Page 32 - Microsoft Word - word lok hastakshar - Copy
P. 32

े
                                           े
                       ‘रोज-रोज  रोट!  खान  वाल  जाते  हो...    ह।  ले9कन  क‹गाह  क>  खामोशी  उस  तोड?  जाती
                                                े
                                                                 ै
                                                                                                             7
                                                                      े
                              ै
               अfछा लगता ह? तुJहार! अfछt-खासी पेSशन ह,          ह,  उस तो  यह!ं तमSना  रहती  ह 9क क‹गाह  म
                                                                 ै
                                                            ै
                                                                                              ै
                                                                                                           7
                                    े
                                                                                                      7
               9फर &य' #भखमंग बन हए हो ?’                       सोए  हए  उसक  #म6  उठकर  उसस  बात  कर...
                                े
                                                                                                 े
                                                                              े
                                                                      ु
                                      ु
                                                                उसस  1ठठोल!  कर...  उसस  मसखर!  कर...  वह
                                                                                                       7
                                                                                 7
                                                                                         े
                                                                    े
                                 ं
                       ‘मg &या कd 9फर ?’ वह अपनी चांद! हई       उनस  जहSनुम  क>  जानकाKरयां  बटोर,  ले9कन
                                                           ु
                                                                                                     े
                                                                    े
                             े
               दाढ़! को खुजान लगा था।
                                                                         7
                                                                क‹गाह म सोए हए मुदº नह!ं उठते तो वह LखSन
                                                                                ु
                                                                       ै
                                                                                           ै
                       ‘अपन घर म &य' नह!ं खाते रोट!.... &या     उठता  ह...  बेचैन  हो  उठता  ह...  %तल#मला  उठता
                            े
                                  7
                                                                 ै
                                                                                                ै
                      ै
               कमी ह ?’                                         ह... उसक> भीतर! dह कांप उठती ह।
                                                                                              े
                       ‘लंगर  म  खाता  ह  तो  तुJह  &य'  बुरा          वह कब %तवार! साहब क घर चला आया
                                                  7
                                        ं
                               7
                                        ू
                       ै
               लगता ह?                                          था।
                                                                                   े
                                                   ं
                                                                                                      ू
                               ै
                       ‘लगता ह.... तभी तो कह रहा ह।’                   %तवार! जी न पूछा था, ‘कहां जहर #मयां,
                                                   ू
                                                                            े
                                                                कहां रह इतन 1दन ?’
                                                                       े
                       वह  श{स  अपना  माथा  फोड़ता  रहा  था,
                                                                                  7
               उस  पर  कोई  असर  नह!ं  हआ  था,  वह  पथर!ल!             ‘शहर  ह!  म  था...  परस'  रामनवमी  थी...
                                         ु
                                                                                                             े
                                                                        7
               #शला-सा खड़ा रहा था।                              जुलूस म झ2डा पकड़े चलना था...’ वह तपाक स
                                                                बोल उठा था।
                                                            7
                                                    े
                                               7
                       उसक>  मसखर!  वाल!  खबर  पूर  शहर  म
                         g
               +च#लत  ह...  कहां-कहां  नह!ं  1दख  जाता  वह।            ‘आ जाया करो #मयां.... तुम आते हो तो
                                                                                 ै
                                                 ं
                                              े
               रामनवमी  क>  शोभाया6ा  म  भगव  रग  का  झ2डा      रौनक लौट आती ह।’
                                        7
                                                      7
                                 े
                                          ै
                            े
               #लए वह सबस आग चलता ह... क‹गाह म सवेर-        े
                                                                       ‘आ ह! तो जाता ह... जहर #मयां क पास
                                                                                        ं
                                                                                                        े
                                                                                              ू
                                                                                        ू
                                                      े
               स-शाम तक क‹' पर झाड़ लगाते हए उस 9कतन             दु%नया भर क काम ह।’
                 े
                                                            े
                                                ु
                                       ू
                                                                                   g
                                                                            े
                               ै
                       े
                         े
                                                   7
                                          े
               लोग'  न  दखा  ह।  रमजान  क  1दन'  म  वह  रोजे
               खाता ह, नवरा6' क 1दन' म उस मं1दर' म माथा                ‘इतनी दर स &य' आते हो.... िजंदगी का
                      ै
                                                                                   े
                                 े
                                         7
                                              े
                                                       7
                                                                               े
                                                                                       े
               रगड़ते हए दखा जा सकता ह। 9$समस  क  1दन            &या भरोसा.... कब दगा द जाए।’
                                           ै
                           े
                                                       े
                       ु
                                  े
                  े
                                       े
               उस  सीपर!  बाजार  क  पीछ  UगKरजाघर  का  आंगन
                                                                       ‘ऐसा  नह!ं  कहते  %तवार!   साब,  अभी  ता
               बुहारते  हए  दख  सकते  हg।  गुk|वार'  म  उस  जूठ
                                                        े
                                                   7
                            े
                                                            े
                        ु
                                                                                           ै
                                                                                                         े
                                                                    े
                                                            े
                                े
               बत न मांजते हए दख सकते हg। वह आदमी 9कतन          हमन कई साल' तक जीना ह... कई क ु छ दखना
                            ु
                                                                                 े
                                                                 ै
                                                                       े
                      7
               dप'  म  ढल  गया  +तीत  नह!ं  होता  ?  वह  हजूर   ह... ऐस थोड़े मरन दूंगा आपको।’
                                 े
               #मयां ह, उस अपन धम  क> ह! UचSता नह!ं. वह                ‘9फर  भी...  जान  &य'  UचSता-सी  लगत
                      ै
                           े
                                                                                       े
                   े
               जान कहां-कहां,  &या-&या  नह!ं  करता,  क‹–ह'  म   रहती ह तुJहार!।’
                                                            7
                                                                       ै
                  े
                                             ै
                                                  7
                                                            ै
               मर हए आद#मय' को पुकारता ह, उSह कोसता ह,
                    ु
                    े
               अपन कर!बी #म6' क> क‹' को गा#लयां %नकालता
               ह.  अपन  खुदा  स  +`न  पूछता  ह,  उलाहन  करता
                                                      े
                 ै
                               े
                       े
                                              ै
               मई – जुलाई                             32                                                                   लोक ह ता र
   27   28   29   30   31   32   33   34   35   36   37