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           ऐस में रोज़ी रोटी की तलाश में हररोज़ कमाने खाने वाले                                    समाज क े
                                                                                           े
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           सबस कमज़ोर वगा पर कोरोना का कहर अनेक आफ़त लकर ट ू ट पडता
           है ।
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                                                                                               े
           दमघौंट ू पररजस्त्र्ततयौं ने उस असहाय बना हदया र्ा। ऐस समय में
           मूलभूत आवश्यकताओं को ही पूरा करना आम गरीब जनता क े सलए
           बहत कहठन हो गया र्ा।लककन कहते है ना जजतनी घनघोर रात होती
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           है ,हदन भी उतनी ही आशा सलए आता है ।हदल्ली सरकार ने एक बार
           कफर मसीहा बनकर समाज क े तनम्न वगा को अपना पररवार बनाकर

           इनकी सबस पहली मूलभूत आवश्यकता भूख को समटाने का बीडा
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           उठाया ।जऱूरतमंदौं असहायौं क े सलए हदल्ली सरकार ने हदन में दो

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           समय भोजन उपलब्ध कराने क े सलए                           हगर क ैं प आरभ ककए । सशक्षा
                                                                                       ं
                                                                          े
                                                                                    े
           जगत से जुडे           उच्चार्धकाररयौं से लकर सबस तनचल पायदान पर काया
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           रत सभी कमाचारी एक                     न ए ऱूप में अवतररत होकर इस मानवीय
                                                                                 े
           पहल का हहस्त्सा बनकर जी जान से वंर्चतौं और बसहारौं का सहारा बन
           ववश्व पटल पर परदुख हरता का नवीन इततहास रचने लग जाते
           हैं।हमारा ववद्यालय भी हदल्ली सरकार क े इन दो हजार भूख राहत क ें द्रौं

           व सूखा राशन              ववतरण क ें द्रौं में से एक रहा ह।वंर्चतौं ,बसहारौं व
                                                                                                  े
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           तनधान पररवारौं क े सलए हमार ज्ञान महदर एक नवीन ऱूप में समाज क े
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           सार् जुड गए            ।समाज पर पडी इस अनहोनी आफ़त क े ज़ख्मौं पर ये
           मलहम बन गए।परस्त्पर प्रम,सहानुभूतत, कऱूणा का साक्षात ऱूप इन
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           राहत क ें द्रौं में सबन दखा।लगभग 500 लोगौं क े दोपहर और रात क े
           खाने की ऐसी सुव्यवस्त्र्ा का एक हहस्त्सा बनकर , मै स्त्वयं को सशक्षक
           ऱूप     में   गौरवाजन्वत         महसूस        कर     रही     हँ ू  ।वंर्चतौं    ,असहायौं        क े

           आत्मववश्वास और आत्मसम्मान को बल दते ये राहत क ें द्र ऐस पररवारौं
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           क े जीवन में नवीन सवेरा लकर आए हैं जो भरोसा दते है कक ववपरीत
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           पररजस्त्र्ततयौं में हम सब एक दूसर क े सहयोगी बनकर ही ऐसी
           अनहोनी समस्त्या का सामना व                       समाधान तनकाल सकते हैं                    ।मानव
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           जीवन की सार्ाकता ककसी हार को जीवन दने में है । अपने सलए जजए
           तो क्या जजए ..ऐ हदल तू जी ज़माने क े सलए ....इसी संदश को सार्ाक
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           करने क े सलए हदल्ली सरकार ने अपन ववद्या लयौं पर ये जज़म्मेदारी
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           सौंपी । जजस हमार ववद्यालय ने पूरी ईमानदारी से तनभाया ।।हमार                                        े
                                                            ं
           ववद्यालय में अप्रैल 2020 मे हगर क ैं प व 'सूखा राशन ववतरण
           क ैं प 'का ये कायाक्रम







         ईष्याा असफलता का दूसरा नाम ह, ईष्याा करन स अपना ही महत्व कम होता ह                                     ै
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