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“तब मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ देखा,
और वहाँएक श्वेत घोड़ा था।उसके
सवार को विश्वासयोग्यऔर सत्य
कहा जाता है, और वह धर्म से
न्यायऔर युद्ध करता है।” [1]
“उसकी आँखें धधकती ज्वाला के
समान थीं, और उसके सिर पर
बहुत से मुकुट थे। उसका एक
नाम लिखा था जिसे उसके सिवा
कोई नहीं जानता।” [2]
“उसने जो लबादा पहना था
वह खून से लथपथ था। [3]
उसका नाम ‘परमेश्वर का
वचन’है।”
“स्वर्ग की सेनाएँ सफेद घोड़ों पर सवार होकर
और साफ सफेद सनी के कपड़े पहने हुए उसके
पीछे हो लिए।” [4]
“जाति जाति को मार डालने के लिए, उसके मुँह से एक
चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड
लिए हुए उन पर राज्य करेगा। वह सर्वशक्तिमान
परमेश्वर के क्रोध की जलजलाहट के कुण्ड में दाख
रौंदेगा।”
“उसके वस्त्र और जाँघ पर उसका एक
नाम लिखा है, राजाओं का राजा और
प्रभुओं का प्रभु।”
[1] विजयी होकर लौटने पर रोम के सेनापति विजयी जुलूस में एक सफेद युद्ध के
घोड़े की सवारी करते थे। यीशु मसीह पहली बार विनम्रता में एक गदही के बच्चे
पर आया था लेकिन दूसरी बार वह एक सफेद घोड़े पर विजयी होकर लौटेगा।
[2] मसीह की दृष्टि से कुछ भी नहीं बचता, यही उसके सभी
निर्णयों को सही और निष्पक्ष बनाता है।
[3] खून से लथपथ वस्त्र उन महान युद्धों का प्रतीक है जो उसने पाप, शैतान और मृत्यु के विरुद्ध
लड़े और जीते हैं। यह हर-मगिदोन की लड़ाई से नहीं है क्योंकि यह अभी तक नहीं हुआ है।
[4] जो सेना उसके साथ है वह मसीह के साथ युद्ध करने के लिए नहीं लौट रही है क्योंकि प्रकाशितवाक्य
प्रकाशितवाक्य 19:11-16 19:11-16
वेनिहत्थे हैं, बल्किउसके सभी दुश्मनों को हराने के बादउसके साथ शासन करने के लिए।
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