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                                                      “यिद हमार पास भोजन और व� ह� तो हम�
                                                           ँ
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                                                     ू
       “मसीही दासों को अपन �ािमयों के  िलए किठन      दसरों से बाटना चािहए और संतु� रहना चािहए।”
       प�रश्रम करना चािहए और उनका स�ान करना
        चािहए - यह कभी नहीं कहा जाना चािहए िक         “कु छ लोग पैसों की अिभलाषा म� हर तरह के  गलत
                                                           े
            मसीह के  लोग तु� नौकर ह�।”               काम करत ह� - �ोंिक पैसे का मोह सभी तरह के  पापों
                                                              की ओर पहला कदम है।”
       “यिद उनका �ामी एक मसीही है तो उ�� और
                                  े
         अिधक प�रश्रम करना चािहए �ोंिक उसक
       प�रश्रम के  �ारा मसीह म� एक भाई की मदद हो
                   रही है।”




























                                           े
                                    े
                            “म� तुझे परम�र के  सामन...
                                    ु
                                          े
                          और मसीह यीश के  सामन आ�ा
                                             ु
                                   े
                          देता �ँ, िजस न पु��युस िपलातस
                                 े
                                  ं
                           के  सामन अगीकार िकया, िक
                                     े
                          अब से लेकर हमार प्रभु के  वापस
                             े
                                         े
                           आन तक जो कु छ उस न तुझ से
                               े
                           करन को कहा है, उसे तू पूरा
                                  कर।”
                                                    “धनवानों से कह िक
                                                             �
                                                    वे न घम� कर और
                                                           े
                                                     न ही अपन धन पर
                                                          �
                                                    भरोसा कर, जो ज�
                                                     ही न� हो जाएगा।”
                                                          “उनका घम� और भरोसा
                                                                  े
                                                           जीिवत परम�र म� होना
                                                                   े
                                                          चािहए जो हमार आन� के
                                                          िलए हमारी ज�रत की हर
                                                           व�ु प्रदान करता है।”

                                                                         े
                                                               े
                                                                                      े
                                                           “उनस कह िक वे अपन धन का उपयोग भल कामों
                                                                 �
                                                                                   �
                                                              म� कर, भलाई के  कामों म� अमीर बन और
                                                                                       �
                                                                  ं
                                                            ज�रतमदों को आन� से द�, इस प्रकार �ग म�
                                                                 े
                                                                                     �
                                                              अपन िलए वा�िवक खजाना इक�ा कर।”
                                                िथय
                                                ु
                                             तीम
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                                                   ु
                                                   ु
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     18 18                                  I तीमिथयस 6
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