Page 47 - Epatrika2020_KV2 AFA HYD
P. 47
-28-
काय क त लगन
- स गव त का गुछाइत
ु
महारा क ग व म आकाशवाणी होती ह आगामी कछ मह न म बरसात नह होगी। ग व क कसान
परेशान हो गए सभी लोग खेती-बाड़ी छोड़कर शहर क ओर रोजगार क तलाश म पलायन कर गए।
कछ ह समय म पूरा ग व खाली होने लगा।
ु
ं
रामदास खेत म हल चलाने लगता ह। सारे ग व क लोग हसते ह। रामदास को पागल मूख और अनेक श
से उसका उपहास , मजाक बनाते ह। एक वृ ि ने रामदास से पूछा भिव वाणी हुई ह बारह मह ने तक
बरसात नह होगी तो तुम हल चला रह हो ?
हल चलाने से ा फायदा ?
जब पानी ह नह मलेगा तो फसल कसे उपजेगा। क उ र म रामदास ने बड़ ह श त भाव से जवाब
िदया , क म इस लए हल चला रहा हू ं कह बारह मह ने म म !
खेती करना ना भूल जाऊ।
ँ
यह जवाब सुनकर वृ ि वह से चला गया। रामदास खेत म मेहनत करने म हो गया। रामदास
क बात बादल ने सुनी और कछ दर बाद काली घटा घर कर आई और बरसात शु हो गई।सभी लोग को
ु
आ य हुआ क भिव वाणी हुई थी बारह मह ने बरसात नह होगी।
फर यह अचानक बरसात कसे ?
कसी ने बादल को रोककर पूछा भिव वाणी हुई थी क बारह मह ने बरसात नह होगी फर यह बरसात
कसे ? इस पर बादल ने जवाब िदया क म रामदास क श से भािवत हो गया और मुझे ऐसा लगा क
रामदास अपने काय को नह छोड़ रहा ह वह बारह मह ने का इतजार इस लए नह कर रहा ह , कह वह
ं
खेती करना ना भूल जाए ।
ँ
इस लए म भी बरस रहा हू ं कह बारह मह ने म म बरसना ना भूल जाऊ।नै तक श ा
● काय क त लगन हो तो सभी काय पूरे होते ह ।