Page 21 - HINDI_SB58_Letters2
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                                                                े
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                                                      “तीमिथयस, मर िप्रय पुत्र, म� तर आँसओं को याद करत  े
                                                                       े
                 ू
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       तीमिथयस को दसरी पत्री पौलस के  दू सर  े               �ए तुझे िफर से दखना चाहता �ँ।”
       रोमी कारावास के  समय म� िलखी गई थी।
            ं
           सभवतः नीरो �ारा मसीिहयों के
                       ु
          सताव के  समय म� पौलस को िफर
            से िगर�ार िकया गया था।




                                                                          ू
                                                                            े
                                                                        ँ
                                                       “म� जानता �ँ िक तू अपनी मा यनीक और अपनी दादी
                                                          लोइस की तरह प्रभु पर िव�ास रखता है।”
                                                 “म� तुझे याद िदलाना चाहता �ँ
                                                       �
                                                        े
                                                          े
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                                                 िक जब मन तर िसर पर अपना
                                                             े
                                                            े
                                                                  �
                                                  हाथ रखा था तो मर आशीवाद
                                                  के  �ारा जो तुझे वरदान िमला
                                                    था, उसे चमकाए रख।”











                                                                   “�ोंिक पिवत्र आ�ा नहीं चाहता िक तू
                                                                         ु
                                                                           ु
                                                                     े
                                                                                         े
                                                                    डर, पर� ब��मान और बलव� बन।”
                                                                           े
                                                                      े
                                                       ं
                                                     “ससार की उ�ि� से पहल ही उसन हम�
                                                               �
                                                      इस पिवत्र काय के  िलए चुन िलया था।
                                                              ँ
                                                                        े
                                                               े
                                                     इसिलए म� यहा जल म� कै द �ँ, लिकन मुझे
                                                            े
                                                                  �
                                                        इसस कोई शम नहीं आती है।”






                                                                                े
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          पौलस को िचता हो रही थी िक तीमिथयस सताव के  दबाव म�       “स�ाई के  उस नमून को
                                                                                 े
                                                                          े
                                                                    ू
                                 ु
           कमजोर हो रहा होगा जब वह इिफसस म� कलीिसया की           मजबती से थाम रहो जो म�न तुझे
                                                                           े
                     अगवाई कर रहा था।                            िसखाया था, िवशष �प से उस
                        ु
                                                                                 �
                                                                 िव�ास और प्रेम के  िवषय म जो
                                                                        ु
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            वह अपनी सवकाई का अिधकार देना चाहता था और उसन  े       मसीह यीश तुझे प्रदान करता
              तीमिथयस से एक बार और िमलन आन के  िलए कहा।                  है।”
                                     े
                                  े
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                                                II तीमिथयस 1
                                                II  तीम िथय ु स  1                         19 19
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