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       दो



                                                        -दबा  त नाथ
                                                               नवमी- अ


       सुख म , दुख म  साथ  नभाते दो
       सह  राह िदखाते दो  ।
       ग  य  भी बताते ह
       और उनसे बचाते दो  ।

       साथ-साथ खेलते, पढ़ते
       साथ-साथ रोते, हसते
                        ँ
       हो जाते नाराज़
       तो झट से मान जाते दो  ।

       दूर जाने पर बहुत
       याद आते ह दो  ।


       ऐसे होते ह स े दो
       मु  ल से  मलते ह अ  दो  ।
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