Page 35 - Microsoft Word - word lok hastakshar - Copy
P. 35

े
                                                                                                     े
                                                                                               े
                                       ं
                                                    7
               स उलाहन करते हए.... ऊची आवाज म Uचnलाते           यह!  आशंका  थी...  जहर  #मयां  क  मरन  का  डर
                 े
                                 ु
                                                                                     ू
                                                                                       7
                                                                           े
                                                                                                     े
                                                                                                           ं
               हए...।                                           था....  उसस  कभी  भी  भट  न  कर  पान  का  दश
                ु
                                                                                                            े
                                                                था.... उŒ क आLखर! पड़ाव पर चल रह श{स क
                                                                           े
                                                                                                    े
                                                            े
                                                       े
                       तीसर  1दन  उसक  पड़ोस  म  रहन  वाल
                           े
                                       े
                                                 7
                                                                +%त  ऐसी  आशंकाओं  का  पनपना  झूठ  थोड़े  होता
                   े
                      े
               रलव स सेवा%नवृ?त साथी सुखन पि2डत न उसक
                े
                                                       े
                                                            े
                                                                                              े
                                                                ह.... जहर #मयां को %तवार! जी क लेखक #म6 का
                                                                 ै
                                                                        ू
                        े
                                                      े
                                                            े
               बार  म  ढर-सी  जानकाKरयां  द!  थी....  उसक  मरन
                     7
                  े
                                                                1दल रखना था.... उनक> +ती ा 9कए 5बना मरना
                                                       े
               क>  खबर  सभी  क  #लए  अPव`वसनीय  होन  लगी
                                े
                                                                                                  े
                                                                नह!ं चा1हए था.... अब पठानकोट वाल लेखक #म6
                                     े
               थी, %तवार! जी भी ह&क-ब&क रह गए थे, सच ह!
                                          े
                                                                         े
                                                                को सल!क  स समझना होगा  9क  झांसी शहर  क>
                                                                            े
               इस बार उस क‹गाह म ह! दखन जाना था.... वह
                                          े
                                             े
                                     7
                          े
                                                                                                          ै
                                                                            े
                                                                         7
                                                                ग#लय'  म  स  एक  मसखरा  अलोप  हो  गया  ह....
                                             े
               अब वापस थोड़े आएगा... वहां स कभी कोई वापस
                                                                            े
                                                                अब व उसस कभी #मल नह!ं पाएंग... उसक गल
                                                                                                 े
                                                                      े
                                                                                                        े
                                                                                                             े
                       ै
               आया  ह  ?  वह  कह!ं  दूसर!  जगह  जा  भी  नह!ं
                                                                                       े
                                                                नह!ं  लग  पाएंग....  उस  झांसी  क>  ग#लय'  म
                                                                               े
                                                                                                             7
               सकता था।
                                                                                     े
                                                                आवारागद™ करते हए दखन क> अपनी अfछा का
                                                                                         े
                                                                                 ु
                                                                               े
                       पठानकोट  वाल  लेखक  #म6  का  प6  अब       वयं वध कर दना होगा.... उसक> मौत क> खबर
                                    े
                                         ै
                                                         7
               और भी मह?वपूण  हो गया ह.... &य'9क प6 म भी        झूठt हो ह! नह!ं सकती।
                                                     ं
                                                   सपक: 1288, लन-4, राम शरणम कालोनी, डलहोज़ी रोड़, पठानकोट-145001
                                                                          ्

                                                              े
                                                      फोन: 0186-2229440, मोबाइल: 6280683663  bZesy % sailibaljit@gmail.com

                लघुकथा                डश वॉशर
                                                                े
                             7
                                                                                                े
                                                                                                  े
                        घर म बत न साफ करन क> मशीन आन स सभी बेहद खुश थे। गल! मोहnल क लोग भी
                                              े
                                                             े
                                                                 े
                               े
                                                        7
                उ?सुकतावश चल आते दखने। इस शहर म शायद य पहला घर होगा जहाँ ऐसी मशीन आई होगी।
                                       े
                                                                     े
                                                                   े
                सुना तो था 9क Pवदश' म ऐसी मशीन होती ह अब अपन दश म भी !
                                                  7
                                                         g
                                                                          7
                                  े
                                       7
                               े
                           े
                मशीन को दखन का कौतूहल कई 1दन' तक बरकरार रहा। सभी तो खुश थे एक दाद! को छोड़कर! वह
                                                                                          े
                   े
                वैस भी जnद! खुश होती ह! कहाँ ह ! हर चीज म कोई न कोई कमी %नकाल ह! दती हg।
                                                            7
                                                g
                     े
                          े
                                 े
                             7
                अपन कमर म बैठ सारा 1दन बुड़बुड़ाती रहतीं
                बस इन मशीन' पर %नभ र हो जाओ! शम  ह! नह!ं आती आजकल क बfच' को!
                                                                            े
                                                                                        े
                                                                   ै
                                                  े
                अब भला इसम शम  क> &या बात! य तो गव  क> बात ह 9क पहल! मशीन हमार घर आई।
                              7
                                                                                             े
                सभी दाद! क> बात सुन खूब हँसते। एक 1दन छोट न पूछ ह! #लया- दाद!! मशीन आन स सभी तो
                                 7
                                                                े
                                                                                                े
                                                             े
                                                                                         े

                                                                          े
                      g
                                         े
                खुश ह! #सफ तुJह!ं &य' परशान हो.कभी सोचा ! मशीन आन स बत न साफ करन आन वाल! महर!
                                                                       े
                                                                                              े
                                                                े
                शां%त क 1दल पर &या बीतती होगी ! उसका घर कस चलता होगा और! और!
                                                              ै
                       े
                                                       ै
                                    े
                            े
                और शां%त क न आन पर मेरा अकलापन कस कटगा! आग क शhद दाद! क गल म ह! घुट कर रह
                                               े
                                                         े
                                                                       े
                                                                                         े
                                                                                    े
                                                                                           7
                                                             े
                                                                     े
                गए।
                                                       -   अंजू खरबंदा, 207, |Pवतीय तल, भाई परमानंद कॉलोनी, 1दnल!
               मई – जुलाई                             35                                                                   लोक ह ता र
   30   31   32   33   34   35   36   37   38   39   40