Page 18 - HINDI_SB58_Letters2
P. 18

ं
                      े
           े
                                             े
     हम देखत ह� िक कै सर उसक िसहासन पर िवराजमान है और उसक
                                                                   े
       चारों ओर धूमधाम है और सैिनक उसकी रखवाली कर रहे ह�।  “यह अ�ा है और हमार उ�ारकता  �
                                                       े
                                                    परम�र को प्रस� करता है जो चाहता है
                                       �
                “राजाओं और अिधका�रयों के  िलए प्राथना करो   सभी का उ�ार हो और वे इस स�ाई को
                  तािक हम शांित और िवश्राम से रह सक�।”   अ�े से समझ सक�।”


























                                                                     ु
                                                    “और मसीही ��यों को दयाल और भली होना चािहए, न िक अपन  े
                                                     बालों को गूँथने के तरीकों या अपने गहने या कपड़ों के िलए।”
                               “एक कलीिसया के  अ�� को भला ��� होना चािहए जो एक नया मसीही
                                                               �
                                               े
                                      न हो और िजसक जीवन के  िव�� कोई बात न हो”
                                                 �
                                         “उसकी िसफ एक ही प�ी हो
                                         और एक अ�ा �वहार करन  े
                                        वाला प�रवार होना चािहए तािक
                                                      ु
                                         वह कलीिसया की अगवाई कर
                                                सके।”



       “उपयाजकों को भी पादरी के समान ही भला ��� होना चािहए।
                    े
       उ�� अिधक शराब पीन वाला नहीं होना चािहए और लालची भी नहीं
                      होना चािहए।”




















                                                                  ं
                                                    “उनकी पि�यों को भी गभीर होना चािहए, अिधक
                                                         े
                                                                          े
                                                   शराब पीन वाली न हों, न बकबक करन वाली, ब��
                                                       हर काम म� िव�ासयो� होनी चािहए।”
                                                  ु
                                           I तीमिथयस 2-3
     16 16                                 I तीम ुुिथयुस 2-3
   13   14   15   16   17   18   19   20   21   22   23