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        P. 66
     विज्ञान िरिान ह                            ै
             सक्ष्ि का रितयिा बनन को ,
                                                        े
                 ृ
               तलोतनंग का उद्गम हआ ।
                                                       ु
                 िास ही बना रह िुम्हारा ,
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                    े
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              इस िगिान ना बनन िना ।
                                                     े
                       विज्ञान है िरिान,
                   े
                                                      े
                                                         े
             इस अशििाप ना बनन िना ।
                   िाहन बढ़ प्रिूर्ण बढा,
                                    े
                     िायु     का िोर्ण बढा,
                 जहरीली गैसों क े कारण ,
                 व्याधधयों का रािण बढ़ा।
                  मौि पर िो विजय पाई,
               नई-नई व्याधधयों िी आई ।
             यह िो पालक िरन आया है ,
                                                े
                                                  े
                  इस हारक न बनन िना।
                                                      े
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                       विज्ञान है िरिान ,
                                                      े
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             इस अशििाप ना बनन िना ।
                     सिक है यह िुम्हारा,
                        े
                                                        े
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              इस माशलक ना बनन िना।।
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                           मोतनका सिीजा
                   िीजीिी सामाक्जक विज्ञान
                  Progress is the activity of  today and the assurance of  tomorrow.
     	
