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हg। आपक> कहा%नय' क कथानक हमार आसपास ह, जहां पु#लस मेर गांव वाल' को घर कर खड़ी
ह! 5बखर पड़े हg। इस संदभ म मेरा सवाल ये ह ह। मुझे वह!ं जाना होगा।
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9क सा1ह?य 6ी को Sयाय और अUधकार 1दलान
जहां तक सवाल सा1ह?य स 9कतना असर पड़ा का
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म 9कतना स म हआ ह?
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ह, तो भल ह! असर थोड़ा हआ हो, हआ ह। इस
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मै3यी : अब यह तो पढ़न वाल' पर %नभ र करता समय म जब लोग पढ़ते ह! नह! ह, 9कसी न थोड़ा
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ह।“फसला”कहानी को ह! लो। उस कहानी को पढ़ा और थोड़ा सोचा-समझा, इतना ह! काफ> ह।
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पढ़कर कई ि 6य' क मन म आया 9क जब कह!ं क ु छ थोड़ा-बहत बदल, इसक #लए जdर! ह
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अSयाय होता ह तो हम उसक Lखलाफ क ु छ करना 9क ि 6यां पढ़। शहर! ि 6यां तो 9फर पढ़ पाती ह,
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चा1हए। क ु छ बोलना चा1हए। जो हमार! अंतरा?मा ामीण ि 6यां 9कतना पढ़ पाती ह, यह भी एक
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कहती ह, उसक> आवाज तो सुननी चा1हए। सवाल ह। मुझे याद ह 9क एक बार मुझे मेर गांव
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सामाSय तौर पर होता &या ह, जब हमारा प%त, स 9कसी म1हला का फोन आया। कहन लगी, हम
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हमारा पु6, हमारा भाई, हमारा Pपता, चाह वह रामकल! बोल रह! हg। मgन कहा मुझे बहत अfछा
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9कतना भी गलत कर आए, हम ि 6यां उसी का लगा, तुमन फोन 9कया तो वह बोल! मgन इस#लए
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प लेती हg। तुमन दखा भी होगा 9क बला?कार, फोन 9कया &य'9क हम अnमा कबूतर! पढ़ रह थे,
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ह?या जैस जघSय अपराध' म #लyत पुkष' क तो जब गांव क> औरत अnमा कबूतर! पढ़ रह! ह'
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समथ न म उनक घर क> ि 6यां ह! बोलती हg। वह तो मुझे लगता ह 9क क ु छ तो हआ ह। यहां मg
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&य' वसुम%त क> तरह खड़ी नह!ं हो पाती? सारग एक और अनुभव बताना चाहगी 9क एक बार मुझे
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क> तरह अपन लालची प%त का Pवरोध &य' नह!ं पु#लस क एक बड़े उfच अUधकार! का फोन आया
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कर पाती? सारग जो यह वचन दती ह 9क मg तो एकबारगी तो मुझे लगा 9क पता नह!ं &या
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अपन गांव क> #श ा क> और सं क ृ %त क> र ा सम या हो गई, जो मुझे पु#लस ढ ूंढ रह! ह। वह
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कdगी और वह हर अSयाय क Lखलाफ खड़ी होती मुझे एक पु#लस कॉSस क #लए बुलाना चाहते
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ह और अपन प%त क Lखलाफ भी। थे। उन पु#लस अUधकार! न कांस क मंच स
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कहा 9क आज हमार साथ 1हंद! क> लेLखका मै6यी
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इSनुम क> मंदा को ह! लो, जब वह अपन घर
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पुMपा ह िजSह हम साल 2000 स ढ ूंढ रह थे।
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लौटती ह तो उस लगता ह 9क उसका +ेमी उसक
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हमन इनका एक उपSयास अnमा कबूतर! पढ़ा
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पीछ आ रहा ह। बस स उतरते हए भी उस उसक
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और हमार अSय सहकम अUधकाKरय' को भी
+ेमी क> पदचाप सुनाई पड़ती ह ले9कन वह ठान
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पढ़ाया और इस उपSयास को पढ़न क बाद हमारा
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लेती ह 9क अब उस लौटना नह!ं ह। यह मेरा
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कबूतरा जनजा%त क #लए नजKरया ह! बदल गया।
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रा ता नह!ं ह। अब मेरा रा ता मेर गांव को जाता
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मई – जुलाई 17 लोक ह ता र