Page 61 - PowerPoint Presentation
P. 61
शुऱू होकर आज भी सूखा राशन ववतरण का काया बहत ही सुतनयोजजत ढग
ं
ु
ै
से चल रहा ह।ववद्यालय प्रमुख श्रीमती मृणासलनी गौतम जी ने ऐसी ववर्म
े
पररजस्त्र्तत में ना कवल इस उिर दातयत्व को सफलतापूवाक तनभाया वरन
े
अपन ववद्यालय पररवार क े ज़ोश और हौंसल को एक न ई उडान भी दी
े
े
े
े
।अनक बार ऐसा भी हआ जब हहम्मत कमज़ोर पडन लगी लककन मैडम ने
ु
े
े
बहत ही स्त्नह से इस ट ू टती हई ताकत को जोडन का काया ककया। परस्त्पर
ु
ु
े
े
समन्वय भावना और सहयोग भावना ने यह काया करन मे प्राण भरन का
े
काया ककया । 2020से लकर अब तक ववद्यालय में कोववड से उत्पन्न
ववकट जस्त्र्ततयौं क े सार् सार् शैक्षखणक गततववर्धयौं क े कायों का तनवाहन
ं
बहत ही शानदार ढग से हो रहा ह।हमारा ववद्यालय रोहहणी क े ररहायशी
ै
ु
इलाक में जस्त्र्त है । स्त्र्ानीय नागररकौं की सुरक्षा को पूरा ध्यान में
े
रखते हए 'हगर क ैं प' व सूखा राशन ववतरण क ें द्र का काया ककया व अब भी
ं
ु
यह काया ककया जा रहा है । कोववड SOP क े सभी हदशातनदेशौं का पालन
ककया जा रहा ह।हगर क ैं प में लगन वाली लंबी लंबी कतारौं मे दो गज़ की
ं
े
ै
े
दूरी का ध्यान,सडक में चल रह आवश्यक आवागमन की व्यवस्त्र्ा क े सलए
ै
हमार ववद्यालय प्रमुख व सभी सदस्त्यौं ने दोनौं समय मुस्त्तदी से अपना
े
दातयत्व तनभाया। ववद्यालय पररसर में अलग से कमरौं की व्यवस्त्र्ा करना
हो, सतनटाइजशन से संबंर्धत सभी आवश्यक काया,साफ़ सफ़ाई आहद से
े
े
संबंर्धत सभी सावधातनयौं का पालन ककया गया। ववद्यालय में ज्ञान
वपपासा और क्षुधावपपासा का ऐसा सुदर ताना बाना दखते ही बनता ह। िीगी
ं
े
ै
आूँखों क े अश्रु पौंछन का प्रयास है ये सूखा रािन वििरण योजना। हमार े
े
ववद्यालय ने ना कवल ववतरण का काया ककया वरन प्रततहदन जहाँ तक हो
े
सका इन लोगोँ की यर्ासंभव ,यर्ाजस्त्र्तत मदद भी की। आशा क े प्रकाश को
पुन: प्रकासशत करते हए भूख से लडन की हहम्मत है ये योजना।सशक्षा
े
ु
े
ववभाग क े उत्साह वधाक हदशातनदेश और हमार ववद्यालय की कमाठ
प्रधानाचायाा जी क े मागादशान से आज भी सूखा राशन ववतरण क ें द्र का काया
बहत ही सुचाऱू ऱूप से चल रहा है ,जो एक उज्जज्जवल और स्त्वस्त्र् जीवन क े
ु
े
ं
ं
सुदर भववष्य की आशा क े अक ु र को प्रस्त्फ ु हटत करन में अपना छोटा सा
े
कक ं तु महत्त्वपूणा योगदान दे रह हैं। सशक्षा मंहदरौं क े अन्द्नपूणाथ ऱूप को िि
िि नमन ।
-धित्रा गौड़
प्रितिा द ंिी
Don't judge each day by the harvest you reap but by the seeds that you plant.