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                                                                       े
                                                  वह अनभव ब�त कु छ घम� करन लायक है,
                                                                     ँ
                                                         े
                      �
                 े
       चौदह साल पहल मुझे �ग तक उठाया गया था –           लिकन म� ऐसा नहीं क�गा।
         े
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                                                                                     े
                                                                             े
                                                                े
                                                                     े
                                                             ू
                                                                                े
        मर शरीर सिहत या मेरी आ�ा सिहत यह म�        मुझे घम� से फलन से बचान के  िलए परम�र न मुझे मर  े
                 नहीं जानता।                        शरीर म� एक काटा चभाया है, अथात शतान का एक दू त
                                                                ु
                                                                        �
                                                                           ै
                                                              ँ
                                                                      े
                                                                            े
                                                                 े
                                                              ँ
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                              �
         �ग म� म�न इतनी आ�यजनक बात सुनीं जो  वण�न      मुझे चोट प�चान और परशान करन के  िलए।
                                                          े
                                                      े
                                                                     े
             े
                        े
          करन या श�ों म� कहन के  िलए एक ��� की   तीन बार म�न परम�र से इसे दू र करन के  िलए िवनती की,
                                                                          े
                                                                    े
                                                                          े
                                                                                 े
                                                                        �
                                                          े
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                              े
                समझन की श�� से पर ह�।         लिकन हर बार उसन कहा, “नहीं। लिकन म तर साथ �ँ; तर  े
                    े
                                                                       �
                                                                          �
                                                िलए मेरा अनुग्रह काफी है। मेरी साम� िनबल लोगों म�
                                                       अ�ी तरह से िदखाई देती है।”
                                                                        ु
                                                                    े
                                                          �
                                                                             े
                                                                                 े
                                                                          ु
                                             मुझे खेद है िक जब म आऊँ गा तो परम�र मझे त�ार सामन नम्र करेगा और
                                                         े
                                                                         े
                                                                            े
                                             मुझे दुखी होना पड़गा �ोंिक तुमम� से ब�तों न पहल पाप िकया और जो दु�
                                                         काम िकए ह� उनस मन नहीं िफराया।
                                                                    े
                                                                     ु
                                                   खुद को परखो। �ा तुम सचमच मसीही हो?
                                                                     �
                                                             े
                                                       �ा तुमन परी�ा उ�ीण की है?
                                                                       े
                                                               �ा तुम अपन अ�र मसीह की उप�स्थित और
                                                                                       े
                                                                                  ू
                                                                    �
                                                                साम� को अिधकािधक महसस करत हो?
                                                                                  �
                                                                           या तुम िसफ मसीही होन  े
                                                                             का नाटक कर रहे हो
                                                                             जबिक वा�व म� तुम
                                                                                 ु
                                                                              िब�ल नहीं हो?
                                                                            ु
                                                                       े
                                                                    हमार प्रभु यीश मसीह का अनुग्रह तुम
                                                                         सभी पर बना रहे।
                                              ु
     24 24                                 II कु �र��यों 12-13
                                           II क�र��यों 12-13
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