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“तीमिथयस, मर िप्रय पुत्र, म� तर आँसओं को याद करत े
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तीमिथयस को दसरी पत्री पौलस के दू सर े �ए तुझे िफर से दखना चाहता �ँ।”
रोमी कारावास के समय म� िलखी गई थी।
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सभवतः नीरो �ारा मसीिहयों के
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सताव के समय म� पौलस को िफर
से िगर�ार िकया गया था।
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“म� जानता �ँ िक तू अपनी मा यनीक और अपनी दादी
लोइस की तरह प्रभु पर िव�ास रखता है।”
“म� तुझे याद िदलाना चाहता �ँ
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िक जब मन तर िसर पर अपना
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हाथ रखा था तो मर आशीवाद
के �ारा जो तुझे वरदान िमला
था, उसे चमकाए रख।”
“�ोंिक पिवत्र आ�ा नहीं चाहता िक तू
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डर, पर� ब��मान और बलव� बन।”
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“ससार की उ�ि� से पहल ही उसन हम�
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इस पिवत्र काय के िलए चुन िलया था।
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इसिलए म� यहा जल म� कै द �ँ, लिकन मुझे
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इसस कोई शम नहीं आती है।”
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पौलस को िचता हो रही थी िक तीमिथयस सताव के दबाव म� “स�ाई के उस नमून को
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कमजोर हो रहा होगा जब वह इिफसस म� कलीिसया की मजबती से थाम रहो जो म�न तुझे
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अगवाई कर रहा था। िसखाया था, िवशष �प से उस
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िव�ास और प्रेम के िवषय म जो
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वह अपनी सवकाई का अिधकार देना चाहता था और उसन े मसीह यीश तुझे प्रदान करता
तीमिथयस से एक बार और िमलन आन के िलए कहा। है।”
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II तीमिथयस 1
II तीम िथय ु स 1 19 19