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पि�यों, अपन पितयों के अधीन रहो तािक
े
यिद वे िव�ास न करत हों तो उ�� उनकी
पि�यों के �वहार के �ारा िबना वचन के
जीता जा सकता है।
गहनों, कपड़ों और बालों की
ुं
बाहरी सदरता के िवषय म�
ं
िचता न करो, ब�� अंदर से
ुं
सदर बनो – नम्र और शांत
आ�ा के साथ।
पितयों, अपनी पि�यों की ज�रतों के
प्रित िवचारशील रहो और उ�� कमजोर
पात्र और अन� जीवन के वा�रस के �प
ु
म� स�ान दो - तािक कु छ भी त�ारी
प्राथना म� बाधा न बन। े
�
यिद तुम एक सुखी, अ�ा
े
जीवन चाहत हो, तो अपनी
ं
जीभ पर िनयत्रण रखो और
े
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अपन होठों को झूठ बोलन से
बचाए रखो।
ु
बराई से दू र हो जाओ
और भलाई करो।
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