Page 22 - HINDI_SB57_Letters1
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       क्  योंिक हम जानत ह�, िक जब हमार शरीर का यह त�ू समान घर िगराया
                               �
               जाएगा, तो हमार पास �ग म� नए शरीर होंग। े
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         क्  योंिक हम सभी को अपन पािथव शरीर म� िकए गए भल या बर कामों के
                   िलए मसीह के  सामन खड़ा होना पड़गा।
                                         े
                                े








                                                                                े
                                                                     े
                                                   हम इस तरह से जीवन िबतान की कोिशश करत ह� िक कोई भी कभी
                                                                    े
                                                                े
                                                                                     �
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      परम�र न हम� लोगों को उसक साथ मेल-िमलाप करन  े  भी परम�र को खोजन से पीछ न रहे - तािक कोई भी हमम दोष पाकर
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                         े
       की िवनती करन के  िलए िवशष-अिधकार िदया है।                 प्रभु पर दोष न लगाए।
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                                 ं
           �ोंिक परम�र मसीह म था, और ससार को
           �यं म� पुन: स्थािपत कर रहा था, और लोगों के
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            पापों को उनक िव�� म� नही िगनता – यही
                        ्
                  हमारा अदत सदेश है।
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                                                              हर बात म� हम यह प्रगट करन  े
                                                                         े
                                                               की कोिशश करत ह� िक हम
                                                                  े
                                                               परम�र के  स�े सेवक ह�।
                                  हम धैय�पूव�क हर तरह की पीड़ा और
                                                      े
                                   ं
                                  सकटों और �ेशों को सहन करत ह�।





















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                                                                  हम� पीटा गया, जल म� डाल िदया गया,
                                                                   क्रोिधत भीड़ का सामना करना पड़ा,
                                                                                  े
                                                                  प�रश्रम के  साथ काम करन म�, रातों म�
                                                                              े
                                                                                 े
                                                                       े
                                                                  पहरा देत �ए जागत रहन और उपवास
                                                                       के  कारण दबलता म। �
                                                                               �
                                                                              ु
     20 20                                 II कु �र��यों 5-6II कु �र��यों 5-6
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