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      तीतस
      तीत स
                                                                 ु
                                                             तीतस के
                                                                 नाम पत्री
                                                                              ु
                                                              लेखक: प्र�रत पौलस
                                                                      े
                                                                                ु
                                                              ं
                                                         िदनाक: ई�ी. 62-64 पौलस
                                                          के  दो रोमी कारावासों के
                                                                  बीच।




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                            ु
        तीतस एक गर-य�दी था िजसे पौलस की पहली                   े          ु
        िमशनरी यात्रा के  आसपास मसीह म� िव�ास के    मूसा की �वस्था का पालन करन के  िवषय पर तीतस
                                                       े
                  े
              िलए प्र�रत िकया गया था।       51 ई�ी म� य�शलम म� आयोिजत प�रषद की बैठक
                                                    म� पौलस के  साथ गया था।
                                                        ु




















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       तीतस एक मह�पण मसीही अगवा और �वस्थापक           ु       ु  े  ु       े
                   सािबत �आ।                         क�र� से, पौलस न तीतस को य�शलम म� गरीब मसीिहयों
                                                      के  िलए धन के  संग्रह को �व�स्थत करन के  िलए भेजा।
                                                                              े
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                                        ु
                             प्र�रत पौलस ने तीतस को
                                 ु
                                     ु
                             इिफसस से क�र� भेजा
                               तािक कलीिसया म�
                                         े
                             मानहािन और मतभदों को
                                    �
                                   े
                             दू र करन म मदद िमल। े











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