Page 14 - Aahaar Kranti Hindi July 2021
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आहार काांति जुलाई 2021
आयुववेद मांरन
चचतकत्ा का तवज्ान
15मई 2021 को आय्वु दवे और स्वास्थ्य पर एक ्वतेबनार, आहार काांति टीम और तह्रदू यूतन्वजस्टी
आफ अमरे रका द्ारा सं यकु ि रूप से आयोजिि तकया गया। चचा्भ का त्वषय था की भोिन द्वा कै से बन सकिा ह?ै पनै जलसट थे डा िनिु ा
नसे ारी, तनदेशक और प्रमखु , टट् ां सलशे नल ररसच्भ एं ड बायोसटैटटक, अशखल भारिीय आय्वु दवे
सं सथान, भारि सरकार; प्रो. शयामला प्रसाद, एक आय्वु तवेदक धचतकतसक और भग्वान धन्वंिरर
परु सकार प्रापिकिा;्भ प्रो. लीना पटै रकाइन,
हरै रसबग्भ त्वश्त्वद्यालय में ि्वै प्रौद्योधगकी की शशजक्षका; डा रशमी कु लकणशी, हाइडट् ोपोतनकस में उद्यमी,इंटेग्रटे ेडग्रपरू ,किरमेंप्रबंधभागीदारके रूप में और आहार काां ति के जलए एक िी.आइ. एस.टी स्वयं स्वे क; श्री ियं ि सहस्बधिु े, राष्ट् ीय आयोिन सधच्व, त्विनना भारिी; और श्री प्रफु लल कृ षण।
डा रशमी कु लकणशी ने डा िनिु ा नसे ारी का दशक्भ ों से पररचय कराया। अपनी बािचीि में डा नसेारीनेिोरदेकरकहातककैसेआय्वुदवेनके्वल िी्वन का त्वज्ान ह,ै बसलक यह स्वसथ और सखु ी िी्वन के जलए एक ज्ान प्रणाली ह।ै यह मान्व िी्वन के हर पहलू को छू िा ह।ै यह न के ्वल एक धचतकतसात्वज्ानहैबसलकएकआधयासतमकऔर सामाजिक सिं भ है िो मन, शरीर और आतमा के बीच सामं िसय सथातपि करिा ह।ै
यतद हमारे आस-पास का ्वािा्वरण और हमारे आस-पास का हर वयककि सा़ि, स्वच् और स्वसथ ह,ै िो हम स्वसथ रहिेह।ैं उनहोंनेचरक सं तहिा के बारे में चचा्भ की िो गरुु शशषय परमपरा पर आधाररि है िो अतये ने अपने शशषय चरक को जसखाया था और उसके बाद उसके द्ारा उसके शशषयों में प्र्वातहि हुआ। कहा िािा है की अगर तकसी एक वयककि का इलाि करिे हैं िो एक
िान बचिी है परं िु अगर आप एक धचतकतसक को बनािेहैंिो लाखों िानों को बचाया िा सकिा ह।ै
डा शयामला प्रसाद ने प्रोफे सर नसे ारी से आय्वु दवे के भत्वषय पर अपना दृतष्कोण साझा करने का अनरु ोध तकया और यह भी बिाया तक
यदद हमारे आस-पास का वातावरण और हमारे आस-पास का हर वयक्त साफ़, सवच् और सवस् ह,ै तो हम सवस् रहते ह।ैं कहा जाता है की अगर वकसी एक वयक्त का इलाज करते हैं तो एक ज ा न ब र त ी ह ै प रं त अ ग र आ प ए क जरवकतसक को बनाते हैं तो लाखों जानों को बराया जा सकता ह।ै
कै से देश त्वश् गरुु बन सकिा ह।ै प्रो. नसे ारी ने आय्वु दवे में्वजण्ि एक स्वास्थ्य की अ्वधारणा के बारे मेंत्वसिार सेबिाया, जिसेसं प्रतेषि तकया िाना चातहए और गं भीरिा से अभयास तकया िाना चातहए।
यह ्विम्भ ान महामारी की ससथति के दौरान त्वशषे रूप से महत्वपूण्भ ह।ै ्वायरल लोड को
कम करने के जलए सभी पां च पहलओु ं, िल, ्वाय,ु आकाश, अधनि और पृथ्वी को शधिु होना चातहए। आय्वु दवे मानजसक, आधयासतमक और सामाजिक स्वास्थ्य में सधु ार का आह्ान करिा है िो बदले
में हमारे शारीररक स्वास्थ्य में सधु ार करिा ह।ै आय्वु दवे में रोकथाम एक महत्वपूण्भ अ्वधारणा
ह।ै यहएकअच्ाआहार,िी्वनशलै ी,त्वचार प्रतकया, एक अच्ी ितै ्वक घड़ी और आहार, तनरिा और बह्मचय्भ का पालन करने पर िोर देिा ह।ै
उनहोंने िोर देकर कहा तक द्वा का भत्वषय कोई द्वा नहीं है िो शरीर और मन के आतम- रखरखा्व को सतुनजचिि करेगी। अगर यह सं देश दुतनया भर में प्रचाररि तकया िािा ह,ै िो यह भारि की ओर से दुतनया को सबसे बड़ा उपहार होने िा रहा ह।ै यह भारि की साफट पा्वर ह।ै
तफर उनहोंने 'अिरु सय दादी पररमोक्ष' के बारे में बाि की, जिसका अथ्भ है बीमारी का पूण्भ या समग्र इलाि।आय्वुदवे के्वलगरै-संचारीयापरुानी बीमारी के जलए नहीं ह।ै
महामारी ने हमें जसखाया है तक आय्वु दवे
सं चारी रोगों के जलए भी उिना ही महत्वपूण्भ ह।ै प्रौद्योधगकी को आय्वु दवे के शास्तीय ज्ान के साथ एकीकृ ि करना होगा िातक यह समकालीन और प्रासं धगक बने और मखु यधारा की द्वाएं प्रदान करे। आय्वु दवे के ्वज्ै ातनक तनयमों, जसधिां िों और अनप्रु योगों को साक्ष्य-आधाररि प्रथाओं द्ारा लोकतप्रय और समधथ्ि तकया िाना चातहए।
  










































































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