Page 4 - Aahaar Kranti Hindi July 2021
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आहार काांति जुलाई 2021
‘‘रसायन’’ शाखा - से तनकला ह।ै आय्वु दवे की यह शाखा हमें बिािी है तक हम तकस प्रकार अच्ा स्वास्थ्य प्रापि कर सकिे ह,ैं तकस प्रकार रोग प्रतिरोधक क्षमिा को बढा सकिे हैं िथा शरीर ए्वं मससिषक को तकस प्रकार िी्वं ि और पनु िशीत्वि कर सकिे ह।ैं ’’
आं ्वले का अपना एक अलग ही स्वाद होिा ह।ै यह स्वाद कई स्वादों का धमश्रण होिा है िसै े तक िीखा, कड़्वा, मीठा और कसलै ा। यह खट्ा, कसलै ा, कड़्वा, िीिा, मीठा, शीिल, पीड़ानाशक, आं खों के जलए लाभादायक, ्वािहर, पाचक, भूख बढाने ्वाला, त्वरेचक, कामोत्तिे क, यौ्वनदायक, मूत्वधक्भ , ज्वरनाशी, शककि्वधक्भ एक साथ कई गणु जलए हुए ह।ै यह फल स्वाद में अत्नि खट्ा होिाहैतक्र िुइसेखानेके कुछसमयबादयह मीठा स्वाद देिा है िो तक इसकी गणु कारी और यौ्वनदायकगणुोंकासंकेिकह।ै
प्रयोगशाला में बने कृ ततम त्वटाधमन सी (एसका तब् क एजसड) के त्वपरीि आं ्वले को
इसके सं पूण,्भ अनपु चाररि रूप में स्वे न करने से इसके सभी लाभों को प्रापि तकया िा सकिा ह।ै आं ्वले का एक त्वशषे गणु इसे अलग बनािा
ह।ै इसका त्वशषे गणु यह है तक इसमें सं पूण्भ त्वटाधमन सी का मपलकै स श्रं ृखला ससममजलि ह,ै जिसमें सहतकयातमक त्वटाधमन, खतनि (िसै े
तक कै क्शयम, मधै निशशयम, पोटैशशयम, लौह,
िां बा आतद), एं टटआकसीडेंट्स, एधमनो एजसड, एलके लोएड् स, टैतननस, फल्वै ने ोएड् स िथा अनय कई पोशक ित्व पाए िािे हैं िो तक प्रयोगशाला में ियै ार की गई त्वटाधमन की गोजलयों में नहीं पाए िाि।े आं ्वले के बारे में एक रोचक िथय यह है
तक इसमें त्वटाधमन सी की माता नींबू से छः गनु ा अधधक होिी ह।ै
केनरिीय आय्वु तवेदक ए्वं जसधि त्वज्ान
अनसु ं धान पररषद् (सीसीआरएएस) द्ारा तकए गए एकशोधसेपिाचलाहैतकततदोश,मधमुहे,
खां सी, असथमा, बों काइटटस, सफे ाललजिया,
नते रोग, अपच, पटे का दद्भ, पटे फू लना, अति
आं वले का वनयवमत रूप से सवे न करनेसेकईप्रकारकेकैंसर ववकास और प्रसार को रोका जा सकता ह,ै जसै े की सतन, गभाश्त य, पटे औरयकृतकाकैंसर।बद्ुधि और स्मरण शक्त को बढाने में भी यह मदद करता ह।ैं
अमलिा,पतेटिकअलसर,एररजसपले ास,त्वचारोग, कु ष्ठ रोग, रकििनन, सूिन, रकिालपिा, क्षीणिा, यकृित्वकृति,पीजलया,दम/गलाघटुना,दसि, पधेचश, रकिस्ा्व, प्रदर, अतिरि, हृदय रोग, रुक- रुक कर होने ्वाला बखु ार िथा बालों का सफे द होना िसै ी त्वकृ ि पररससथतियों में यह उपयोगी ह।ै
आं ्वले का तनयधमि रूप से स्वे न करने से कई प्रकार के कैं सर के त्वकास और प्रसार को रोका िा सकिा ह,ै िसै े तक सिन, गभाश्भ य, अनिाशय, पटे और यकृ ि का कैं सर। कैं सर के उपचार में प्रयोग की िाने ्वाली रेतडयोथरै ेपी और कीमोथरै ेपी के दुषप्रभा्वों को रोकने ए्वं /या कम करने में यह सहायक जसधि हो सकिा ह।ै आं ्वले के फल में 18 से अधधक यौधगक पाए गए हैं िो तक गसै सटट् क और गभाश्भ य कैं सर कोशशकाओं पर एं टी-प्रोजलफे रेटट्व तकया कर सकिे ह।ैं
चय्वनप्राश िसै ,े कई ऐसे पारं पररक आय्वु तवे दक उतपाद हैं जिनमें आं ्वला मखु य पदाथ्भ के रूप में उपयोग तकया िािा ह।ै बजु धि और स्मरण शककि को बढाने में भी यह मदद करिा ह।ै ततफला ए्वं बह्मरसायन ्वे अनय परु ािन द्वाएं हैं जिनमें अनातद काल से आं ्वले का उपयोग तकया िा रहा ह।ै