Page 10 - Aahaar Kranti Hindi July 2021
P. 10
10
आहार काांति जुलाई 2021
नई तकस्म बढाएगी
िोयाबीन उत्ादन
क ्वकि था िब भारि खाद्यान्न के मोचवे पर िं गहाल था, लेतकन हररि काां ति के बादसेनके्वलखाद्यान्नके मामलेमें
आतमतनभर्भ हुआ, बसलक आि देश के अनाि
भं डार लबालब भरे हुए हैं। श्ेि काां ति ने कमोबेश यही भूधमका दुगध उतपादों के मामले में तनभायी है। लेतकन, तिलहन के मामले में देश अभी भी अपनी आ्वशयकिा की पूति् से काफी पीछे है और उसके जलए आयाि पर तनभर्भ है। हालां तक, इस तदशा में कोशशशें हो रही हैं और ्वैज्ातनक भी इन प्रयासों को सफलिा देने के जलए नई-नई िकनीक त्वकजसि करने में िटु े हैं। इसी कड़ी
में सोयाबीन की एक नई तकस्म त्वकजसि की
गई है।
एमएसीएस (मैकस)1407 नामक यह तकस्म उतपादन में बढोिरी के साथ-साथ कीटों के प्रति अपेक्षाकृ ि रूप से अधधक प्रतिरोधी है। यह तकस्म असम, पजचिम बं गाल, झारखं ड, छत्तीसगढ और पू्ववोत्तर राज्ों की िमीन के
ज ल ए त ्व श े ष रू प स े अ न कु ू ल ह ै । इ न र ा ज् ो ं क े तकसानों को खरीफ सत 2022 के जलए इस नई तकस्म के बीि उपलबध कराए िाएं गे। यहां यह भी उललेखनीय है तक तफलहाल देश में सोयाबीन का रकबा मखु य रूप से महाराष्ट् ा और
डांियािाइिां वायर
इए
मधयप्रदेशिैसेक्षेतोंिकहीसीधमिहै।ऐसे में, इससे न के ्वल पारं पररक फसल उतपादकों पर दबा्व घटेगा, बसलक पू्वशी भारि के इलाकों में फसल त्वत्वधीकरण को भी बढा्वा धमलेगा। सरकारस्वयं यहमानिीहैतकदेशमेंअगली यानी िीसरी हररि काां ति पू्वशी भारि के माधयम से ही सं भ्व होगी। ऐसे में, सोयाबान की यह नई तकस्म उसकी आधारशशला रखने में अहम भूधमका तनभा सकिी है।
्वष्भ 2019 के दौरान भारि में नौ करोड़ टन सोयाबीन का उतपादान हुआ। इस महत्वपूण्भ फसल का उतपादन मखु य रूप से तिलहन के रूप में तकया िािा है। साथ ही, यह म्वेशशयों के जलए भी प्रोटीन का एक अहम और तकफायिी स्ोि माना िािा है। भारि सोयाबीन के तदगगि उतपादकों में से एक है। तफर भी देश में खाद्य
िेलों की तनरं िर बढिी आ्वशयकिा को देखिे हुए इसके उतपादन को प्रोतसाहन देने की आ्वशयकिा है। ऐसे में, उचच पैदा्वार ्वाले, बीमाररयों से तनपटने में सहायक तकस्म ्वाली फसल इस लक्ष्य की पूति् में सहायक जसधि हो सकिी है।
सोयाबीन की वकस्में
सोयाबीन की 44 वकस्में हैं जजनका भारत में खेती के जलए इसतेमाल वकया जाता ह।ै भारत के ववजभन्न राजों के जलए उपय्ु त वकस्मों की एक परू ी सरू ी भारतीय सोयाबीन अनसु ं धान सं स्ान (आईसीएआर) की वेबसाइट पर उपलबध ह।ै वेबसाइट पर उनके परू ी तरह से पकने या ववकास करने, अं कु रण क्षमता, कीटों और कीटों के प्रवतरोध, नष्ट होने से सवयं को बराने, देरी से बवु ाई होने पर काम आने वाली उपयोगी वकस्मों, प्रोटीन ततव, तेल ततव, टोफू गणु वत्ा आदद के आधार पर वकस्मों को भी सरू ीबधि वकया गया ह।ै सं स्ान अनसु ं धान, फसल के सधु ार, उतपादन और सं रक्षण, कृ वष मशीनीकरण, आदद में भी सवरियता से काम कर रहा ह।ै
बवु नयादी पोषण का आव्् क स्ोत होने के कारण सोयाबीन देश में प्रोटीन-ऊजा्त
कु पोषण का मकु ाबला कर सकता ह।ै इसके अलावा, आइसोफलेवोनस, टोकोफे रोल और
लेससव्न जैसे पौवष्टक-औषधीय घटक प्रररु मात्ा में होने के कारण, दैवनक आहार में सोयाबीन का उपयोग कई जानलेवा बीमाररयों के जोद्खम को कम कर सकता ह।ै जैसे वक सतन कैं सर, मधमु ेह, हृदय रोग, आ ससटयोपोरोससस। सवास्थ्य को बढावा देने वाले इन गणु ों के बावजदू , देश में उतपाददत कु ल सोयाबीन में से
के वल पां र प्रवतशत का उपयोग खाने के जलए वकया जाता ह।ै सोयाबीन के सवास्थ्य लाभों के बारे में कम जागरूकता के अलावा, सोया उतपादों
से जड़ु े सवादहीन सवाद, दटरि प्सन अवरोधक जैसे पोषण-ववरोधी कारकों की उपपस्वत, सोयाबीन में पेट फू लने वाले घटक खाद्य पदा््त के
रूप में सोयाबीन के अनाज का उपयोग करने से रोकते ह।ैं सोयाबीन वनदेशालय ने अपने फसल सधु ार कायरि्त म में सोयाबीन के खाद्य सतर
के ववकास में अपने अनसु ं धान कायरि्त म को तैयार वकया है जो खाद्य उपयोग में सोयाबीन के उपयोग को बढाने में मदद कर सकता ह।ै