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       बढ़ते अपराध  पर दो  म   क बीच संवाद





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                                                                                                         क ा ९ ब












       मोहन :आज आपने समाचार प  पढ़ा था? हमारे मौह े म  रात म  कछ दुकान  क ताल  तोड़कर चोर


                                                                                 ु



       सामान लेकर चले गए।


                        ु
       नेहा :  ह , ऐसा कछ िदन पहले भी पास क मोह े म  हुआ था। अब तो ये रोज रोज क  बात हो गई ह।

















       मोहन : सह  ह। म हलाओ  क गहने झपट लेना और रात म  दुकान  क ताल  तोड़ दना तो जैसे आम बात हो

       गई ह। पु लस  ा कर रह  ह।







       नेहा : पु लस को शश तो कर रह  ह  कतु अपराधी बड़ शा तर ह। लगता ह  क ये कोई   श  त  गरोह ह। जो















       बड़ पेशेवर तरीक से काम रहा ह।

       मोहन : सह  कह रह हो। लोगो को भी सतक रहना चा हए। सीसीट वी कमरे लगाने चा हए। पु लस को भी

















       ग  बढ़नी  चा हए।

       नेहा : सह  ह। पु लस को भी साधारण  कपड़  म  घूम-घूम कर पता करना चा हए।
       मोहन : बस आ गई। चलो चलते ह।
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