Page 20 - Microsoft Word - word lok hastakshar - Copy
P. 20

े
                                             े

               सवाल  नह!ं  9कया  गया  9क  मgन  गलत  कर  1दया    #लए आए हए हो यहां? दुख-दद तो 9फर कह!ं स
                                                                           ु
                                                                                            े
               या  क ु छ  प पात  हआ।  इसी  दौरान  हमन  एक       समेटकर  बटोर  कर  #लख  दोग  ले9कन  +चार  क>
                                                        े
                                  ु
                                                            7
                                                                            ै
                                                                                                         े
               रचना?मक मु1हम क> शुkआत भी क> और उसम              &या जdर! ह। मg 9फर कहती ह पु तक अपन पैर'
                                                                                            ं
                                                                                            ू
                                                                                         े
                                                  े
                           े
                                                                            ै
               यू%नव#स ट! क छा6' को जोड़ा, बfच' न #लखा और        पर  चलती  ह।  वह  आपक  चलाए  नह!ं  चलेगी,
                                                                                                             7
                                                                              े
                                       े
                                   7
               बेहतर!न  #लखा,  उनम  स  कई  +%तभावान  लेखक       आपक दो त' क चलाए नह!ं चलेगी। अगर उसम
                                                                     े
                                                            े
                                        े
                          े
               बनकर  उभर।  हर  गांव  स,  क ब  स,  राVय  स,      दम  ह  तो  चाह  इसको  नMट  करन  क  9कतन  भी
                                                                                                         े
                                                                              े
                                                                     ै
                                                                                                  े
                                                  े
                                                                                               े
                                              े
                                                            े
                     ं
                                                                                    े
               रचनाए  आई  और  इतनी  बेहतर!न  आई  9क  हमन        जतन कर लो, वह मरगी नह!ं। 9कताब क> यह! तो
                                                                                ै
               सभी +का#शत क>। मg रचनाओं को खुद पढ़ती थी          खा#सयत  होती  ह।  पर  आप  Pव`वास  तो  कKरए।
                                             ं
               और 9फर वो छपती थी। लोग हसते थे 9क आप             आ?मPव`वास ह नह!ं, इस#लए आप 10 दो त' को
                                                                              ै
               उपाzय   ह  यहां,  &या  &लकc  करन  आई  ह,  मg     बताते  हg।  यहां  #लख  दो  9कताब  क  बार  म,  वहां
                                                                                                े
                                                         g
                          g
                                                 े
                                                                                                        7
                                                                                                     े
                                                                                             ै
               कहती थी, कोई बात नह!ं, बस काम अfछा होना          #लख दो। लोग' म ठन जाती ह 9क हम इस को
                                                                                 7
                                                                                 े
                                                                                                          7
                                                                               7
               चा1हए।                                           धराशायी  कर  दग,  उनक>  खाट  खड़ी  कर  दगे।
                                                                                                             े
                                                                                                       े
                                                                                               ै
                                                                आLखर इस सब क> जdरत &या ह। जो मgन अपन
               मीना	ी  :  आपन  अभी  प पात  क>  बात  क>।
                                े
                                                                जीवन  म  9कया,  िजया।  िजसको  जो  #लखना  ह,
                                                                        7
                                                                                                            ै
                                          े
                                      7
               आजकल तो सब धड़' म बंट हए हg। लेखक' पर
                                             ु
                                                                #लख  द,  मg  कभी  क ु छ  नह!ं  बोल!।  मg  बड़ी  बात
                                                                       े
                         े
                                       े
                                            े
               प पात  क  आरोप  लगन  लग  हg।  आपका  इस
                                                                                                  े
                                                                नह!ं  कहगी  ले9कन  आज  तक  मgन  9कसी  बड़े
                                                                        ं
                                                                        ू
                                     ै
               Pवषय म &या कहना ह? &या लेखक का %नMप
                       7
                                                                लेखक  या  समी क  को  यह  नह!ं  कहा  9क  मेर!
               होना जdर! ह?
                           ै
                                                                9कसी  9कताब  पर  क ु छ  #लख  दो।  तो  &या  मg
                                                                                    7
                                                                                                  ं
               मै3यी  :  प -Pवप   वह!  करते  ह,  धड़'  म  वह!    सा1ह?य क> दु%नया म जीPवत नह!ं ह? य1द नह!ं
                                                        7
                                                                                                  ू
                                               g
                                                                                                े
                                                                                      े
                      g
                                           े
               बंटते ह, बांटते ह िजनको अपन ऊपर Pव`वास नह!ं      होते तो &या आप मुझस बात करन आती। पाठक'
                              g
                                                                  े
                                                                                                   े
                                                                                         े
                                              ै
                                  े
               होता। लेखक तो अकला चलता ह। यह तो लेखन            स जो कहा मेर! 9कताब' न कहा, मgन क ु छ नह!ं
                                                                                                        े
                                             े
               क> पहल! शत  ह 9क लेखक अकला चले। वह ना            कहा। तो यह धड़ेबाजी, यह गुटबंद! लेखक क #लए
                               ै
                                                                                                ै
                          े
                                                            े
               तो  9कसी  क  जैसा  #लखता  ह,  ना  वो  9कसी  क    कोई  बहत  बेहतर!न  चीज  नह!ं  ह।  लेLखका  का
                                                                        ु
                                           ै
                                                                                                   ै
                                                                                 े
                           ै
               जैसा होता ह और ना वो 9कसी का अनुयायी होता        सृजन हमेशा अपन दम पर ह! संभव ह।
                 ै
               ह। और ऐस म अगर गुटबाजी या दलबदल होगा
                          े
                             7
                                                                                                    े
                                                                मीना	ी  :  आपक>  इस  सृजन  या6ा  क  कोई  दो
                     े
                                      े
               तो  य  सा1ह?य  को  आग  बढ़न  नह!ं  दगा।  सार!
                                                    े
                                            े
                                                                                                             े
                                                                मह?वपूण  पड़ाव या क1हए turning points कौन स
               ऊजा  नMट हो जाएगी। ले9कन आजकल क लेखक'
                                                     े
                                                                रह, िजSह'न आपक जीवन या लेखन को +भाPवत
                                                                                 े
                                                                  े
                                                                           े
               को  +चार  चा1हए,  पुर कार  चा1हए।  मg  पूछती  ह
                                                            ं
                                                            ू
                                                                9कया?
                                      े
               &या +चार-+सार क आग क ु छ भी नह!ं? तुम 9कस
                                े
               मई – जुलाई                             20                                                                   लोक ह ता र
   15   16   17   18   19   20   21   22   23   24   25