पर मौसम(मौक)क अनुसार ही फलत फलत। े
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य र त य फल क तरह हो गए ह?
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इन फल म काँट ह जो चुभत ह,
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ब त चुभत ह, दद भी दत ह
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य फल धीर धीर खुशब खो रह ह
य फल खुशब य खो रह ह?
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सोचती .....काश य र ता फल न बनकर वृ बन
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जाता,
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तो फल क तरह यह कभी न मुरझाता।
य फल पैस क बल पर सफ इधर उधर बक रह ह।
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य फल इधर उधर य बक रह ह?
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र त को हम फल सा नह पेड़ सा बनाय, े
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नः वाथ भाव का एक कज बनाय,
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हर कोई इसक नीच छाया, राहत और चैन पायेगा।
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इसक दर त इतनी मजबूत होगी क
यह हर तूफ़ान सहन कर जाएगा।
न य फल होगा, न इसम काँट ह ग े
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और न काँट क साथ यह बकगा।
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कब य र ता फल स वृ बनेगा? Ahana Ghoshal
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