Page 39 - E-Book 22.09.2020
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काया लय सृजन
डॉ. ए. क. गु
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मं ालय सृजन का इितहास:
ीमती इि दरा गाँधी ने अपने धानमं ी काय काल (1966-1977 और 1980-1984) म
पयावरणीय बहस क शु आत करते ए रा य घोिषत सामंज य िवकास क घोषणा क इसक उपरा त
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पयावरणीय मु क ापक मू यांकन क आधार पर 1976 म आपातकाल क दौरान, ीमती गाँधी ने
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संिवधान म अनु छद 48A जोड़ा जो िन वत है- “रा य पया वरण क संर ण और सुधार और देश क वन
और व य-जीव क र ा करने का यास करगा” उसी आदेश ने रा य सूची म से व य-जीव और वन को
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समवत सूची म ह तांत त या जो उपयु मामले पर रा य सरकार क िनण य को र करन क िलए
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क (संघ) को शि दान करता है। इस तरह क राजनीितक और संवैधािनक प वत न ने 1980 म
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पयावरण िवभाग क एक संघीय िवभाग क िनमाण क िलए आधार तैयार या, जो 1985 म पयावरण
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और वन मं ालय म बदल गया।
मं ालय क मु य काय :
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वन पितय , जीव , जंगल और व य जीवन का संर ण और सव ण,
दूषण क रोकथाम और िनयं ण,
वंिचत े का वनीकरण और उ थान,
पयावरण क सुर ा और पश का क याण सुनि त करना।
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ये उ य पया वरण क संर ण और संर ण क उ य से िवधायी और िविनयामक उपाय क एक समूह
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रा सम त है। िवधायी उपाय क अलावा,
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पयावरण और िवकास पर रा य संर ण रणनीित और नीित व , 1992,
रा य वन नीित, 1988,
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दूषण क उ मूलन पर नीित व , 1992,
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रा य पयावरण नीित, 2006,
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भी मं ालय क काम का माग दशन करती है।
े ीय काया लय सृजन का इितहास:
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वन भूिम क संर ण पर िवशष जोर देने क साथ चल रही वािनक िवकास प योजना और
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योजना क नगरानी और मू यांकन करना और वन (संर ण) क ावधान क तहत गैर-वािनक
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उ य क िलये वन भूिम क ह ता तरण से संबि धत ताव क तैयारी म रा य संघ शािसत
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सरकार को (वन संर ण अिधिनयम,1980) क तहत सलाह देना।
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