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P. 61

आलेख


                                                 वं]चतD क मसीहा महाLमा tयो$तबा
                                                                े

                                                                           फ ु ल
                                                                                 े


                                                                                      े
                                               Vयो%तराव गो5बSदराव फ ु ल 19वीं शताhद! क एक बड़े समाज सुधारक,
                                                                      े
                                               स9$य +%तभागी तथा Pवचारक हए ह। महाराMš म जात-पात Pवरोधी
                                                                                             7
                                                                                 g
                                                                             ु
                                               आंदोलन क> शुdआत का इ%तहास Vयो%तबा फ ु ले क महान Dयि&त?व
                                                                                             े
                                               से  जुड़ा  ह।  Vयो%तबा, जो9क  गर!ब'  तथा  उ?पीZड़त जा%तय'  क  सfचे
                                                                                                       े
                                                        ै
                                               हमदद, महान जनवाद! तथा धम %नरपे  Dयि&त थे, द#लत' क 1हत' को

                                                                                                    े
                                                                                                             े
                                                                       े
                                                           े
                                               +ाथ#मकता दने तथा उनक 1हत म अपनी सार! शि&त लगा दने स
                                                                               7
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                                               कभी Pवच#लत नह!ं हए। चाह Pवधवा Pववाह का सवाल हो या #श ा
                                                                  ु
                                               का,  शराब  क>  दुकान'  का  मसला  हो  या  जा%तवाद!  शोषण  का,
                                                                                              े
               नौकरशाह! क दमन का मसला हो या महाजन' क> लूट तथा जमीन से 9कसान' क> बदखल! का, भारत
                           े
               क> आUथ क लूट का मसला रहा हो या 9फर आम जनता का पैसा फ ूँ क कर नया बाजार बनाने का, हर
               सवाल पर, हर मौक पर, उSहोन बे1हचक और पूर! तरह %नभ य होकर आम जनता क 1हत' क> र ा क>।
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               अछ ू त' क +%त उनका भावना?मक लगाव अभूतपूव  और ब#मसाल था तथा उनक> Sयाय क> धारणा सभी
                                                                    े
               उ?पीZड़त जा%तय' पर समान dप से लागू होती थी। जा%तवाद! भेद-भावना तो उSह छ ू  भी नह!ं पाई थी।
                                                                                         7
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               उSह'ने  मुसलमान'  तथा  ईसाइय'  क  #लए  भी  समान  दजº  क>  माँग क>।  इसम  अचरज  नह!ं  9क  उनक
               आंदोलन का मूल नाम “स?यशोधक” आंदोलन था। यह आंदोलन ‹ा¾यण' क> सवfचता पर आधाKरत
               1हंदू समाज-Dयव था क झूठ, अSयाय और दोगलेपन का Pवरोध करने वाला आंदोलन था। उSहोन ‹ा¾यण'
                                    े
                                                                                                     7
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               और उनक> Pवचारधारा क Lखलाफ अपना धम -युW छड़ रखा था।
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                 11 अ+ैल 1827 को महाराMš क सतारा िजल               कर 1दया। उनक मुि लम तथा ईसाई पडौ#सय'
                                                                                 े
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                 म  साधारण  माल!  पKरवार  म  उनका  जSम             ने  उनक>  अपार  बुPWमता  को  पहचानते  हए
                                                                                                            ु
                                                                              े
                 हआ। माल! जा%त को ‹ा¾मण' से %नJन जा%त              Vयो%तराव क Pपता को उSह  को1टश #मशुनस
                                                                                            7
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                                                                                         े
                                        े
                 का माना जाता था। उनक Pपता व चाचा चूं9क            हाई  क ू ल म भत” करन क #लए राजी 9कया।
                                                                               7
                 फ ू ल' का Dयवसाय करते थेए अतः पKरवार को           सन्  1848 म एक घटना  ने उनक जीवन क>
                                                                               7
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                 Mफ ु लेष ्   सJबोधन  से  जाना  जाता  था।  इनक>    दशा बदल द!। एक ‹ा¾मण पKरवार क> शाद!
                                                                                             7
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                                             े
                                                     े
                 माता का दहांत महा?मा फ ु ले क आयु क न}व           म  जाने  का  %नमS6ण  उSह  #मला।  दूnह  क
                           े
                                                                                                             े
                                                           े
                 मह!ने  म  ह!  हो  गया  था।  घर  क>  आUथ क         Kर`तेदार' ने फ ु ले को %नJन जा%त का होने क>
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                                                                                                             े
                                       े
                                    े
                 हालात अfछt न होन क कारण पढ़ाई बीच म                वजह  से  गा#लयां  द!  व  अपमा%नत  9कया।  व
                                                           7
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                 छ ू ट गई और उSह'न खेत म काय  करना शुd             समारोह  बीच  म  ह!  छोड़  कर  घर  लौट  आए
                                    े
               मई – जुलाई                             61                                                                   लोक ह ता र
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