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करन वाल! न§म -औरत “मुशायर' म मौजूद औरत' 18 #सतJबर 1951 को शबाना आज़मी का जSम हआ |
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क साथ साथ मदw |वारा भी सराह! जाती। न§म क> घर खु#शयाँ स आबाद हो गया। कफ़> आज़मी को भी
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क ु छ पंि&तयाँ इस तरह ह एस डी बम न क साथ 9फnम बुज1दल “म दो गीत
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”गोशे गोशे म सुलगती ह Uचता तेर #लय #लखन का मौका #मला।1951 म पहला गीत उSह'न े
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फ़ज़ का भेष बदलती ह फज़ा तेर #लय अपन इyटा क साथी और लोकP+य गीतकार शैलेS\ क
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कहर ह तेर! हर इक नरम अदा तेर #लय साथ #मलकर गीत #लखा-‘‘रोते रोते गुजर गई रात
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जहर ह! जहर ह दु%नया क> हवा तेर #लय र“। यह गीत तो 1हट हआ ले9कन 9फnम लॉप हो
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kत बदल डाल अगर फ ू लना फलना ह तुझे गयी। ‘‘उËावना’’ प56का म +का#शत शबाना आज़मी
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उठ मेर! जान मेर साथ ह! चलना ह तुझे“ न अपने सं मरण ‘‘अhबा’’ म 1दल को गुदगुदान े
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लंबी कद-काठt ,जोशील!-रोबील! आवाज़ और वाला 9क सा बयां 9कया ह &वीन मेर! हाई क ू ल “म 7
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+ग%तवाद! जनवाद! शायर! क कारण वह मुशायर' क> बfचे का दाLखला तभी हो सकता था जब बfचे क माँ -
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शान बन गए। मुशायर म मौजूद ~ोताओं म इक बाप भी अंेजी जानते ह' &य'9क मेर माँ -बाप अंेजी
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नवयुवती शौकत खानम पर औरत ‘न§म का जादू नह!ं जानते थे इस#लए मेर दाLखल क #लय मशहर
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ऐसा चला 9क वह कफ़> म अपन सपन' का राजक ु मार शायर सरदार जाफर! क> बीबी सुnताना जाफर! मेर! माँ
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तलाशन लगी। कफ़> भी उनस #मलन क बाद उनक बनी और अhबा क एक दो त मुनीश नारायण स&सेना
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सपन दखन लग। #शया सुSनी क> द!वार बीच म 7 न मेर अhबा का रोल 9कया“
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आ गई। औरत “न§म न शौकत खानम को हौसला कफ़> साहब न तकर!बन 85 9फnम' म 7
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1दया जदोज़¾द क बाद सार! द!वार' को तोड़ते हए दश लगभग 250 गीत #लखे। यह बात द!गर ह क> कफ़>
क> आज़ाद! स क ु छ सyताह पहल शौकत खानम , बतौर गीतकार शैलेS\,मजdह और सा1हर क> तरह
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शौकत आज़मी बन गई। शौकत आज़मी न अपनी Vयादा गीत नह!ं #लख सक ल9कन िजतन गीत #लखे व े
आ?मकथा याद क> रहगुज़र “म #लखा ह -कफ़> क> का5बल तार!फ ह। 1959 म +द#श त गुkदत क>
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न§म सुनन क बाद मgन सोचा औरत क बार म इस कालजयी &ला#सक 9फnम ‘‘कागज क फ ू ल’’ Pव`व
तरह सोचनेवाला श{स ह! मेरा शौहरहो सकता ह | #सनेमा क> धरोहर मानी जाती ह। गुkद?त क> 9फnम
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पुरान {याल क आदमी क मेरा गुजारा नह!ं हो सकता | ”yयासा “क %नमा ण क दौरान एस डी बम न और सा1हर
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कफ़> कमयु%न ट पाट क उदू साyता1हक कौमी जंग “ म शhद बड़ा ह या धुन “को लकर गहर मतभेद हो गए।
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स जुड़कर समाजवाद! फलसफ और भाईचार क पैगाम दोन' क> कामयाब जोड़ी ट ू ट गयी। गुkद?त न कागज
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को हर 1दल स जोड़ रह थे। क फ ू ल “म एस डी बम न क साथ गीतकार क dप म 7
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कफ़> शौकत क यहाँ 26 अ+ैल 1948 पहल! संतान कफ़> आज़मी और शैलेS\ को अनुबंUधत 9कया। इस
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पैदा हई िजसका नाम रखा गया खैयाम। आUथ क 9फnम क कफ़> आज़मी क दो गीत बेहद मकबूल हए
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ि थ%त बेहतर न होन क कारण ट! बी स #सत बfचे ”वÌत न 9कया &या हँसी #सतम “और दखी ज़मान े
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खैयाम क> 19 अ+ैल 1949 मौत हो गई। बfचे क> मौत क> यार! 5बछड़े सभी बार! बार! “य दोन' गीत आज भी
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स शौकत आज़मी को गहरा सदमा लगा। ”आल टाइम &ला#सक “क> ~णी म शुमार ह। कफ़>
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आज़मी न“जीत ह! लग बाजी हम तुम “9फnम -शोला
मई – जुलाई 68 लोक ह ता र