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                                       े
               उलटा  कर  रखे  पीतल  क  Uगलास  को  उठाकर           जैस  बस  कल  ह!  जवान  हई  हो।  फ ू लमती  का
                                                                                           ु
               उसम सुराह! स पानी डालकर अपना मुरझा रहा             आदमी  ल%तहड़  9क म  का  गंजेड़ी  ह।  दुबला-
                    7
                             े
                                                                                                     ै
                                                                                          े
                                   ै
               कलेजा  तर  करता  ह  और  9फर  चारपाई  पर            पतला।  मKरयल  सा।  दम  का  मर!ज।  ले9कन
                                                                                                   े
               त9कय  पर  कोहनी  1टका  अधलेटा  होकर  नावल          हरदम गांजे क>  Pपनक  म  डूबा रहन वाला वृW
                                                                                          7
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                                    ै
               खोलकर  बैठ  जाता  ह।  अनायास  उसक  हाथ             मां  और  जोd  क>  कमाई  पर  पलन  वाला
                                                                                                       े
                                                                                   े
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               उसक Pववेक का कहा न मानकर एक बार 9फर                परजीवी। गांजा पीन क> तलब उ– होन पर जब
                                                                                                     े
                                                                        े
               उसी पृMठ को खोल कर बैठ जाते हg। “चट – चट           कह!ं  स  क ु छ  हा#सल  नह!ं  होता  तो  चोर!  और
                                                                             े
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                                     े
               –  चट  उसक  hलाउज  क  बटन  ट ू ट  गए  और...”       उठाईUगर! स  भी  नह!ं  1हचकता। तीन  बार जेल
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                               े
               क ु छ ह! दर पहल पानी पीन क बावजूद उसका             भी जा चुका ह। फ ू लमती क> सास बहत मुहफट
                                                                                                         ं
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               हलक  9फर  सूखन  लगता  ह।  शर!र  स  पसीना           और  दबंग  ह।  बात-बेबात  पर  गKरयान  वाल!।
                                                                                                      े
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               छ ू टना शुd हो जाता ह।                             बात-बेबात  पर  झगड़े  पर  उतर  आन  वाल!।
                                                                  फ ू लमती  का  ससुर  दस  साल  पहल  बेतहाशा
                                                                                                    े
                                                    े
               चारपाई  क  बगल  म   ट ूल  पर  रखा  टबलफन
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                                                         ै
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                                                                  शराब पीन क कारण चल बसा था। आदमी क>
                                                                           े
                                                                              े
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               बहत मर!-मर! चाल स चल रहा ह। उठ कर उस               नौकर!  फ ू लमती  क>  सास  पा  गई  थी।  फ ू लमती
                                                           े
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                                    ै
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               फ ु ल  पीड कर दता ह। 9फर भी एक नामालूम
                                                                                                            े
                                                                  का hयाह दस साल क> उŒ म अपन ससुर क
                                                                                              7
                                                                                                    े
                                         ै
               सी  yयास  और  अक ु लाहट  ह  9क  बढ़ती  ह!  जा
                                                                  रहते हो गया था। गवना बाद म हआ। सास बह
                                                                                               7
                                                                                                 ु
                                                                                                             ू
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                     ै
               रह!  ह।  यह  कसी  yयास  ह  ?  समझ  नह!ं  आ
                                                                                         ै
                                                                  क> अSतDय था समझती ह। इस#लए फ ू लमती क>
               रहा। बस यह! इfछा हो रह! ह 9क वह क ु छ तोड़
                                          ै
                                                                                                             े
                                                                          7
                                                                                               े
                                                                  िजंदगी म दखल नह!ं दती। उस मनचाहा करन
                                                                                        े
                   े
               डाल,  तहस-नहस  कर  द।  चकनाचूर  कर  डाले।
                                      े
                                                                  स रोकती नह!ं ह वह तो चाहती ह 9क फ ू लमती
                                                                                                 ै
                                                                                 ै
                                                                   े
               “बाबू  जी...  बाबू जी...  त%नक फट9कया खोलो।“
                                                                  9कसी तरह गभ वती हो और उसक> वंशबेल चले।
                                                           े
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                            ै
               उस  लगता  ह  जैस  उस  कोई  उसक  अSदर  स
                                                े
                                 े
                                                                                                       े
                                                                                               ै
                                                                  फ ू लमती डट कर मेहनत करती ह और पूर ठसक
                                                    े
               पुकार  रहा  हो।  वह  अपन  भीतर  झांकन  लगता
                                       े
                                                                                       ै
                                                                  क साथ जीवन जीती ह। अपन आदमी को वह
                                                                   े
                                                                                              े
                 ै
                                                           े
               ह। इस बार जोर-जोर स मेन गेट भड़भडाए जान
                                     े
                                                                                                             े
                                                                                 7
                                                                  9कसी  Uगनती  म  नह!ं  रखती।  एक  बार  उसन
                       े
                              7
                 े
               स  अपन  आपम  लौट?ता  ह।  उठ  कर  मेन  गेट
                                        ै
                                                                                  े
                                                                                                    े
                                                                  गांजे  क>  तलब  क  चलते  फ ू लमती  क  पांव  का
                                 े
               क> Lखड़क> खोल दता ह। सामन फ ू लमती खड़ी
                                             े
                                      ै
                                                                  चांद! का एक छnला बेच डाला। पता लगन पर
                                                                                                         े
                 ै
               ह।  उस  दखकर  क ु छ  दर  तक  अचकचाया  सा
                                      े
                         े
                      े
                                                                                          े
                                                                                        े
                                                                  फ ू लमती न सार! मोहnल क सामन झाडू स उस
                                                                           े
                                                                                                 े
                                                                                                             े
                                                                                                         े
                                           े
               खड़ा रहता ह वह। 9फर गेट स एक ओर हट कर
                           ै
                                                                                                            े
                                                                                          े
                                                                  धुड़  डाला  था।  फ ू लमती  क  अSदर  आ  जान  क
                                                                                                          े
                                   े
                                                    े
                                े
               उस  अSदर  आन  क  #लए  रा ता  दता  ह।
                  े
                                                          ै
                                                                                                             ै
                                                                  बाद वह आकर अपनी चारपाई पर बैठ जाता ह
                                                          े
               फ ू लमती। सांवल! ले9कन तीखे नयन न&श, गठ
                                                                                                        ै
                                                                                       े
                                                                  और नावल को पढ़न क #लए उठा लेता ह। पर
                                                                                    े
                                                 े
                                    े
               हए बदन और दरJयान कद क> उसक घर काम                  पढ़  नह!ं  पाता।  घर  म  फ ू लमती  क>  उपि थ%त
                ु
                                                                                       7
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               करन वाल!  मेहतरानी।  अपन  खुल  शोख़  5बंदास
                    े
                                                                                      ै
                                                                     े
                                                                                                   7
                                                                  उस असहज कर रह! ह। मि तMक म जबरद ती
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                वभाव क #लए मोहल भर म बदनाम। शर!र क>
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                                                                  नावल  म  वLण त  अ`ल!ल  वृतांत  घुसपैठ  मचान
                                                                          7
                                                           ै
                       े
               गठन स उŒ का अSदाज नह!ं लगता। लगता ह
               मई – जुलाई                             25                                                                   लोक ह ता र
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