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P. 65
सं मरण
लेखक - इ"`जीत Nसंह
जSम : 3 जून 1959, कन लगंज (गो2डा)
#श ा : एम.ए. (अथ शा 6, समाजशा 6, 1हंद!), गोnड मेड#ल ट, पीएच.डी.
(अथ शा 6)
+काशन : ‘जनकPव शैलेS\’ (संपादन), साyता1हक 1हSदु तान, कादिJबनी,
वसुधा, नया _ानोदय, अमर उजाला, आजकल, द%नक जागरण, द%नक
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1हंदु तान, राM!य सहारा आ1द प6-प56काओं म अनेक सा1हि?यक लेख
+का#शत।
अzयापक : शैलेS\ सJमान
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पुर कार : वाणी सJमान, आरभ सJमान, क\!य Pव|यालय संगठन का
राM!य +ो?साहन पुर कार
Pवशेष : तीन वष मॉ को (dस) से अzयापन
+का#शत पु तक : तू yयार का सागर ह, धरती कह पुकार क
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अब तु*हार हवाल वतन सा]थयो कफ़+ आज़मी
(10 मई 2021, कफ> आजमी सा1हब क> 19वीं पु2य%तUथ पर भावपूण सं मरण)
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क ु छ सा1ह?यकार अपनी Pव#शMट
लेखन शैल! क कारण Pवशेष नाम' स
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जान-पहचाने गए। तुलसीदास को राम
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क> म1हमा का गुणगान करने क #लए
भ&त कPव क dप म माSयता #मल!।
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गा#लब को अंदाजे बयां और“शायर क
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dप म +#सPW #मल!। +ेमचंद न दश
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क> आजाद! क #लए अपनी लेखनी को
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हUथयार बनाया और सरल भाषा म
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जादुई शैल! म हा#शये पर पड़े वंUचत
,शोPषत पा6' को मु{य धारा का नायक बनाया िजस पाठक' न Éदय स लगाया। इस#लए उSह उपSयास
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साट तथा कलम का #सपाह! कहा गया। मैUथल!शरण गुyत और 1दनकर न अपनी अUधकांश रचनाओं म
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दश +ेम का परचम लहराया,िजसक कारण समाज और सरकार ने उSह राMकPव क> उपाUध से अलंक ृ त
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मई – जुलाई 65 लोक ह ता र