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P. 62

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                 और जा%तवाद व बंधन' क Lखलाफ जंग छड़ने               कवल  9  वष   थी।  Vयो%तबा  +%त1दन  खेत  म
                                                                                            े
                 का  +ण  #लया।  थोमस  पैन  क>  एक  पु तक           काम  करने  जाते  थे।  तीसर  पहर  साPव6ी  बाई
                 राईŠस  आफ  मैन  से  +भाPवत  होकर  फ ु ले  जी      भोजन लेकर खेत जाती, उस समय का उपयोग
                 ने  सामािजक  Sयाय  क  #लए  और  भारतीय             Vयो%तबा ने साPव6ी बाई को पढ़ाने म 9कया।
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                                                                                                      7
                                                                                                             े
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                 जा%तवाद क Lखलाफ अपना एक  ढ़  िMटकोण                इसक> चचा  उनक Pपता तक पहँची। समाज क
                                                                                  े
                                                                                                ु
                 बना  #लया।  फ ु ले  जी  ने 1हSदू  –ंथ'  का  गहन   डर से उनक Pपता ने Vयो%तबा को घर छोड़ने
                                                                              े
                                                                                                े
                 अzययन 9कया और इस %नMकष  पर पहँचे 9क               को  कहा।  Vयो%तबा  का  साथ  दते  हए  साPव6ी
                                                                                                    ु
                                                     ु
                 सामािजक  असमानता  जSमजात  नह!ं  ह,  यह            बाई  फ ु ले  ने  भी  घर  छोड़  1दया।  Vयो%तबा  न
                                                                                                             े
                                                      ै
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                 मानव %न#म त Dयव था ह। परJपराओं क नाम              अनेक  सामािजक  व  आUथ क  संकट  झेलते  हए
                                        ै
                                                                                                            ु
                 पर म1हलाओं पर होने वाल अSयाय क Lखलाफ              साPव6ी  बाई  फ ु ले  को  पढ़ाना  जार!  रखा।
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                                                   े
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                 उनक  £दय  म  बगावत  पैदा  हई।  उSह  यह            अzयापन  +#श ण  Pव|यालय  म  #शœ का  का
                                                                                                 7
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                 समझ  म  आया  9क  इसक  Lखलाफ  संघष   क>            +#श ण  लेने  क  #लए  साPव6ी  बाई  का  +वश
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                 शुdआत  #श ा  5बना  सJभव  नह!ं।  महा?मा            फा%तमा  शेख  क  साथ  हआ।  दोन'  भारतीय
                                                                                  े
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                 फ ु ले  ने  वंUचत'/%नJन  जा%तय'  क>  सेवा  का     म1हलाओं  ने  उfच  अंको  से  इस  पर! ा  को
                 अ#भयान  छड़  1दया।  क¹रपंथी  बा¾मण  उनक            उ?तीण  9कया।
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                 Lखलाफ  हो  गए और  फ ु ल  पर  ईसाई  #मशनर!         7  अग त,  1848  म  पूना  क  बुधवार  पेठ  म
                                                                                     7
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                 क  प   म  काय   करने  का  आरोप  लगाया।            Vयो%तबा  ने  अछ ू त  बfच'  क  #लए  एक   क ू ल
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                 +?युतर  म  फ ु ले  ने  क¹रपंUथय'  को  पाखंडी      शुd  9कया  जो  पूर  भारत  म  अपने  ढग  का
                                                                                                       ं
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                 बताते  हए  9कसान'  व  ~ा#मक'  को  उन  पर          पहला   क ू ल  था।  साPव6ीबाई  इसक>  पहल!
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                 लगाए  जा  रह  बंधन'  को  तोड़ने  का  आ¾वान         #शœ का बनीं।
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                 9कया। महा?मा फ ु ले ने अपने जीवन म हमेशा          1851  म  Vयो%तबा  ने  एक  कSया  पाठशाला
                                                                           7
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                 बड़ी ह! +बलता से Pवधवा Pववाह क> वकालत              +ारJभ  क>  एवं  अपनी  प?नी  को  #श क  क>
                                                                                                   े
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                 क>। Pवधवाओं क #लए 1854 ईसवीं म घर का              भू#मका स}पी। बाद म दो शालाएं कवल %नJन
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                 %नमा ण करवाया। दूसर' क सामने आदश  रखन             जा%तय'  क>  बिfचय'  क  #लए  शुd  क>  गई।
                                                                                                    े
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                  े
                 क #लए अपने घर क दरवाजे सभी जा%त तथा               प%त  प?नी  ने  #मलकर  लड़9कय'  क  #लए  18
                 वग क #लए हमेशा खुले रखेए इतना ह! नह!              क ू ल  खोल।  19  नवंबर,  1852  को  पुणे
                                                                              7
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                 अपने  क ुं ए  का  पानी  5बना  9कसी  भेदभाव  क     महाPव|यालय  क  +ाचाय   मेजर  कठt  न  एक
                                                                                                   ं
                                                          े
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                 सभी क #लए उपलhध करवाया। %नJन जा%तय'               Pवशाल  समारोह  म  200  dपये  का  महाव 6
                                                                                     7
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                 क  सशि&तकरण  क  उ•े`य  से  अपने  घर  क            और ~ीफल दकर Vयो%तबा का सJमान 9कया
                                  े
                 आगे  सामू1हक   नान  गृह  का  %नमा ण  भी           था।  “बाJबे  गाZड यन”,  “पूना  आhज़व र”
                 करवाया।                                           “_ान+काश”  और  “_ानोदय”  जैसे  त?काल!न
                                                                                              े
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                 उनक>  शाद!  साPव6ी  बाई  क  साथ  1840  म          समाचार  प6'  ने  Vयो%तबा  क  इस  काय   क>
                                                                          ं
                 हई।  शाद!  क  व&त  साPव6ी  बाई  क>  आयु           मु&त कठ से सराहना क>।
                             े
                  ु
               मई – जुलाई                             62                                                                   लोक ह ता र
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