Page 25 - Microsoft Word - word lok hastakshar - Copy
P. 25
े
े
उलटा कर रखे पीतल क Uगलास को उठाकर जैस बस कल ह! जवान हई हो। फ ू लमती का
ु
उसम सुराह! स पानी डालकर अपना मुरझा रहा आदमी ल%तहड़ 9क म का गंजेड़ी ह। दुबला-
7
े
ै
े
ै
कलेजा तर करता ह और 9फर चारपाई पर पतला। मKरयल सा। दम का मर!ज। ले9कन
े
त9कय पर कोहनी 1टका अधलेटा होकर नावल हरदम गांजे क> Pपनक म डूबा रहन वाला वृW
7
े
े
ै
खोलकर बैठ जाता ह। अनायास उसक हाथ मां और जोd क> कमाई पर पलन वाला
े
े
े
उसक Pववेक का कहा न मानकर एक बार 9फर परजीवी। गांजा पीन क> तलब उ होन पर जब
े
े
उसी पृMठ को खोल कर बैठ जाते हg। “चट – चट कह!ं स क ु छ हा#सल नह!ं होता तो चोर! और
े
े
े
– चट उसक hलाउज क बटन ट ू ट गए और...” उठाईUगर! स भी नह!ं 1हचकता। तीन बार जेल
े
े
क ु छ ह! दर पहल पानी पीन क बावजूद उसका भी जा चुका ह। फ ू लमती क> सास बहत मुहफट
ं
े
ै
े
ु
े
ै
हलक 9फर सूखन लगता ह। शर!र स पसीना और दबंग ह। बात-बेबात पर गKरयान वाल!।
े
े
ै
ै
े
छ ू टना शुd हो जाता ह। बात-बेबात पर झगड़े पर उतर आन वाल!।
फ ू लमती का ससुर दस साल पहल बेतहाशा
े
े
चारपाई क बगल म ट ूल पर रखा टबलफन
े
ै
7
शराब पीन क कारण चल बसा था। आदमी क>
े
े
े
ै
बहत मर!-मर! चाल स चल रहा ह। उठ कर उस नौकर! फ ू लमती क> सास पा गई थी। फ ू लमती
े
ु
ै
े
फ ु ल पीड कर दता ह। 9फर भी एक नामालूम
े
का hयाह दस साल क> उ म अपन ससुर क
7
े
ै
सी yयास और अक ु लाहट ह 9क बढ़ती ह! जा
रहते हो गया था। गवना बाद म हआ। सास बह
7
ु
ू
ै
ै
ै
रह! ह। यह कसी yयास ह ? समझ नह!ं आ
ै
क> अSतDय था समझती ह। इस#लए फ ू लमती क>
रहा। बस यह! इfछा हो रह! ह 9क वह क ु छ तोड़
ै
े
7
े
िजंदगी म दखल नह!ं दती। उस मनचाहा करन
े
े
डाल, तहस-नहस कर द। चकनाचूर कर डाले।
े
स रोकती नह!ं ह वह तो चाहती ह 9क फ ू लमती
ै
ै
े
“बाबू जी... बाबू जी... त%नक फट9कया खोलो।“
9कसी तरह गभ वती हो और उसक> वंशबेल चले।
े
े
े
ै
उस लगता ह जैस उस कोई उसक अSदर स
े
े
े
ै
फ ू लमती डट कर मेहनत करती ह और पूर ठसक
े
पुकार रहा हो। वह अपन भीतर झांकन लगता
े
ै
क साथ जीवन जीती ह। अपन आदमी को वह
े
े
ै
े
ह। इस बार जोर-जोर स मेन गेट भड़भडाए जान
े
े
7
9कसी Uगनती म नह!ं रखती। एक बार उसन
े
7
े
स अपन आपम लौट?ता ह। उठ कर मेन गेट
ै
े
े
गांजे क> तलब क चलते फ ू लमती क पांव का
े
क> Lखड़क> खोल दता ह। सामन फ ू लमती खड़ी
े
ै
चांद! का एक छnला बेच डाला। पता लगन पर
े
ै
ह। उस दखकर क ु छ दर तक अचकचाया सा
े
े
े
े
े
फ ू लमती न सार! मोहnल क सामन झाडू स उस
े
े
े
े
े
खड़ा रहता ह वह। 9फर गेट स एक ओर हट कर
ै
े
े
धुड़ डाला था। फ ू लमती क अSदर आ जान क
े
े
े
े
उस अSदर आन क #लए रा ता दता ह।
े
ै
ै
बाद वह आकर अपनी चारपाई पर बैठ जाता ह
े
फ ू लमती। सांवल! ले9कन तीखे नयन न&श, गठ
ै
े
और नावल को पढ़न क #लए उठा लेता ह। पर
े
े
े
हए बदन और दरJयान कद क> उसक घर काम पढ़ नह!ं पाता। घर म फ ू लमती क> उपि थ%त
ु
7
े
े
करन वाल! मेहतरानी। अपन खुल शोख़ 5बंदास
े
ै
े
7
उस असहज कर रह! ह। मि तMक म जबरद ती
े
वभाव क #लए मोहल भर म बदनाम। शर!र क>
े
7
े
नावल म वLण त अ`ल!ल वृतांत घुसपैठ मचान
7
ै
े
गठन स उ का अSदाज नह!ं लगता। लगता ह
मई – जुलाई 25 लोक ह ता र