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यिद तुम जानना चाहत हो िक परम�र तुमसे �ा चाहता है, तो एक मसीही भाई को नम्रता की दशा म� प्रस� होना
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उसस मागो, तो वह त�� आन� से दे देगा, �ोंिक वह उन सब चािहए - �ोंिक वह प्रभु की �ि� म� बड़ा है।
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को बु�� देता है जो उस से मागत ह�।
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लिकन िव�ास के साथ मागो �ोंिक सदेह से भरा लिकन धनवान को अपनी नीची दशा पर, �ोंिक वह शीघ्र ही
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उस फल के समान जाता रहेगा, जो कड़ी धूप म� मर जाता है।
मन हवा से उछलती �ई समुद्र की लहर के समान
अ�स्थर होता है।
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ध� है वह मन� जो परी�ा म� पड़न पर हार नहीं
मानता, इस कारण वह अपना प्रितफल प्रा� करगा।
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सुनन म� तेज, बोलन म� धीमा और क्रोध करन म� धीमा होना
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जब िकसी की परी�ा होती है तो वह कभी परम�र नहीं होता जो सबस अ�ा है �ोंिक मन� का क्रोध उस धािमक जीवन
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उसकी परी�ा करता है - �ोंिक परम�र कभी िकसी की परी�ा नहीं को नहीं लाता है जो परम�र चाहता है।
लेता है।
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परम�र उस धम� को �ीकार करता है, जो अनाथों और िवधवाओं
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की दखभाल करता है, और �यं को ससार से अपिवत्र रखता है।
तुम एक
नादान हो!
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जो कोई खुद को मसीही कहता है पर� अपनी जीभ को
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िनयित्रत नहीं करता है वह िसफ खुद को धोखा दे रहा है,
और उसकी भ�� बकार है।
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12 12 याकब 1:5-27याकू ब 1:5-27