Page 59 - PowerPoint Presentation
P. 59

ै
                                                  े
             नववर्ा का आगमन                अपन सार् अनंत खुसशयौं को लेकर आता ह।वर्ा
             2020का प्रर्म हदवस .. हर्ोल्लास                       में डूबा हआ जनमन                  संपूणा
                                                                                 ु
                                                   ं
             वातावरण को नवीनता क े सुदर रगौं से सजा रहा र्ा ।                             सब एक दूसर        े
                                                          ं
                          े
                                                े
             को सुनहर भववष्य             की ढरौं शुभकामनाएँ दे रह र्े।ऐसा प्रतीत हो रहा
                                                                              े
                                                                                                        ँ
             र्ा कक सूया की प्रर्म स्त्वखणाम ककरणें संपूणा प्रकतत में अनंत सुख उडेल
                                                                             ृ
             रही हो। 2020 क े जनवरी और फरवरी                          माह मानौं पलक झपकते ही
                                े
             बीत ते जा रह र्े ।एक अनजानी आहट कोववड19 की पढ़ -सुन कर भी
                        े
                                       े
             सबअनदखा कर रह र्े।
             इन आशंकाओं को नज़र अंदाज़ करते हए माचा का ववववध रंगौं से
                                                                      ु
             इठलाता महीना आ जाता ह।बसंत                       सौंदया से प्रकतत पल पल पररवततात
                                                  ै
                                                                               ृ
             हो ,रस- रग की मादकता से                      इठला रही र्ी..फ ू ल -पवियाँ,लता,खग-
                            ं
                                                                           े़
             ववहग ,जनमानस शीतल मंद समीर                         संग उडे जा रह र्े। सशक्षा जगत
                                                                                     े
             से जुडे उच्चार्धकारीगण ,सशक्षक गण व छारौं क े जीवन मे परीक्षा का
             वावर्ाक त्योहार शुऱू हो गया र्ा।सभी परीक्षा की तैयारी में जी जान से
             जुट गए ।इसी बीच कोरोना वायरस नामक अनजान बीमारी से                                        उपज   े

             भय व खौफ़ का वातावरण                    आशंका क े अनसुलझे सवालौं को लेकर आ
             खडा होता है ।वर्ों से अपनी लय में चलता माचा का महीना ककसी

             अदृश्य भय से र्राा -सा जाता है ।परीक्षाएंँँ अतनजश्चत काल क े सलए
             स्त्र्र्गत हो गई । सरकार द्वारा लोकडाउन घोवर्त कर हदया जाता है

             ।चारौं       तरफ़ पसरा सन्नाटा ....खाली सडकौं                           पर पसरी तनचाट
                                                ै
                                   े
             तनजानता को           दख सब हरान र्े।कहाँ एक पल भी साँस न लेने वाली
             सडक ें    अब शांत सोई पडी प्रतीत होन लगी।अतत व्यस्त्त,भागमभाग
                                                                    े
                                                                                  े
             जज़न्दगी जजसमें स्त्वयं क े सलए भी समय ना होन की सदा सशकायत
             करते हम सब             अपन घरौं की खखडकी क े झरोखें में र्मी हई                          बेबस
                                           े
                                                                                                ु
             जज़दगी क े साक्षी बन गए र्े ।ऐस में रोज़ी रोटी की तलाश में हररोज़
                                                           े
             कमान खान वाल           े   समाज क े सबसे कमज़ोर वगा पर कोरोना का कहर
                             े
                     े
                                   े
                  े
             अनक आफ़त लकर ट ू ट पडता है ।





















                     Change your thoughts and your world will change.
   54   55   56   57   58   59   60   61   62   63   64