Page 5 - Microsoft Word - word lok hastakshar - Copy
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               सकते ह व &य' न बोल ? उनक लेखन को आम              प56का का काम भी वाहक जैसा ह। सा1ह?य और
                                                                       ं
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                                                                                                      7
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               लोग'  तक  पहचाकर  मg   वयं  भी  आग  बढ ूँगा।     प56काए  अपना  काम  कर  रह!ं  ह  इसम  हमारा
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               बहत  जkर!  ह  आज  जब  पूँजीवाद  Pव`व  क          योगदान भी होना अ%नवाय  ह।
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                                                                                          ै
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               पूँजीवाद  स  #मलकर  अपनी  $ ू रता  क  चरम  पर
                                                  े
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                                                                आज का मु{य +`न  ह 9क हम  सोच  दश  9कस
                                                                                                      े
                                                                                                   7
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               पहँच कर आम आदमी का %नवाला छtनन जा रहा
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                                                                       7
                                                                                              े
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                                                                                  ै
                                                                1दशा म जा रहा ह। &या इस दश क #लए नयी
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               ह।  ऐस  समय  म  लेखक'  क>  लेखन  जीPवत  रह,
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                                                                सद!,  नव  युग  का  अथ   #सफ  यह!  ह  क>  हमार!
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                                   े
               यह जdर! ह, उसी स आन वाल कल क> उJमीद
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                                                                आUथ क  +ग%त  कारपोरट  |वारा  चा#लत  ह  ?
                                                                                      े
               बंधगी।
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                                                                कारपोरट जगत क> चकाच}ध क नीचे जो शोषण
                                                                       े
                                                                                             े
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               लगभग दो दशक बाद 9फर स प56का शुd करना             क> नद! बहती ह उस भी जानना जkर! ह। क ृ Pष
                                                                                ै
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               क ु छ क ु छ नव स कर रहा ह वह!u ख़ुशी भी द रहा     कानून  स  जो  खतरा  अSनदाता  क  |वार  पर  आ
                                                                                                  े
               ह। इन बीस वषw म 9कतना क ु छ बदल गया ह।           खड़ा हआ ह वह खतरा कवल और कवल 9कसान
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               Zडिजटल युग आ गया ह। दु%नया फ़ा ट फ़ ू ड सी         का नह!ं बिnक हर आदमी का ह।
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                                                            े
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               हो गई ह। सरकार! उप$म कारपोरट म बदल रह
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                                                                &या  हम  एक  बार  9फर  स  +ेमचSद  युगीन  होन
                                                                                                             े
                                                                                         े
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               ह।  बदलाव  इतनी  तेजी  स  घ1टत  हो  रहा  ह  9क
                                                                                                             े
                                                                                                           ं
                                                                        g
                                                                                                े
                                                                                                        7
                                                                जा रह ह। +ेमचंद ज़मींदार! +था क चंगुल म फस
                                                                      े
               मनुMय मशीन सा बन गया ह। कारपोरट सं क ृ %त
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                                                                आम आदमी क> पीड़ा को #लखते रह। &या हमार
                                                                                                             े
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               म  रोन  और  हसन  क  #लए  कोई  जगह  नह!ं  ह।
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                                                                                 े
                                                                आन वाल! पीढ़! क ~म का शोषण भी उसी तरह
                                         g
               yयार मुहhबत यहाँ विज त ह। यहाँ कJप%नय' क
                                                            े
                                                                       े
                                                                होता रहगा जैस आजाद! पूव  होता था ?
                                                                              े
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               टारगेट ह िजनको पूरा करन म आज का युवा खुद
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                                                                                   7
                                                                                                           ै
                                                                       े
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               को खपा रहा ह। कभी कभी लगता ह यह दु%नया            Pपछल क ु छ वषw म 9कतना क ु छ चल रहा ह ,
                             ै
                          ै
               एक गुफा ह जहाँ हम रोबोट स कम तो नह!ं ?           इतनी उथल पुथल भीतर भी बाहर भी इसको कहाँ
                                           े
                                                                                         े
                                                                %नकाल। गत वषw म हमन कोPवड जैसी महामार!
                                                                      7
                                                                                   7
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               धा#म क स?ता क घोड़े आजकल राजनै%तक स?ता
                                                                  े
                                                                                  े
                                                                क दौरान और उसक बाद आUथ क सामािजक और
                                    g
               क>  तरफ  दौड़  रह  ह।  धा#म क  और  राजनै%तक
                                े
                                                                सां क ृ %तक  मूnय'  पर  +हार  भी  झेल  ह।  दश  क
                                                                                                  े
                                                                                                     g
                                                                                                        े
                                                                                                             े
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               स?ता  क  घोड़े    #मलकर  बहत  अUधक  $ ू र  और
                                          ु
                                                                                े
                                                                                                             7
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                                                                भीतर एक और दश 1दखा ह। एक दश कमर' म
                                                                                          ै
                                   े
                                                            े
               Pव\ूप  हो  कर  अपन  ह!  आवाम  को  पैर'  तल
                                                                बंद,  एक  सड़क'  पर  भूखा  yयासा  सैकड़ो
               क ु चलते  ह।  यह  बहत  जkर!  हो  चला  ह  9क  हम
                                                    ै
                        g
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                                                                9कलोमीटर क> Pववश और Pवकट पैदल या6ा करते
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                                                     े
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               #लख हम बोल। कPवता सश&त माzयम क dप म
                                                                हए।  मानवीय  संवेदना  को  लुटते  और  बनते  भी
                                                                 ु
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                              ै
               हमार  सम   ह।  पूँजीवाद  और  सामSतवाद  क>
                                                                दखा।  आज  पूर  दश  म  कोPवड  न  हाहाकार  मचा
                                                                  े
                                                                                 े
                                                                                      7
                                                                                               े
                                                                              े
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               जकड़  और  पकड  स  बाहर  %नकलना  जkर!  ह।
               मई – जुलाई                             5                                                                   लोक ह ता र
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