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नह!ं? मरना 9फर झूठ थोड़े ह...।’ उस पहल! बार मौसी पर भी भर मन स उपSयास #लखन का मन
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उदास दखा था। बनाए हए ह... अब जहर #मयां उनक> कहा%नय' म
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उतरग तो झांसी क> ग#लयां िजSदा हो उठगी...
एकाएक ईलाट चौराह वाल! मि जद क>
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उनका शहर चचा क घेर म आ जाएगा.... पंजाब
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सी1ढ़यां चढ़ते हए जहर #मयां का #शUथल हआ क> 9फजाओं म भी जहर #मयां क 9क स गूज
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चेहरा आंख' म रगन लगा था। ू
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उठगे।
उस 1दन भी उसन भर-पेट खाना खाया
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Pपछल हते पठानकोट वाल लेखक #म6
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था.... जमकर ठहाक #लए थे.... दु%नया भर क>
का प6 आया था, व अभी भी जहर #मयां स
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बेतुक> बात क> थी। मर हए दो त' को गा#लयां #मलन का सपना पाल हए ह.... ले9कन झांसी म
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%नकाल! थी.... खुदा स #शकव 9कए थे.... अपन ु
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अभी आ पान क> असमथ ता स भीतर! मन स
शहर ह! म मरन क सपन दख थे। मर! अपनी हई आहत ह... इस बार उSह'न जहर #मयां क नाम
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बीवी को मरण 9कया था, मसखरां क>-सी हरकत ू
एक प6 #भजवाया ह... 9फर यह उनक> Pवशाल
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क> थी.... मसखरा ह! तो था वह.... अब तक
£दयता ह! तो ह.... वरना... 1दनभर सड़क' पर
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उसन #सवाए इन हरकत' क अलावा 9कया ह! &या
आवारागद करन वाल उस अनाथ श{स को कोई
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ह... शहर क> पहचान ह! तो ह वह।
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मरण करता ह ? कौन बार-बार उसक> क ु शल ेम
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वह चला गया था, शहर क> ग#लय' म, पूछता ह?
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घुम&कड़ी करन.... अपन ख ताहाल एक कमर क
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9कतन 1दन' स वह प6 #लए उस खोज रह
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9कराए वाल घर म.... सड़क' पर %नकलन वाल
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ह.... ले9कन जहर #मयां का कोई अता-पता नह!ं....
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जुलूस' म शा#मल होन.... जलस' म शा#मल होन।
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%तवार! जी अटकल लगा रह ह क %न:संदह वह
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9कतन 1दन हो गए ह उस दखे हए.... अपन 9कसी बेट क पास चला गया होगा..... &या
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%तवार! जी क 1दल म आशंकाओं क दायर फल पता उसका मन एकाएक बनारस जान का बन
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आए हg। शहर क उसक अ»ू पKरUचत लोग' स गया होगा? 9फर उसक> +मुख आदत' स भी तो
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पूछताछ करक ह! उSह चैन #मलेगा.... %तवार! जी यह! शुमार रहता था क पता नह!ं वह कहां
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कसमसा उठ थे, सुखन पि2डत क अलावा ओम #मल.... 9कसी कगाह म... सीपर! बाजार! वाल च
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शंकर स भी पूछा था। क> सी1ढ़यां बुहारते हए.... Uच6ा चौराह वाल मं1दर
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क लंगर म पंि&त म बैठ हए खाना खाते हए....
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पठानकोट वाल उसक लेखक #म6 का
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शहर क 9कसी गुk|वार म संगत क जूठ बरतन
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झांसी म आना अभी तय नह!ं हो पाया। ले9कन
मांझते हए.... इस बार भी %न:संदह शहर क>
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जहर #मयां उसक> कहा%नय' म 9कसी पा6 क> कगाह ह! म #मलेगा वह, क' पर झाड़ लगाते
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तरह पालथी मार बैठ ह, व अपनी हर Uचठt म ू
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हए... 9फर स उन क' पर क ू ची स सफद! करते
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उसका क ु शल ेम पूछते ह, फोन वाता ओं का Pवषय
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हए.... मर हए दो त' को गा#लयां दते हए... खुदा
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भी जहर #मयां ह! हो गए ह, इसस पूव व म%नया
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मई – जुलाई 34 लोक ह ता र