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64 ई�ी. म� रोम शहर एक बड़ी आग म� जल गया - ब�त से रोम के लोगों का
पतरस
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मानना था िक इसे नीरो न अपनी लालसा को पूरी करन के िलए उकसाया था। I पतरस
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कई रोमी लोग मार गए थे और कई
बेघर थे।
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नीरो न अपन लोगों के क्रोध को
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पनिनदिशत करन के िलए देखा...
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इस बात की खबर फलाओ
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िक मसीिहयों न ऐसा िकया
है - आ�खरकार, वे तो
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िसखात ही ह� िक दिनया इस प्रकार मसीह-अनयािययों के िव�� सताव की
आग से ख� हो जाएगी। 200 साल की अविध शु� �ई।
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प्र�रत पतरस न यह पत्री
िततर-िबतर �ए मसीिहयों को यह
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बतान के िलए भेजी िक कै स े
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मसीह-अनयािययों को बरभाव से
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िनपटना है और दिनया म� रहना है।
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पु�ुस, गलाितया, क�दिकया, आिसया माइनर और िबथिनया म� िबखर �ए लोगों के िलए
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- िपता परम�र न तमको ब�त पहल चुना था और जानत थे िक तुम उनक ब�े बनोग। े
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ये परी�ाए िसफ त�ार िव�ास को परखन के
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िलए ह�, यह देखन के िलए िक वह �ढ़ और
शु� ह� या नहीं।
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जैसे आग सोन को परखती और शु� करती है—और
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वैसे ही त�ारा िव�ास परम�र के िलए सोन से कहीं
अिधक कीमती है।
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उस पर भरोसा रखन का प्रितफल त�ारी
आ�ाओं का उ�ार होगा।
यह उ�ार कु छ ऐसा था िजसे भिव���ा
पूरी तरह से नहीं समझ पाए थे।
I पतरस 1 17 17
I पतरस 1