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और जा%तवाद व बंधन' क Lखलाफ जंग छड़ने कवल 9 वष थी। Vयो%तबा +%त1दन खेत म
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का +ण #लया। थोमस पैन क> एक पु तक काम करने जाते थे। तीसर पहर साPव6ी बाई
राईस आफ मैन से +भाPवत होकर फ ु ले जी भोजन लेकर खेत जाती, उस समय का उपयोग
ने सामािजक Sयाय क #लए और भारतीय Vयो%तबा ने साPव6ी बाई को पढ़ाने म 9कया।
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जा%तवाद क Lखलाफ अपना एक ढ़ िMटकोण इसक> चचा उनक Pपता तक पहँची। समाज क
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बना #लया। फ ु ले जी ने 1हSदू ंथ' का गहन डर से उनक Pपता ने Vयो%तबा को घर छोड़ने
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अzययन 9कया और इस %नMकष पर पहँचे 9क को कहा। Vयो%तबा का साथ दते हए साPव6ी
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सामािजक असमानता जSमजात नह!ं ह, यह बाई फ ु ले ने भी घर छोड़ 1दया। Vयो%तबा न
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मानव %न#म त Dयव था ह। परJपराओं क नाम अनेक सामािजक व आUथ क संकट झेलते हए
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पर म1हलाओं पर होने वाल अSयाय क Lखलाफ साPव6ी बाई फ ु ले को पढ़ाना जार! रखा।
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उनक £दय म बगावत पैदा हई। उSह यह अzयापन +#श ण Pव|यालय म #श का का
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समझ म आया 9क इसक Lखलाफ संघष क> +#श ण लेने क #लए साPव6ी बाई का +वश
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शुdआत #श ा 5बना सJभव नह!ं। महा?मा फा%तमा शेख क साथ हआ। दोन' भारतीय
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फ ु ले ने वंUचत'/%नJन जा%तय' क> सेवा का म1हलाओं ने उfच अंको से इस पर! ा को
अ#भयान छड़ 1दया। क¹रपंथी बा¾मण उनक उ?तीण 9कया।
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Lखलाफ हो गए और फ ु ल पर ईसाई #मशनर! 7 अग त, 1848 म पूना क बुधवार पेठ म
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क प म काय करने का आरोप लगाया। Vयो%तबा ने अछ ू त बfच' क #लए एक क ू ल
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+?युतर म फ ु ले ने क¹रपंUथय' को पाखंडी शुd 9कया जो पूर भारत म अपने ढग का
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बताते हए 9कसान' व ~ा#मक' को उन पर पहला क ू ल था। साPव6ीबाई इसक> पहल!
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लगाए जा रह बंधन' को तोड़ने का आ¾वान #श का बनीं।
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9कया। महा?मा फ ु ले ने अपने जीवन म हमेशा 1851 म Vयो%तबा ने एक कSया पाठशाला
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बड़ी ह! +बलता से Pवधवा Pववाह क> वकालत +ारJभ क> एवं अपनी प?नी को #श क क>
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क>। Pवधवाओं क #लए 1854 ईसवीं म घर का भू#मका स}पी। बाद म दो शालाएं कवल %नJन
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%नमा ण करवाया। दूसर' क सामने आदश रखन जा%तय' क> बिfचय' क #लए शुd क> गई।
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क #लए अपने घर क दरवाजे सभी जा%त तथा प%त प?नी ने #मलकर लड़9कय' क #लए 18
वग क #लए हमेशा खुले रखेए इतना ह! नह! क ू ल खोल। 19 नवंबर, 1852 को पुणे
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अपने क ुं ए का पानी 5बना 9कसी भेदभाव क महाPव|यालय क +ाचाय मेजर कठt न एक
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सभी क #लए उपलhध करवाया। %नJन जा%तय' Pवशाल समारोह म 200 dपये का महाव 6
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क सशि&तकरण क उे`य से अपने घर क और ~ीफल दकर Vयो%तबा का सJमान 9कया
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आगे सामू1हक नान गृह का %नमा ण भी था। “बाJबे गाZड यन”, “पूना आhज़व र”
करवाया। “_ान+काश” और “_ानोदय” जैसे त?काल!न
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उनक> शाद! साPव6ी बाई क साथ 1840 म समाचार प6' ने Vयो%तबा क इस काय क>
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हई। शाद! क व&त साPव6ी बाई क> आयु मु&त कठ से सराहना क>।
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मई – जुलाई 62 लोक ह ता र